वासंती नवरात्र में क्यों न कोरोना को कोरोना माई के रूप में प्रतिष्ठित कर दिया जाए ?

Chandravijay Chaturvedi
डा चन्द्रविजय चतुर्वेदी ,प्रयागराज

सन 2021  के इस वासंती नवरात्र में  इस अद्वितीय कोरोना वाइरस का क्यों न अभिषेक ,अभिनन्दन वंदन करते हुए भारतीय परंपरा के अनुसार दैवी शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित कर दिया जाए। जिस कोरोना ने 2020 को विश्व के इतिहास का अविस्मरणीय पृष्ठ बना दियाऔर २०२१ में इसकी लीला विनाशकारी होती जा रही है  उस अर्द्धजीव सूक्ष्म कण को एकवर्ष में वैज्ञानिक समझ ही नहीं पाए।बिनु पग चले सुने बिनु काना कर बिन कर्म करे विधि नाना –अस कण क्यों न ब्रह्म समाना।  

क्यों न मानव प्रजाति त्राहिमाम त्राहिमाम करते हुए इस महाशक्ति के शरण में ही चला जाए और कोरोना माई के रूप में प्रतिष्ठित करते हुए इसकी पूजा अर्चना महाष्टमी को करते हुए मुक्ति की प्रार्थना की जाए, जिससे माई नाना रूप धर  काल का नर्तन न करे। अंतरिक्ष के विजय बहादुर ,ग्रहों पर बसने के स्वप्न दृष्टा ,न्यूक्लियर शक्ति के दम्भी वैज्ञानिक कोरोना माई की लीलाओ का पार नहीं लगा पा रहा है। हमें अपनी नियति स्वीकार कर ही लेनी चाहिए।

हे देश देश के मानव भाई किसके किसके भुलावे में कब तक रहोगे। एक तरफ वैक्सीनआ गया और वैक्सीनेशन भी शुरू हो गया ,फिर भी कहर भयंकर होता जा रहा। आम आदमी अपनी जान बचाये की की व्यवस्था की खामियां ढूंढे ,कौन सुनाने वाला है। जैसे मानव समाज को कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी है उसी प्रकार वर्तमान व्यवस्था के साथ भी जीना सीखना होगा कोई विकल्प नहीं है।  

बस इम्युनिटी बढ़ाइए ,काढ़ा पीजिये ,मास्क लगाइये ,दूरी बनाइये खुद सावधानी रखिये अपनी रक्षा स्वयं करिये –क्यों न यह सब कोरोना माई का जाप करते हुए करें ?जैसे नीम में शीतला माता का निवास मानकर उसकी पूजा करते हैं ,क्यों न आँवला में कोरोना माई का

निवास मानकर कोरोना के प्रतिकार के लिए उसकी पूजा करें ?

हे महाकाल की महाकाली कोरोना माई –तू अर्द्धजीव एक कण मात्र ही नहीं हो ,पूर्ण शुद्ध ब्रह्मरूपा हो। हे माई अब और रूप न दिखा कर धरतीलोक  को अपनी लीलास्थली बनाने के बजाय ब्रह्मलोक को गमन करो। 2021 को अपना आशीष प्रदान करो माई।

    श्रद्धालु भक्तजनो के लिए माई की वंदना में उनके श्री चरणों में कुछ पंक्तियाँ अर्पित करता हूँ —

हे महाकाल की काली कोरोना माई

तेरे अनेक रूपों से सारा जग डर जाई

हे भय कारिणी कष्ट दायिनी

तू मृत्युकारिणी विपदादायिनी

संकट दूर करो माँ   भारी

भक्त जानो को आस तुम्हारी

ब्रह्मलोक में बसि  जा माई

धरती लोक पर दया देखाई

Leave a Reply

Your email address will not be published.

13 − five =

Related Articles

Back to top button