कितना गिनूं; पार्थिव शरीरों से पट गई गंगा, कुत्ते हुए नरभक्षी

ग़ाज़ीपुर से बृज भूषण दुबे , मार्कण्डेय

मैं पहुंच गया था उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद अंतर्गत मोहम्मदाबाद तहसील के सुल्तानपुर हरबल्लमपुर गंगा घाट पर सोमवार 17 मई की सुबह 8:00 बजे।
लगभग दो दर्जन पार्थिव शरीर जिसमें से कुछ ताजी मानव शरीर को कुत्ते नोच रहे थे और कुछ को नोच कर हाथ पैर अलग कर दिए थे, कई एक मृतक शरीरों का नरमुंड भी अलग हो गया था।कितना गिनूं; पार्थिव शरीरों से पट गई गंगा.


गांव वालों ने मुझे कुछ फोटो भेजा था।
हमारी इच्छा कदापि नहीं थी नकारात्मक तस्वीर दिखाने की किंतु अब पानी सर से ऊपर चढ़ गया है। कई सौ की संख्या में पार्थिव शरीर को दफनाने और अंतिम संस्कार करने का दावा जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है किंतु यहां तो हकीकत उससे और भी अलग है।
मुख्यमंत्री जी का लैंडलाइन नंबर मिलाया दोनों नंबरों पर बात नहीं हुई।
जिलाधिकारी गाजीपुर के लैंडलाइन नंबर पर मिलाया डीएम से बात करने का आग्रह किया बात नहीं हो पाई, वहां से कुछ इमरजेंसी नंबर दिए गए उन पर भी बात नहीं हुई।
इमरजेंसी सेवा का 112 कई बार मिलाया बात नहीं हो पाई।
पुनः डीएमके आवास वाले नंबर पर पूरी सूचना का अंकन कराया और कहा; की गई कार्यवाही से हमें भी अवगत कराइएगा।

गंगा तट पर लाशें कितना गिनूँ


कोरोना संक्रमित अधिकांश पार्थिव शरीरों से गंगा का पानी पूरी तौर पर जहरीला हो गया है। इसे कुत्ते खा रहे हैं और मछलियां।मछलियों को लोग खाएंगे . कुत्ते भी अब नरभक्षी हो गए हैं। कब लोगों पर टूट पड़ेंगे कुछ कहा नहीं जा सकता।
वैसे भी एम सी मेहता बनाम भारत संघ के मामले में सर्वोच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण निर्णय है कि मरे हुए पशुओं की लाशें और मनुष्य का पार्थिव शरीर गंगा में प्रवाहित नहीं किया जा सकता यह आदेश गोमुख से लेकर गंगासागर तक प्रभावी रहेगा किंतु अफसोस।
मैं हूं ब्रज भूषण दुबे स्वतंत्र पत्रकार।
सामाजिक कार्यकर्ता, पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं यूट्यूबर जनपद गाजीपुर।
व्हाट्सएप नंबर 94 52 455 444

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