प्रवासी मोहन शर्मा की ट्रेन में मौत से अनाथ परिवार, गांव मे शोक  

मजहर आज़ाद, पत्रकार,  बस्ती से 

श्रमिक स्पेशल ट्रेन में झाँसी में मृत पाए गए युवा ड्राइवर  मोहन लाल शर्मा 37 वर्ष के परिवार में अब रोज़ी रोटी कमाने वाला कोई नहीं रह गया है. उनके पीछे परिवार में पत्नी के अलावा तीन बच्चे हैं. 

मृतक मोहन शर्मा की पत्नी ने पूजा बताया कि वो मुम्बई के अमरूत नगर मे रहते थे। मुन्ना सेठ के कारखाना मे काम करते थे। वो पिकप गाड़ी चलाते थे।”वो जब मुंबई के थाने  से बैठे है, तो फोन किए है। कहे है हम बैठ गये फिर नासिक जब पहुचे तब फोन किया है। एम पी मे भी जब पहुचे तो फोन किया। ”

मोहन लाल शर्मा

ख़बरों के अनुसार मोहन लाल एक ट्रक में झाँसी तक आए थे, जिसके लिए उन्होंने चार हज़ार रुपए दिए थे. ट्रक में जानवरों की तरह सवारी भरी गयी थीं. कारख़ाने का मालिक रोक रहा था, लेकिन मुंबई में कोरोना फैलने की ख़बरों से डरी पत्नी  बार – बार फ़ोन करके गाँव बुला रही थी. जब बाक़ी सब साथी चले आए तो घबराकर अंत में  मोहन लाल भी चल दिए. 

झाँसी में वह श्रमिक स्पेशल ट्रेन में बैठे. पत्नी का कहना है कि झांसी जब पहुचे तो बताया कि  जाँच पडताल हो गया है। ट्रेन पर बैठ गये है। उसके बाद बात नही हुई. 

परिवार मे उनके सिवा कोई कमाने वाले नही यही छोटे छोटे बच्चे है। बच्चों  के  नाम गौरव, सौरभ ,शिवम , शिवानी है। सरकारी लाभ के बारे मे उनको  कुछ नही पता।

प्रधान- ग्राम पंचायत हलुआ विख गौर  ने बताया कि  मृतक मोहन शर्मा के सम्बंधी झांसी जी आर पी के पास गए थे . फ़ोन से उनसे बात हुई है वो बताये कि  तीन चार दिन पहले उनकी मृत्यु हो गई थी. उनकी लाश मिली है उनकी लाश का मेरे मौजूदगी मे पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाई गई है . उनकी लाश का दाह संस्कार जी आर पी द्वारा किया गया है. कोरोना की नियमावली के मुताबिक़ शव परिवार को नहीं दिया गया. 

23 मई को झांसी से एक श्रमिक एक्सप्रेस गोरखपुर के लिए रवाना हुई थी। यह ट्रेन गोरखपुर से होकर  वापस झांसी भी आ गई। झांसी में खाली ट्रेन को रेलवे यार्ड लाया गया। जहां ट्रेन को सैनिटाइज किया जाने लगा। तभी सैनिटाइज करते समय एक सफाई कर्मचारी की नजर ट्रेन में कोच के टायलेट में पड़ी। जहां एक युवक का शव पड़ा था। यह देख वहां हड़कम्प मच गया। इसकी सूचना उच्चाधिकारियों, आरपीएफ और जीआरपी को दी गई। सूचना मिलते ही जीआरपी व आरपीएफ और अधिकारी मौके पर पहुंचे।

जहां शव को ट्रेन से उतरा गया। इसके बाद उसकी तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान उसके पास से आधार कार्ड व 28 हजार रुपए नकद मिले। आधार कार्ड के अनुसार उक्त युवक की 38 वर्षीय मोहन शर्मा निवासी हलुआ गौर जिला बस्ती के रुप में शिनाख्त हुई है।

बताया जा रहा है कि उक्त युवक मुम्बई में एक कारख़ाने में ड्राइवर की नौकरी  करता था। वह मुम्बई से सड़क मार्ग द्वारा झांसी आया। झांसी में बार्डर से उसे रेलवे स्टेशन लाया गया। जहां से उसे गोरखपुर जाने वाली ट्रेन में बैठा दिया गया है। आशंका जताई जा रही है कि जब वह ट्रेन के शौचालय में गया होगा तभी अचानक की उसकी मौत हो गई। जिसकी भनक किसी को नहीं होगी।

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