ग्रे धनेश को लखनऊ बहुत पसंद है

बृज लाल

बृज लाल, 

पूर्व पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश 

मुझे पिछले दिनों गोमती नगर विस्तार में अपने आवास के सामने सूर्यास्त के बाद बिजली के पोल पर  ग्रेट  हॉर्न्बिल ( धनेश ) दिखाई पड़ा, मैंने तुरंत मोबाइल से फ़ोटो खींचा जो काफ़ी धुंधला है।   दूसरा फ़ोटो गोमती के किनारे फ़ोटोग्राफ़र त्रिलोक चन्द द्वारा खिची गयी है। ग्रेट इंडीयन हॉर्न्बिल का फ़ोटो डाउनलोड किया है।   ग्रे धनेश को लखनऊ बहुत पसंद है जिसमें गोमती के किनारे के जंगल और पेड़ों से आच्छादित जनेश्वर मिश्रा पार्क है।   

ग्रेट हॉर्नबिल असम, अरुणाचल, भूटान, पूर्वोत्तर राज्यों और दक्षिण भारत के मालाबार में पाया जाता है , जो रंगीन ख़ूबसूरत पक्षी है जिसका वज़न 2.8 किलो से साढ़े तीन किलो तक होता है।मै 1984 में PAC का सेनानायक था और मेरी बटालियन असम भेजी गयी थी, जहां मै 6 महीने रहा। वहाँ के चाय बाग़ानों में मैंने बड़े धनेश देखे थे। अरुणाचल की जन जातियाँ धनेश के ऊपरी चोंच को अपने हैट पर सजाती है जिसकों सरकार ने अब प्रतिबंधित कर दिया है।

 धनेश ऊँचे पेड़ों के खोखले में अपना घोंसलाबनाती है। मादा उस घोंसले में अपने को क़ैद कर लेती है और अपने मल से घोंसले के प्रवेश को चोंच निकलने के लिए स्थान छोड़कर पूरा सील कर देती है।नर धनेश इस दौरान मादा और चूज़ों को खिलाता है। बच्चों के थोड़ा बड़े होने पर मादा सील तोड़कर बाहर आती है और बच्चे पुनः घोंसले को सील कर लेते है, जब तक वे उड़ने लायक़ ना हो जाय। 

धनेश मुख्यतःशाकाहारी है और पीपल, बरगद , गूलर के फलों से अपना गुज़ारा करती है। यह पेड़ों को फैलाने में अग्रणी भूमिका अदा करती है, जो इसके मल में बीजों से होती है। 

ग्रे धनेश को लखनऊ बहुत पसंद है।

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