इस्लामाबाद में सरकारी खर्चे पर पहले मंदिर की बुनियाद रखी गयी
(मीडिया स्वराज डेस्क)
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में सरकारी खर्चे से भगवान श्री कृष्ण के पहले मंदिर की आधारशिला रखी गयी है. प्रस्तावित मंदिर का निर्माण तकरीबन 20 हजार वर्ग फ़ीट के एक भूखंड पर किया जाएगा जो राजधानी इस्लामाबाद के एच-9 इलाके में है. इस्लामाबाद शहर में अभी तक कोई भी मंदिर नही था.
इस्लामाबाद की हिदू पंचायत ने सर्वसम्मति से प्रस्तावित मंदिर का नाम श्री कृष्ण मंदिर रखने का फैसला किया है.
प्रस्तावित मंदिर का भूमिपूजन मंगलवार को पाकिस्तान की मानवाधिकार समिति के संसदीय सचिव लाल चंद मलही के हाथों सम्पन्न हुआ.
जन समुदाय और मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए श्री लाल चंद मलही ने बताया कि 1947 के भारत पाक बटवारे के पहले इस्लामाबाद और आसपास के इलाकों में कई मंदिर हुआ करते थे. इनमें से 2 अपनी भव्यता के लिए विशेष स्थान रखते थे. एक इस्लामाबाद से लगे सैदपुर गांव में था और दूसरा कोरंग नदी के निकट रावल झील के से लगी पहाड़ी पर स्थित था. दुर्भाग्य से बटवारे के बाद उपजी परिस्थितियों की वजह से वह खाली हो गए, और दोबारा कभी उनमें पूजा पाठ न हो पाई. अब उनका नामोनिशान तक नहीं बचा.
उन्होंने इस्लामाबाद में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं के लिए श्मशान की व्यवस्था न होने की भी जानकारी दी.
पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्री पीर नूरुल हक़ क़ादरी ने संवाददाताओं को बताया कि इस मन्दिर के बनने में लगभग 10 करोड़ रुपयों की लागत आएगी, जिसका पूरा खर्च पाकिस्तान सरकार ही वहन करेगी.
माना जा रहा है कि मंदिर को विशेष अनुदान के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान से भी रजामंदी ले ली गयी है.
2017 में ही इस्लामाबाद स्थित राजधानी विकास प्राधिकरण (CDA) ने हिन्दू पंचायत को मंदिर निर्माण के लिए यह भूखंड सौंप दिया था. CDA द्वारा साइट की स्वीकृति के लिए अनावश्यक समय लगाने और उसके सहित कई अन्य विभागों द्वारा दस्तावेज संबंधित अड़चनों के चलते इसके निर्माण में काफी विलंब हुआ.
मंदिर के नक्शे के अनुसार शवदाह के लिए एक अलग से स्थान भी बनाया जाएगा साथ ही विभिन्न धार्मिक क्रियाओं को सम्पन्न करवाने के लिए अलग अलग स्थान निर्धारित रहेंगे.