संसार की सबसे महंगी सब्जी हॉप शूट्स की खेती बिहार में

अमूमन ऐसा समझा जाता है कि मांसाहार महंगा होता है और साग सब्जियां सस्ती होती है। बिहार में हो रही दुनिया की सबसे महंगी सब्ज़ी हॉप शूट्स की खेती, जानें क्यों है उसकी चांदी से भी अधिक कीमत?

बिहार में हॉप शूट्स की खेती सुर्खियों में आयी है । यह सब्ज़ी हॉप प्रजाति के पौधों की पत्तियां हैं। इसके फूलों को हॉप्स के नाम से जाना जाता है ।हज़ार साल पहले  बीयर में कड़वाहट लाने के लिए उसका इस्तेमाल किया जाता था ।

 फिर भोजन में स्वाद बढ़ाने के लिये हॉप शूट्स का चलन बढ़ा और चिकित्सा में उसका उपयोग हुआ। बाद में जब उसका व्यावसायिक उत्पादन होने लगा तब उसे पकाकर खाने का चलन भी शुरू हुआ।

हॉप की खेती जर्मनी में

8वीं सदी में जर्मनी में सबसे पहले हॉप्स के उत्पादन के प्रमाण मिलते है। इंग्लैंड सहित यूरोप के कई देशों में उसकी फसल मशहूर हुई।इंग्लैंड में 16वीं सदी में  उसे बैन तक किया गया तो जर्मनी में उसे टैक्स मुक्त किया गया क्योंकि राजनीति और धर्म की यह पहली पसंद थी। इंग्लैंड में आयात किए जाने वाले हॉप्स को बैन करने के लिए एक कानून तक बनाया गया था तो 1557 में कवि थॉमस टसर ने बीयर में हॉप्स के इस्तेमाल से प्रभावित होकर कविता में इसका गुणगान भी किया था।

यूरोप के बाद अमेरिका में हॉप्स लोकप्रिय हुए और वर्तमान में इसका सबसे बड़ा उत्पादक अमेरिका ही है। दूसरा सबसे बड़ा उत्पादन जर्मनी में होता है।इन दो देशों के अलावा बाकी देशों में बहुत कम उत्पादन होता है और अब भारत के बिहार में शुरूआत हुई है।

बिहार के औरंगाबाद ज़िले हॉप्स की खेती

बिहार के औरंगाबाद ज़िले के किसान अमरेश सिंह के अनुसार स्पेशल डिमांड पर ही हॉप शूट्स को खरीदा बेचा जाता है।उन्होंने ट्रायल के तौर पर हॉप शूट्स का उत्पादन किया और अब 60 फीसदी से ज़्यादा उत्पादन हो रहा है ।दूसरी फसलों की तुलना में किसानों को इससे 10 गुना ज़्यादा फायदा होने की संभावना होती है।

इंडियन वेजीटेबल रिसर्च इंस्टीट्यूट वाराणसी में हॉप शूट्स को निगरानी में उगाया जा रहा था। वहां से अमरेश ने उसके बीज जुटाए और अपने स्तर पर उसका उत्पादन किया। अमरेश ने कहा कि इस तरह की नई और कीमती फ़सलों से बिहार जैसे गरीब राज्यों की किस्मत बदल सकती है।

इसे भी पढ़ें:

https://hindi.news18.com/news/knowledge/why-hops-shoots-costliest-vegetable-of-world-how-bihar-cultivates-bhvs-3446804.htm

हौप शूट्स का वैज्ञानिक नाम Humulus Lupulus है, जिसका अंतरराष्ट्रीय बाजार काफी बड़ा है। 1000 यूरो  यानी  कम से कम 87 हज़ार या करीब एक लाख रुपये किलो तक हॉप शूट्स की कीमत आंकी जाती है।छह साल पहले भी  यह सब्ज़ी 1000 पाउंड प्रति किलो बिकती थी।

हॉप्स के पौधे के सभी हिस्से किसी न किसी काम आते हैं।बसंत ऋतु में इटली में, सीज़नल डेलीकेसी की तरह समझी जाने वाली हॉप शूट्स की पहली खेप उगती है, तो इसे नीलाम तक किया जाता है और किसी कलाकृति की तरह बोली 1000 यूरो तक पहुंच जाती है।

क्यों इतनी महंगी है ये हाप्स की सब्ज़ी?

 हॉप शूट्स की झाड़नुमा पत्तियां सब्ज़ी की तरह उपयोग में लाई जाती हैं, जबकि इसके फल, फूल और तने का भी उपयोग होता है।शराब उद्योग में खासतौर से बीयर बनाने में और दवाओं खास तौर परएंटीबायोटिक्स के उत्पादन में भी यह बहुत उपयोगी है।इस सब्ज़ी के तने से बनाई गई दवाओं को टीबी के इलाज में बेहद कारगर पाया गया है।

बिहार में हॉप शूट्स की खेती अत्यंत कष्टकर है। यह आसानी से और एक साथ नहीं उग पाती इसलिए इसका बहुत खयाल रखना पड़ता है।लगातार निगरानी और निश्चित स्थितियों में उगने वाली हॉप शूट्स बहुत छोटी ​पत्तियां भी होती हैं, इसलिए बहुत बड़े क्षेत्र में उत्पादन से आप इसे बेचने लायक मात्रा में पाते हैं।

यह कैंसर की दवा भी है

हॉप शूट्स को लेकर वैज्ञानिक कई शोधों के बाद यह मालूम कर चुके हैं कि टीबी के साथ ही यह कैंसर के रोग के निदान में भी उपयोगी है। यह कैंसर की कोशिकाओं को फैलने से रोकने में भी मदद करती है।इसके साथ ही, मीनोपॉज़ से जुड़ी समस्याओं, इनसॉम्निया यानी नींद न आने की शिकायतों में भी यह मददगार है।वहीं, यह प्रमुख हर्बल एंटीबायोटिक और सीडेटिव तो है ही।

हॉप शूट्स से मिलने वाले पोषण से उन लोगों को बहुत आराम मिलता है, जिन्हें चिंता, हाइपरएक्टिविटी, नर्वसनेस, बदन दर्द, बेचैनी, यौन संक्रमण, शॉक, तनाव, दांत का दर्द, अल्सर, कार्डियोवैस्कुलर रोग जैसी शिकायतें हों।आर्थराइटिस से लेकर डैंड्रफ तक की समस्या को सुलझाने में भी यह असरदार है।

 हाप्स कैसे, पकाया और खाया जाए?

दुनिया की इस सबसे महंगी और बेहद हैरतअंगेज़ सब्ज़ी के बारे में यह भी जान लें कि इसे लोग कैसे खाते हैं।

कई विधियों में सबसे सरल यह है कि हॉप शूट्स को दो से तीन मिनट तक पानी में उबालने के बाद पानी निकालकर इन्हें भाप में पकाया जाता है। फिर नर्म हॉप शूट्स को बटर या चीज़ सॉस के साथ लंच या डिनर के तौर पर खाया जाता है।बीयर में लोग इसका सेवन करते ही हैं।

कृपया इसे भी देखें :

 —- पंकज प्रसून, वरिष्ठ पत्रकार

पंकज प्रसून
पंकज प्रसून वरिष्ठ पत्रकार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Back to top button