COVID 19 – इस समय कोरोना का संक्रमण काफी बदतर स्थिति में – लखनऊ के पूर्व सी एम ओ

CORONA: बढ़ते मामलों और होम क्वारंटाइन पर पूर्व सीएमओ डा एसएनएस यादव से बातचीत

डा एस एँ एस यादव, पूर्व की एम्म ओ लखनऊ

राजधानी में कोरोना संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़े हैं।  आलम ये है कि राजधानी के चार थाना क्षेत्रों में कम्पलीट लॉकडाउन लगाना पड़ रहा है।बीबीसी के पूर्व संवाददाता राम दत्त त्रिपाठी ने इस मुद्दे पर लखनऊ के पूर्व मुख्‍य चिकित्‍साधिकारी एसएनएस यादव से कोरोना के वर्तमान हालातों को लेकर चर्चा की –

प्रश्न- इस समय जो कोरोना का संक्रमण है वह किस स्थिति में है।

उत्तर- इस समय जो कोरोना का संक्रमण है काफी बदतर स्थिति में है। काफी तेजी में फैल रहा है। हमारे देश के प्रधानमंत्री ने तीन चीजें बताई थीं कि दो गज की दूरी बहुत जरूरी, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्‍क लगाना और बार बार हाथ धोना। उन्‍होंने अनावश्‍यक यात्रा भी न करने की सलाह दी थी। हमें इसका पालन करना चाहिए। 80 फीसदी मरीज ऐसे हैं जिन्‍हें हल्‍का संक्रमण होता है, पता भी नहीं चलता है लेकिन अगर वह दूसरे के संपर्क में हैं जैसे जो लिवर या किडनी के मरीज हैं तो उनमें वह संक्रमण फैला सकते हैं। इसलिए बहुत एहतियात की जरूरत है।

प्रश्न- क्‍या मार्निंग वॉक के लिए जाना चाहिए।

उत्तर- मार्निंग वॉक की जगह पर अगर भीड नहीं है तो इससे प्रतिरोधक क्षमता मार्निंग वॉक से बढती है। ये किया जा सकता है अन्‍यथ की स्थिति में छतों पर एक्‍सरसाइज की जा सकती है। मास्‍क साथ रखें। अकेले टहलें। अच्‍छा खाना खाहिए। आयुष मंत्रालय की गाइडलाइन फॉलो करें। इम्‍यूनिटी बढाएं। वायरस नाक और मुंह से ज्‍यादा जाता है। इससे बचें। रेस्पिरेटरी एक्‍सरसाइज यानि प्राणायाम कर सकते हैं। घर में योगा करें।

प्रश्न- गर्म पानी और भाप लेना कितना कारगर है।

उत्तर- हां, ये कारगर है। नींबू का पानी लें। सूखे गले पर संक्रमण ज्‍यादा होता है। इसलिए गला तर रखें। गला गीला है तो उसमें वायरस का प्रकोप कम रहेगा। इसलिए भाप लेना अच्‍छा है। ये सब एहतियात जरूरी है। जब तक मेडिसिन नहीं है, अस्‍पतालों की तैयारी है। सरकार की तैयारी काबिले तारीफ है। पूरा अमला जुटा हुआ है। तो नागरिक धर्म का पालन करें और महामारी को आगे बढने से रोके।

 

कोविड मरीज़ अस्पताल में

प्रश्न- आईएमए ने कहा है कि कम्‍युनिटी संक्रमण हो रहा है, इसका क्‍या अर्थ है।

उत्तर- इसका अर्थ है कि जब कोई विदेश से आया तो उसे स्‍टेज वन कहते हैं। वह किसी के संपर्क में आया और वायरस ट्रांसफर हुआ तो स्‍टेज टू हुआ। जब कांटेक्‍ट का पता चलता है कि कहां से फैला तो नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन जब हम वायरस का पता नहीं लगा पा रहे हैं कि किसके माध्‍यम से फैला है तो उसे कम्‍युनिटी स्‍प्रेड कहा जा सकता है। हालांकि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन और सरकारों ने इसे घोषित नहीं किया है। अगर कम्‍युनिटी स्‍प्रेड नहीं है तो हम इसकी ओर बढ़ रहे हैं। ये मानकर चलना होगा, इसे रोकना होगा। अगर महामारी का कम्‍युनिटी स्‍प्रेड हो गया तो जान और माल की अपूर्णीय क्षति होगी।

प्रश्न- भारत सरकार ने कहा है कि जिनको केवल बिना लक्षण वाला कोरोना है, उनको होम क्‍वारंटाइन कर सकते हैं लेकिन यूपी सरकार अभी इसकी इजाजत नहीं दे रही है। आपकी क्‍या राय है।

उत्तर- हमारी ये राय है कि जिनके घरों में पर्याप्‍त जगह है। अलग से वाशरूम है। वह घर में रहकर रिकवरी कर सकते है। लेकिन उनकी निगरानी जरूरी है। उन्‍हें पल्‍स्‍ ऑक्‍सीमीटर दिया जाए, जिससे वह देख सकें कि शरीर में आक्‍सीजन की मात्रा सही रहे। ताकि तुरंत मेडिकल मदद मिले। जिनके घरों में आठ से दस लोग हों वहां यह संभव नहीं है। उन्‍हें अलग से आइसोलेट करना चाहिए। होम क्‍वारंटाइन लोगों के पास जिले के नोडल अफसरों का नंबर अवश्‍य हो।

प्रश्न- जो बिना लक्षणों वाले लोग हैं वो अस्‍पताल जाते हैं तो वह और घरवाले भी मानसिक अवसाद में चले जाते हैं।

उत्तर- कोई भी अस्‍पताल में जाता है तो मेंटल ट्रामा होता है। घर का माहौल अलग होता है। अस्‍पताल में एक लिमिटेड सेवा होती है। घर का माहौल नहीं दिया जा सकता है। होम क्‍वारटाइन को सबसे अच्‍छा मानते हैं। लेकिन अगर सुविधा हो तभी यह संभव है।

प्रश्न- सरकार ने अच्‍छी व्‍यवस्‍था की है लेकिन इसके बावजूद अस्‍पतालों में बेड और एंबुलेंस नहीं है। तो क्‍या यह भी वजह है कि यूपी सरकार को होम क्‍वारंटाइन कर देना चाहिए। क्‍योंकि होटल का इंतजाम किया गया है और वहां चार हजार रुपये प्रतिदिन देना भी सबके लिए संभव नहीं है।

उत्तर- लॉकडाउन से हर व्‍यक्ति की आय भी घट गई है। इस‍लिए होम क्‍वारंटाइन सबसे अच्‍छा है। उसके बाद अन्‍य कोई विकल्‍प आता है। लेकिन सरकार के प्रयास सराहनीय हैं। जहां तक एंबुलेंस की बात है अब काफी संख्‍या में मौजूद हैं। हालांकि जिनके पास घर में जगह है उन्‍हें होम क्‍वारंटाइन की इजाजत देनी चाहिए।

 

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