कब्ज और बवासीर से छुटकारा कैसे पाएँ…
कब्ज और बवासीर आजकल बहुत ही आम हो गया है , एक ऐसी समस्या है जिसके कारण मरीज का पेट ठीक से साफ नहीं होता और शौच के दौरान काफी दिक्कतें आती हैं । इस कारण कब्ज के रोगी को कई बार शौच के लिए जाना पड़ता है। किसी काम में मन नहीं लगता। कब्ज जब बहुत दिनों तक रहता है तब वो बवासीर बन जाती है। 8 मुख्य समस्याए है इंसानों में होती है जिनमे कब्ज एक महान कष्टकारी रोग है।
चरक संहिता में इसको एक बहुत ही बड़ी समस्या माना गया है और इसको दुश्मन के समान पीड़ा देने वाला रोग कहा जाता है।
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कब्ज क्यों होता है? कब्ज होने के बहुत सारे कारण हैं जिनमे सबसे मुख्य कारण है- आहार की कमी होना, कम खाना खाना, कई बार मैदे से बने एवं तले हुए मिर्च-मसालेदार भोजन का सेवन करने से भी कब्ज हो जाता है , पानी कम पीना से भी कब्ज की समस्या हो जाती है, अक्सर यह देखा गया है की समय पर भोजन ना करने से भी कब्ज हो जाता है। देर रात तक जागने की आदत भी कब्ज को न्योता देती है ।
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कब्ज एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें व्यक्ति का पाचन तंत्र खराब हो जाता है, जिसके कारण वह जो भी खाना खाता है उसे पचा नहीं पाता है। इसको आम भाषा में हम गंभीर नहीं मानते है लेकिन जब कब्ज ज्यादा बढ़ जाता है तो यह अक्सर बवासीर का रूप ले लेता है। मल त्याग की गति हर व्यक्ति में अलग-अलग होती है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति 3 दिन से अधिक तक शौच नहीं जाता है तो उसको कब्ज की शिकायत हो जाती है।।
कब्ज और बवासीर
कब्ज के लक्षण- कब्ज के लक्षण की अगर बात करें तो बहुत सारे हैं जिसमे सबसे ज्यादा साधारण है – पेट दर्द होना और भारीपन रहना, पेट में गैस बनना, मल का सख्त (कठोर) एवं सूखा होना, और कई बार इसकी वजह से सिर में दर्द का रहना।
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कब्ज से बचने के उपाय बहुत सारे हैं जैस की खाना ठीक समय पर खाने से कब्ज की समस्या कम हो जाती है। कुकरूँ की पोजीशन में कम से कम बैठे । व्यायाम समय पर करें और खान पान पर ध्यान दें। कब्ज को दूर करने का सबसे अच्छा इलाज है चोकर वाले आटे का प्रायोग करें जिसमे रफेज की मात्रा ज्यदा हो, छिलके वाली दाल खने से आराम मिलता है
परिवार में अगर पहले से किसी को अगर बवासीर है तो मोस्ट चान्सेस होते है की उनको भी हो सकता है. इसलिया पहले से ही सावधान रहें कब्ज न होने दें . अगर कब्ज नहीं होगा तो आपकी तकलीफें आगे नहीं बढेंगी .
कब्ज का मूलकारण यह भी होता है की आप समय से खाना नहीं खाते हैं .जब लोग ट्रेवल करते है तो ये दिक्कत हो जाती है .बॉडी के रिदम को सही तरीके से नहीं रखने से भी कब्ज होते हैं . पानी की अगर बॉडी में कमी है तो कब्ज होना अनिवार्य है . अगर मल साफ नहीं हो रहा है तो उम्मीद है की आपको कब्ज हो सकता है .
कब्ज के कारण पाचन क्रिया बिगड़ जाती है। इसी तरह चेहरे पर मुंहासे निकलना, काले दाग उत्पन्न होना, शौच के बाद भी ऐसा महसूस होना कि मानो पेट साफ नहीं हुआ हो|दही बाजार का नहीं लेना चाहिए.
बवासीर
बवासीर की समस्या आजकल लोगों में आम हो गई है और इसकी सबसे बड़ी वजह है जो देखी जा सकती है वो है एक्सरसाइज न करना या कई बार सही तरीके से नहीं करना और जंकफूड का ज़्यादा सेवन ज्यादा मात्रा में करना । दरअसल, गलत कई आर गलत जीवनशैली के कारण भी बवासीर की समस्या बढ़ जाती है।आयुर्वेद का मानना है की अगर आप हेल्दी लाइफस्टाइल अपना लें और अपने खानपान का ध्यान रखें तो इस बीमारी से बच सकते हैं। बवासीर हो जाने पर कुछ घरेलू उपचार करने या कई बार एस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए सही खान पान से भी ठीक हो सकते हैं.
बवासीर आम भाषा में दो तरीके के होते हैं- खूनी बवासीर और बादी वाली बवासीर.. खूनी बवासीर के नाम से ही अंदाजा लगा सकते हैं की की इसमें खून गिरता होगा और इसमें मस्से खूनी सुर्ख होते है, जबकि बादी वाली बवासीर में मस्से काले रंग के होते है और मस्सों में खाज पीडा और सूजन दिखाई पड़ती है। इसमें तकलीफ बहुत होती है.
कब्ज के कारण पेट जब साफ नहीं होता है और मल त्याग में जोर लगाना पड़ता है तो अक्सर उसकी वजह से बवासीर की समस्या हो जाती है। जो लोग ज़्यादा देर तक खड़े होकर काम करते हैं, उन्हें भी बवासीर की समस्या हो जाती है। हमारे एक्सपर्ट बताते हैं की बवासीर अगर किसी को है तो ऐसे लोगों को अपना ज्यादा ध्यान रखना चाहिए और जो लोग बहुत ज्यादा देर तक खड़े होकर काम करते हैं उनको भी यह समस्या हो सकती है। एक्सपर्ट का मानना है की बवासीर के मरीजों को ओट्स, ब्राउन राइस, मल्टी ग्रेन ब्रेड आदि का सेवन अवश्य करना चाहिए. ये आसानी से पच जाते हैं और शौच में दिक्कत नहीं होती है. दही या छाछ के सेवन से पाचन बेहतर होता है|
बवासीर से बचने का सबसे अच्छा उपाय है की आप गर्म पानी में बैठ के निचले हिस्से की अच्छे से सिकाई करें, इससे आराम मिलेगा . साथ ही रात में इसफ घोल की भूसी का प्रयोगकरें ताकि सुबह में मल आराम से हो सके ताकि कब्ज की दिक्कत ना हो |
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सेहत की बात आयुर्वेद के साथ. चर्चा में राम दत्त त्रिपाठी के साथ डॉ शिव शंकर त्रिपाठी