आईपीएल : विवादों से नहीं छूट रहा नाता

आदर्श प्रकाश सिंह। आईपीएल का तेरहवां संस्करण संयुक्त अरब अमीरात में 19 सितम्बर से शुरू हो चुका है।

अब तक जो मैच हुए हैं उससे चैंपियन का अनुमान लगाना आसान नहीं है। वजह, अभी कई मैच खेले जाएंगे।

उसके बाद आठ टीमों के बीच अंतिम दौर में पहुंचने की लड़ाई शुरू होगी।

दुनिया में आईपीएल क्रिकेट का एक ब्रांड बन चुका है।

भारत के अलावा विदेशी खिलाड़ी भी इसमें शिरकत करते हैं, इसलिए इसकी लोकप्रियता काफी बढ़ गई है।

सबसे बड़ी बात यह कि प्रमुख कंपनियों का पैसा आईपीएल में लगता है। ये कंपनियां बोली लगा कर विश्व के नामी क्रिकेटरों को अपनी टीम के लिए खरीदती हैं।

यही वजह है कि कोरोना काल में कई खेल प्रतियोगिताएं स्थगित हो गईं लेकिन आईपीएल को देर से ही सही, लेकिन कराया जा रहा है।

पहले यह आयोजन मार्च-अप्रैल में होना था। हर साल यह टूर्नामेंट भारत में गर्मियों के दिनों में होता है। मगर, कोरोना महामारी ने इसका शेड्यूल बिगाड़ दिया।

इसी साल टोक्यो में अगस्त में होने वाला ओलंपिक टल गया। अक्टूबर-नवंबर में ऑस्ट्रेलिया में होने वाला टी-20 विश्व कप भी स्थगित हो गया।

आईपीएल आयोजन था बीसीसीआई की चुनौती

बीसीसीआई के सामने आईपीएल कराने की चुनौती थी। इसे टालने से अरबों रुपये के नुकसान का खतरा था। फ्रैंचाइजी कंपनियों को बड़ी आर्थिक क्षति होती।

इसलिए यह रास्ता निकाला गया कि इसे भारत के बाहर सुरक्षित माहौल में कहीं करा लिया जाए।

संयुक्त अरब अमीरात से भारत के संबंध अच्छे हैं और पहले भी आईपीएल के मैच वहां कराए जा चुके हैं।

आपको याद होगा 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी प्रारंभ के कुछ मैच संयुक्त अरब अमीरात में हुए थे।

विशेश परिस्थितियों में भारत से बाहर इसे कराने का मौका 2009 में भी आया था। उस समय भी देश में आम चुनाव हो रहे थे।

तब इसका आयोजन दक्षिण अफ्रीका में हुआ था।

कोरोना ने तो पूरे विश्व को ही झकझोर दिया है और भारत में हालात निरंतर खराब ही हो रहे हैं। इस नाते यहां मैच कराना संभव ही नहीं था।

संयुक्त अरब अमीरात में जैव सुरक्षा माहौल में ये मैच हो रहे हैं।

दर्शकों को मैदान में आने की अनुमति नहीं है। वहां पहुंच कर पहले खिलाड़ियों को क्वारंटीन में रहना पड़ा। कहने का आशय यह कि सारे एहितयात बरते जा रहे हैं।

विवादों से आईपीएल मैचों का नाता

आईपीएल के मैचों में विवाद भी खूब उछलते हैं। 2008 में जब से इसका आयोजन शुरू हुआ है, ऐसा कोई साल नहीं गुजरा कि इसमें विवाद न उठे।

मैच में सट्टेबाजी के चलते तेज गेंदबाज श्रीसंत का करियर ही खराब हो गया।

स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह द्वारा श्रीसंत को थप्पड़ मारने का मामला बहुत चर्चित हुआ था।

मैचों के दौरान चीयर लीडर्स की भाव भंगिमा पर सवाल उठाए गए। मुंबई में शिवसेना ने इसका जबर्दस्त विरोध किया।

पिछले साल मांकडिंग प्रकरण चर्चा में आया था।

पंजाब टीम के स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने नान स्ट्राइकर छोर पर खड़े बल्लेबाज को आउट कर दिया था। इसे लेकर मुद्दा उठ गया कि यह नैतिक रूप से गलत है।

मगर क्रिकेट के नियमों के अनुसार यह उचित था। गेंद डालने से पहले यदि दूसरे छोर का बल्लेबाज क्रीज छोड़ कर आगे बढ़ जाए तो उसे आउट किया जा सकता है।

काफी साल पहले भारतीय खिलाड़ी मांकड इस तरह आउट किए गए थे। इसीलिए इसका नाम मांकडिंग पड़ गया।

ताज्जुब तो यह कि नए संस्करण में दूसरे ही दिन शॉर्ट रन को लेकर अम्पायर पर सवाल उठ गए हैं।

उनके गलत फैसले से पंजाब को हार का मुंह देखना पड़ा।

युवा दिखा रहे जलवा

आईपीएल-13 में अभी तक जो मैच हुए हैं उसमें दो युवाओं ने ध्यान खींचा है।

केरल के युवा बल्लेबाज देवदत्त पडीक्कल ने रायल चैलेंजर्स बेंगलुरू की ओर से खेलते हुए 42 गेंद पर 56 रन बना कर दिल जीत लिया।

यह उसका पहला ही मैच था। पारी शुरू करते हुए 20 साल के इस लड़के ने जोरदार प्रदर्शन कर अपनी टीम को जिता दिया।

यहां तक कि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने भी देवदत्त की तारीफ की है।

राजस्थान रायल्स टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन ने 74 रन बना कर अपना जलवा दिखाया है।

उसकी पारी से धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई की टीम चित हो गई।

ये दोनों युवा भविश्य की उम्मीद हैं।

धोनी पर है सबकी नजर

वैसे तो पूर्व कप्तान धोनी अंतरराश्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं लेकिन आईपीएल में खेलना जारी रखेंगे।

वह चेन्नई सुपर किंग टीम के कप्तान हैं। उनके संन्यास को लेकर काफी सस्पेंस बना हुआ था।

देखना होगा कि वह अपनी टीम को चैंपियन बना पाते हैं या नहीं।

उनकी टीम के स्टार खिलाड़ी सुरेश रैना दुबई से वापस लौट आए। हरभजन ने भी अपना नाम वापस ले लिया।

धोनी की टीम में युवा कम हैं पर अनुभवी सदस्यों की भरमार है।

वह खुद बैटिंग आर्डर में नीचे आ रहे हैं। इससे उनकी आलोचना हो रही है।

धोनी पर अपने नाम के मुताबिक प्रदर्शन करने का दबाव हमेशा रहता है।

2010 और 2011 में वह चेन्नई को चैंपियन बना चुके हैं।

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