रजनीगंधा ने कहा पीएम केयर फंड में दस करोड़ दिया है, बंद न किया जाए पान मसाला
17 जून को होगी सुनवाई कि रोका जाये या चलने दिया जाये पान मसाला को
यूपी में पान मसाला बिकेगा या इस पर रोक लगेगी इस पर इलाहाबद हाईकोर्ट में अगली सुनवाई सत्रह जून को होगी । आज सुनवाई शुरू होने से पहले ही पान मसाला कंपनी रजनीगंधा ने इस याचिका में स्वंय को पक्षकार बनाने की अपील की . इस प्रार्थना पत्र में रजनी गंधा की ओर से बताया गया कि उन्होंने पीएम फंड में कोरोना से लड़ाई के लिये दस करोड़ रूपये दिये हैं साथ ही अन्य कोरोना वॉरियर को भी उन्होंने दस करोड़ दिये हैं।इन सब बातों के मददेनजर पान मसाला को प्रतिबंधित न किया जाये और उन्हें भी इस याचिका में पक्षकार बनाया जाये
कोरोना की समस्या शुरू होते ही प्रदेश सरकार ने पान मसाला के निर्माण और विक्रय पर रोक लगा दी थी। पान मसाला कंपनियां यूपी में हजारों करोड़ का कारोबार करती हैं । इस धंधे में सबसे ज्यादा काली कमायी मानी जाती है। लॉकडाउन की अवधि में कंपनियों का सारा माल बिक गया तो सरकार से पान मसाला खाने और बेचने की अनुमति देने की तरकीबें निकाली जाने लगीं और अप्रत्याशित रूप से अचानक सरकार ने पान मसाले से गली रोक हटा दी। यह रोक तब हटायी गयी जब यूपी में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या हजार गुना बढ़ गयी थी।
इसके खिलाफ सांध्य दैनिक 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी। इस याचिका में अनुरोध किया गया था कि पान मसाला खाने वाले थूकते हैं जिसके कारण कोरोना फैलने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि थूकने से कोरोना फैलता है। पान मसाला बंद न हो इसके लिये रजनीगंधा कंपनी ने हैरान कर देने वाले तथ्य सरकार के सामने रखे। कंपनी ने कहा कि वह रजनीगंधा को माउथ फ्रेशनर की तरह चबाते हैं और इसमें तंबाकू नहीं होती। उन्होंने शपथ पत्र देकर कहा कि उन्होने कोरोना काल में पीएम फंड में दस करोड़ दिये हैं और अन्य कोरोना वॉरियर एवं कोरोना से लड़ाई को भी दस करोड़ दिये हैं।
सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता ने आज सुनवाई टालने के अनुरोध के साथ इसे वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुने जाने का अनुरोध किया जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए इसकी सुनवाई सत्रह जून को सुनिश्चित कर दी।
याचिका कर्ता संजय शर्मा ने आज की सुनवाई पर एक वीडियो स्टेटमेंट जारी किया है, जिसे नीचे सुना जा सकता है.