कांग्रेस के आँगन में राजनीतिक आतिशबाजी का दिन
कांग्रेस के आँगन में राजनीतिक आतिशबाजी का दिन . कन्हैया कुमार कम्युनिस्ट पार्टी छोड़कर कांग्रेस में आए, सिद्धू ने इस्तीफ़ा दिया. उम्मीद है आने वाले दिनों में और जोरदार पटाखों का क्रम जारी रहेगा.अरुण कुमार गुप्ता की त्वरित टिप्पणी.
दीपावली का पर्व अभी पांच सप्ताह दूर है, लेकिन आज 28 सितंबर 2021 को देश की सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी के आंगन में दोपहर से आतिशबाजी का जो सिलसिला शुरू हुआ वह अभी तक जारी है। राजनैतिक विश्लेषण अभी भी घटनाक्रम का सिर पैर तलाशने में लगे हैं।
सबसे पहले जेएनयू के वामपंथी विचारधारा के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के सीपीआई छोड़ कर कांग्रेस में धूमधाम से शामिल होने की खबर आई। जेएनयू के कार्यक्रम में भारत के टुकड़े टुकड़े होने और आतंकी अफजल गुरु के हत्यारों के जिंदा होने पर लानत-मलामत करते नारे लगवाने वाले कन्हैया कुमार से शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करवाये जाने से भगतसिंह की आत्मा को कितना कष्ट हुआ होगा, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया था।
कांग्रेस कार्यालय में अपने शामिल होने के समय कन्हैया कुमार का कांग्रेस को डूबता हुआ जहाज बतलाते हुए उसे डूबने से बचाने का दावा करना सबसे धमाकेदार पटाखा साबित हुआ।इस पर कांग्रेस हाईकमान की प्रतिक्रिया की कल्पना ही की जा सकती है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस नीत सरकार की पैरवी पर देश की न्यायिक व्यवस्था ने जिस आतंकी को फांसी पर चढ़ाया, उसे शहीद मान कर घर-घर से अफजल निकालने का नारा बुलंद करने व भारत के टुकड़े-टुकड़े करने वाले नारे बुलंद करने वाले कन्हैया कुमार का इस्तेमाल पार्टी आने वाले चुनावों में किस प्रकार करती है।
इससे भी धमाकेदार पटाखे चले पंजाब कांग्रेस के आंगन में, जहां कांग्रेस ने कई चुनाव जिताने वाले वरिष्ठ नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह को अपमानित कर सालों कांग्रेस का उपहास उड़ाने वाले जिन पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस का मुखिया नियुक्त किया था और जिन्होंने आलाकमान को चुनौती दे कर प्रदेश में पार्टी के सबसे बड़े चेहरे को मुख्यमंत्री पद से हटवा कर अपनी पसंद का नया मुख्यमंत्री बनवाया .
संभवतः मंत्रिमंडल बनाने में अपनी उपेक्षा से आहत हो कर आज दोपहर अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधियों द्वारा दिये गये खिताब “मिस गाइडेड मिसाइल” को सही साबित कर दिया। सिद्धू के इस्तीफे के बाद पंजाब कांग्रेस में कई त्यागपत्रों के समाचार आ रहे हैं।
उम्मीद है आने वाले दिनों में और जोरदार पटाखों का क्रम जारी रहेगा।
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— अरुण कुमार गुप्ता