गांधी जयंती पर क्यों गूंजा ‘गोडसे जिंदाबाद’ का नारा!

सुषमाश्री

आज पूरा देश जहां राष्ट्रपिता महात्मा की जयंती पर उन्हें याद कर श्रद्धासुमन भेंट करता रहा, वहीं सोशल मीडिया पर बापू के हत्यारे ‘#नाथूराम-गोडसे-जिंदाबाद’ (#nathuram_godse_zindabad) के नारे भी लगते रहे.

एक ओर जहां सोशल मीडिया पर कुछ आसाजिक तत्वों के इस विरोध को कुछ नेताओं और सोशल मीडिया यूजर्स ने शर्मनाक बताया तो वहीं दूसरी ओर महेश मांजरेकर ने अपनी अगली फिल्म गोडसे अनाउंस कर ऐसे नारे लगाने वालों की तरह आग में घी डालने का काम कर दिया. निर्माता निर्देशक कलाकार महेश मांजरेकर ने बापू के जन्मदिन पर गोडसे नाम से अपनी अगली फिल्म अनाउंस की, जिसका ट्रेलर भी आज के दिन ही जारी किया गया. View this post

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संदीप सिंह ने ‘गोडसे’ नामक फिल्म की घोषणा अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के माध्यम से आज महात्मा गांधी की 152वीं जन्म जयंती पर की है. फिल्म की घोषणा के साथ एक टीजर वीडियो भी जारी किया गया है. इसमें लिखा गया है, ‘जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं बापू, आपका नाथूराम गोडसे.’ बता दें कि फिल्म का निर्देशन महेश मांजरेकर करेंगे जबकि निर्माण संदीप सिंह और निर्देशक राज शंदिलिया के प्रोडक्शन हाउस के अंतर्गत होगा.

बताने की जरूरत नहीं कि नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या की थी. फिल्म के बारे में संदीप सिंह ने कहा, ‘नाथूराम गोडसे की कहानी मैं कब से कहना चाहता था. यह फिल्म सभी को पता होनी चाहिए. गोडसे और गांधी की कई कहानियां हैं. महेश राज और मैंने तय किया कि हम इस कहानी की फेक्चुअल साइड लेकर आएंगे, जिसे भुला दिया गया है. मैं महेश मांजरेकर के साथ पहले से ही स्वतंत्रवीर सावरकर और वाइट बना रहा हूं. खुश हूं कि अब उनके साथ मिलकर तीसरी फिल्म गोडसे बनाऊंगा’.

वहीं महेश मांजरेकर ने कहा, ‘नाथूराम गोडसे की कहानी मेरे दिल के करीब है. इस प्रकार का सिनेमा बनाने के लिए साहस लगता है. मैं ऐसी फिल्में बनाने में विश्वास रखता हूं. लोगों को गोडसे के बारे में ज्यादा पता नहीं है. वे सिर्फ इतना जानते हैं कि नाथूराम गोडसे ने गांधी को मारा है. हम इस फिल्म की कहानी के साथ यह बात दर्शकों पर छोड़ देंगे कि कौन सही है और कौन गलत. यह फिल्म 2022 के सेकेंड हाफ में शूट होनी शुरू होगी’.

वहीं, दूसरी ओर गांधी जयंती के दिन नाथूराम गोडसे जिंदाबाद के नारे लगाने वालों पर बीजेपी सांसद वरुण गांधी काफी नाराज हुए. अपने ट्विटर अकाउंट पर उन्होंने ऐसा करने वालों को खूब लताड़ लगाई. वरुण गांधी ने ट्वीट किया, भारत हमेशा से ही आध्यात्मिक महाशक्ति रहा है, लेकिन वो महात्मा गांधी ही थे जिन्होंने हमारे देश के आध्यात्म को एक नई पहचान दिलाई और हमें इसे संभालने का नैतिक अधिकार दिया. आज की तारीख में भी यह हमारी सबसे बड़ी ताकत है. ऐसे में जो लोग आज के दिन गोडसे जिंदाबाद ट्वीट कर रहे हैं वो गैरजिम्मेदाराना रवैये के कारण देश का सिर शर्म से झुका रहे हैं.

India has always been a spiritual superpower,but it is the Mahatma who articulated our nation’s spiritual underpinnings through his being & gave us a moral authority that remains our greatest strength even today.Those tweeting ‘Godse zindabad’ are irresponsibly shaming the nation— Varun Gandhi (@varungandhi80) October 2, 2021

कौन था नाथूराम गोडसे

एक समय तक महात्मा गांधी का सम्मान करने वाले और उन्हें बेहद गंभीरता से पढ़ने वाले नाथूराम गोडसे ने आजादी के बाद 30 जनवरी 1948 को गोली मारकर बापू की हत्या कर दी थी. इसके लिए उसे पहले कैद और बाद में फांसी की सजा सुनाई गई थी. कैद के दौरान उसने ‘मैंने गांधी को क्यों मारा’ नाम से एक किताब भी लिखी थी.

इसमें उसने स्पष्ट लिखा था कि ”32 साल तक विचारों में उत्तेजना भरने वाले गांधी ने जब मुस्लिमों के पक्ष में अपना अंतिम उपवास रखा तो मैं इस नतीजे पर पहुंच गया कि गांधी के अस्तित्व को तुरंत खत्म करना होगा. गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोगों को हक दिलाने की दिशा में शानदार काम किया था, लेकिन जब वे भारत आए तो उनकी मानसिकता कुछ इस तरह बन गई कि क्या सही है और क्या गलत, इसका फैसला लेने के लिए वे खुद को अंतिम जज मानने लगे. अगर देश को उनका नेतृत्व चाहिए तो यह उनकी अपराजेयता को स्वीकार्य करने जैसा था. अगर देश उनके नेतृत्व को स्वीकार नहीं करता तो वे कांग्रेस से अलग राह पर चलने लगते.”

बहरहाल, सोशल मीडिया के अलग अलग प्लेटफॉर्म पर आज का दिन गांधी को समर्पित रहा. कुछ उनके साथ थे तो कुछ अन्य ​उनके खिलाफ. इनमें से कई उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे के भी साथ दिखे. यही वजह रही कि नाथूराम गोडसे जिंदाबाद के नारों से सोशल मीडिया गूंजता रहा. बापू जैसे व्यक्तित्व के साथ और उनके खिलाफ होने वालों की कमी इस दुनिया में नहीं हो सकती, लेकिन जरूरत इस बात की है कि हम उनके किस पहलू को किस तरह से देखते हैं या फिर देखना चाहते हैं!

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