डव्लूएच ओ ने स्वीकार किया कि कोरोना संक्रमण हवा से भी फैलता है
—डा चन्द्रविजय चतुर्वेदी , वैज्ञानिक, प्रयागराज
![](https://mediaswaraj.com/wp-content/uploads/2020/03/28F12585-CF6E-467A-B8C3-37C4DB382A38_4_5005_c.jpeg)
विश्व स्वास्थ्य संगठन -डव्लूएचओ के कोरोना संक्रमण के रोकथाम और नियंत्रण की तकनीकी लीड बेनेडेटा अलग्रांजी ने 7 जुलाई के प्रेस ब्रीफिंग में विश्व के दो सौ वैज्ञानिकों के अभिमत को स्वीकार करते हुए यह मान लिया की कोरोना संक्रमण का एयर वार्न ट्रांसमिशन ,और एयर सोल ट्रांसमिशन की संभावना को इंकार नहीं किया जा सकता। डव्लूएचओ के तकनीकी प्रमुख ने कहा की सार्वजनिक जगहों में ,भीड़भाड़ जगहों में जहाँ हवा ठीक से न आ रही हो कोरोना संक्रमण फ़ैल सकता है
उल्लेखनीय है की एक अमेरिकी अखवार के अनुसार तीन दिन पूर्व ही दुनिया के 239 वैज्ञानिकों ने दावा किया की हवा में मौजूद कोरोना वायरस के नन्हे कण लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। वैज्ञानिकों ने इन दावों पर डव्लूएचओ को गौर करते हुए नया मानक निर्धारित करते हुए खुले पत्र में यह कहा की घर की चहारदीवारी में रहते हुए भी यन -95 मास्क पहनने की आवश्यकता है।
वैज्ञानिकों का कहना है की छींकने ,खांसने या जोर से बोलने से संक्रमित व्यक्ति के मुँह से निकले सूक्ष्म बूंदे हवा में काफी देर रह जाती हैं जिससे इनके संपर्क में आने वाले संक्रमित हो सकते हैं
अभी तक डव्लूएचओ की गाइडलाइन यही रही है की कोरोना मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के नाक और मुँह से निकले 5 से 10 माइक्रॉन जैसे ड्रॉपलेट से ही संक्रमित करता है या संक्रमित सतह को छूने से फैलता है। अब वैज्ञानिकों के नए प्रेक्षण के सन्दर्भ में अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है ,इस सम्बन्ध में डव्लूएचओ शीघ्र गाइडलाइन निर्गत करेगा। इस सम्बन्ध में स्पेन के करोड़ोबा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक जोस ओटरस ने 20 मार्च के अपने शोधपत्र में यह मत व्यक्त किया था की कहीं कोरोना संक्रमण पराग कणों के माध्यम से तो नही फैल रहा है
कृपया इसे भी पढ़ें https://mediaswaraj.com/coronavirus_flowers_autum_chandravijay/