उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी का सहारनपुर से प्रयागराज तक अभियान
प्रयागराज में संगम स्नान, शंकराचार्य स्वरूपानंद से भेंट
काले कृषि कानून कार्पोरेट को बढ़ावा – प्रियंका
कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी बुधवार को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में माँ शाकम्बरी देवी के दर्शन किए. इसके बाद चिलकाना में आयोजित विशाल किसान पंचायत को सम्बोधित करते हुए कहा कि- मैं माता शाकम्बरी देवी से आर्शीवाद लेके आयी हूं। आप सबको मालूम होगा कि माता शाकम्बरी देवी की कथा क्या है। एक समय दुर्गम राक्षस थे। उस समय भीषण अकाल पड़ा बारिश नहीं आयी माता शाकम्बरी देवी अपनी सौं आखों से दुनिया को देख रही थीं उनके दिल में दुनिया के लिए दया आयी और उन सौं आंखों से उन्होने आंसू बहाये जिससे नदियों में पानी आया और किसानों को बारिश मिली और आर्शीवाद मिला और उपज हुईं।
प्रियंका गांधी ने कहा,”आज जो तीन कानून इस सरकार ने बनाये हैं। वह राक्षस रूपी कानून, जो किसान को मारना चाहते हैं।”
प्रियंका गांधी ने कहा कि पहला कानून, भाजपा के नेतृत्व में, भाजपा के पूंजीपति मित्रों के लिए जमाखोरी के दरवाजे खोलेगा। 1955 में जवाहर लाल नेहरू ने जमाखोरी बंद करवायी थी, कानून बनवाया था जमाखोरी बंद होनी चाहिए। उस कानून को आज बदला गया है। यह नया कानून बड़े-बड़े खरबपतियों को मदद करेगा। आपको उपज का दाम क्या मिलना है आपसे कब खरीदा जायेगा, कैसे खरीदा जायेगा, यह वह तय करेंगे।
दूसरा कानून, एक ऐसा कानून है जो सरकारी मंडियों कोे बन्द कर खत्म कर डालेगा। क्योंकि उस कानून के तहत जो बड़े बड़े खरबपति हैं वह अपनी प्राइवेट मंडिया खोलेंगे। जबकि सरकारी मंडी में आपको टैक्स लगेगा, प्राइवेट मंडी में आपको टैक्स नहीं लगेगा। इसका मतलब है कि तमाम किसान सबसे पहले प्राइवेट मंडियों में चले जायेंगे। लेकिन आस्ते आस्ते यह होगा कि जेा बड़े बड़े खरबपति हैं वह उन मंडियों में सामान स्टाक में रखेंगे उन मंडियों में सामान इकट्ठा करके रखेंगे और जब मन चाहेगा तब आपसे खरीदेंगें। जिस दाम पर चाहेंगे आपसे खरीदेंगे केाई न्यूनतम प्राइस नहीं होगी एमएसपी नहीं होगी ऐसा कुछ कानून नहीं होगा जिसके जरिए आपको अपनी उपज का सही दाम मिल पायेगा।
कांग्रेस महासचिव के मुताबिक़ तीसरा कानून यह है जिसे कहते हैं कान्ट्रैक्ट फार्मिंग का कानून। इसका मतलब है कि ठेके पर आपके साथ एक योजना बनायी जायेगी कि आपके गांव करोड़पति आ सकता है, अरबपति आ सकता है। आपके गांव में 25 किसान हैं सब गेहू उगायेंग,े आपको हम 20 रूपये का दाम देंगे। बाद में जब आप गेहूं उगायेंगे तब सब उस पर निर्भर होगा कि वह आपसे गेहूं खरीदना चाहेगा 20 रूपये में दाम देगा या 10 रूपये का दाम देगा या आपसे कहता है कि आपको गेहूं ठीक नहीं है हमें गेहूं चाहिए नहीं। यह सब उसी पर निर्भर होगा। जो तीन कानून है यह तीनों कानून इस तरह बनाये गये हैं कि सरकारी मंडिया बन्द होंगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य बंद होगा, नहीं मिलेगा आपको और पूरी तरह से जमाखोरी बढ़ेगी। इसका मतलब है कि किसान की आवाज झुकेगी और बड़े-बड़े करोड़पति और बड़े-बड़े खरबपतियों की आवाज बुलन्द होगी।