जियो और गूगल बनाएंगे सस्ते एंड्रॉयड स्मार्टफोन

मीडिया स्वराज डेस्क

भारत के टेलीकॉम सेक्टर के बड़े हिस्से पर अपना नियंत्रण जमा चुके एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अम्बानी अब 5जी के क्षेत्र में भी अपना दम खम दिखाने को उत्सुक हैं। बुधवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज की सालाना आम बैठक (AGM) में की गई उनकी यह घोषणा इस समय और भी महत्वपूर्ण हो जाती है जब 5जी नेटवर्क और उपकरणों पर महारथ रखने वाली चीन की हुवावे कंपनी को अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और भारत समेत कई देश ब्लैक लिस्ट करने की राह पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही भारतीय कंपनियों से हुवावे का विकल्प बनने के प्रयास करने को कह चुके हैं।

बैठक (एजीएम) में मुकेश अम्बानी ने बताया कि दुनिया की चार सबसे बड़ी कंपनियों, फेसबुक, एप्पल, नेटफ्लिक्स और गूगल द्वारा हाल ही में जियो में किये गए बड़े बड़े निवेश दुनिया को आश्चर्यचकित कर रहे हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस बैठक को गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि साथ मिल कर दोनों कंपनियां ग्राहकों तक अधिक बेहतर और प्रभावशाली रूप से पहुच पाएंगी, जो कि अकेले मुश्किल होता।

गूगल, पिछले 12 महीनों में जियो में निवेश करने वाला 13वां बड़ा निवेशक बन गया है। निवेश के तहत गूगल जियो में 7.7 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगा। उल्लेखनीय है कि हाल ही में गूगल ने भारत में डिजिटल इंडिया के लिए 75,000 करोड़ निवेश करने का एलान भी किया है। इसके अलावा फेसबुक की जियो में हिस्सेदारी 9.9 प्रतिशत है।

स्टार्ट अप पर जोर

टेलीकॉम से ले कर तेल शोधन तक के व्यवसाय में मजबूत पकड़ रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) खुद को ‘स्टार्ट अप’ और ‘मेक इन इंडिया’ के लिए प्रतिबद्ध मानती है। अपने जियो व्यवसाय को स्टार्ट अप बताते हुए मुकेश अम्बानी ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारत के नए स्टार्टअप्स के साथ भी निकट भविष्य में भागीदारी करेगी। इसके माध्यम से वह प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को भी बढ़ावा देना चाहते हैं। भले ही अम्बानी छोटे और मझोले स्टार्ट अप को बढ़ावा देने की बात कर रहे थे किंतु यह किसी से छुपा नही है कि खुद उनकी कंपनी जियो, अन्य बड़े बिज़नेस स्टार्ट अप के लिए प्रतिस्पर्धी बन चुकी है। इनमें पेटीएम, बॉयजू, उड़ान आदि का नाम लिया जा सकता है।

जियो और गूगल बनाएंगे सस्ते एंड्रॉयड स्मार्टफोन

कंपनी की 43वीं वार्षिक बैठक (एजीएम) में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन ने 2जी मुक्त (2G MUKT) टेलीकॉम सेक्टर का एलान किया है। इसके तहत जियो, गूगल के साथ सस्ते एंड्रॉयड स्मार्टफोन भी बाजार में उतरेगा। इसके तहत देश के सभी 2जी फीचर फोन उपभोक्ताओं को स्मार्टफोन पर लाने की कोशिश होगी।

एजीएम में अंबानी ने बताया कि कंपनी ने वैश्विक स्तर के अनुसार 5जी नेटवर्क लगभग तैयार कर लिया है। जियो का दावा है कि उसके 5जी नेटवर्क में पूरी तरह से घरेलू उपकरणों का इस्तेमाल हुआ है। इसके लिए 20 से अधिक स्टार्टअप्स की मदद ली गई है। अंबानी ने बताया कि गूगल ने जियो में 33,737 करोड़ रुपये का निवेश किया है जिसके बदले उसे 7.7 फीसदी होगी हिस्सेदारी मिलेगी।

नया आकर्षण ‘जियो ग्लास’

यह बात गौर करने की है कि रिलायंस इंडस्ट्री हर साल एजीएम में नए प्रोडक्ट की घोषणा करती है। इस बार कंपनी ने ‘जियो ग्लास’ पेश किया है। तकनीकी के क्षेत्र में इसे भी जियो की लंबी उड़ान के रूप में देखा जा रहा है।

जियो ग्लास की मदद से वर्चुअल तौर पर 3डी अवतार के जरिए बातचीत हो सकेगी। बैठक के दौरान इसका डेमो भी दिखाया गया। जियो ग्लास के जरिए आप बोलकर एक साथ दो लोगों को वीडियो कॉल कर सकते हैं। जियो ग्लास एक मिक्स्ड रियलिटी स्मार्ट ग्लास है जिसको खासतौर पर होलोग्राम कंटेंट के लिए पेश किया गया है।

बातचीत के दौरान आप ग्लास (चश्मे) में ही उस शख्स का 3डी अवतार देख सकेंगे जिसे आपने कॉल किया है। खास बात यह है कि जियो ग्लास में 3डी और 2डी दोनों तकनीकों का सपोर्ट दिया गया है। जियो ग्लास का वजन महज 75 ग्राम है, जो कि इसका एक खास फीचर साबित हो सकता है।

इसके साथ ही जियो ग्लास में स्मार्टफोन का कंटेंट भी एक्सेस किया जा सकता है। इसके लिए एक केबल का इस्तेमाल करना होगा। जियो ग्लास में 25 एप्स का सपोर्ट दिया गया है। हालांकि अभी इसकी कीमत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

जियो द्वारा हाल ही में लाये गए नए एप ‘जियोमीट’ के बारे में मुकेश अंबानी ने बताया कि लॉन्चिंग के बाद बहुत कम समय में इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप को 50 लाख से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है। जियोमीट एप एक क्लाउड आधारित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म है जिसे एप और डेस्कटॉप दोनों पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

इसके अलावा रिलायंस ने खुदरा बाजार के लिए अपनी भविष्य की योजनाओं के तहत जियो मार्ट के बारे में भी विचार साझा किए।

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