“डाटा साइंस में करियर”
-डॉ दीपक कोहली-
वैश्विक महामारी के दौरान वैसे भी डाटा की खपत पहले से कई गुना बढ़ चुकी है। जितना अधिक डाटा जेनरेट हो रहा है, उसी अनुसार उसकी खपत भी हो रही है। मोबाइल फोन,सोशल मीडिया,एप्स,पेमेंट वॉलेट्स से इतना डाटा जेनरेट हो रहा है कि उसे मैनेज करने के लिए विशेषज्ञों की जरूरत महसूस की जा रही है। एक अध्ययन के अनुसार,विश्व भर में डाटा साइंटिस्ट की मांग में करीब 28 फीसद बढ़ोत्तरी का अनुमान है। वहीं, डाटा साइंस या एनालिटिक्स के क्षेत्र में सबसे अधिक नियुक्तियां करने के मामले में अमेरिका के बाद भारत का दूसरा स्थान है। राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय, सभी तरह की कंपनियों में इनकी सेवाएं लेने की उत्सुकता देखी जा रही हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट्स के आने के बाद इन प्रोफेशनल्स की लोकप्रियता और बढ़ गई है। इंटरनेशनल डाटा कॉरपोरेशन की एक ताजा स्टडी के अनुसार, 2027 तक बिग डाटा की स्किल्स वाले प्रोफेशनल्स की हायरिंग करीब 50 प्रतिशत बढ़ सकती है।
डाटा साइंटिस्ट का पेशा तेजी से उभरने और बढ़ने वाला क्षेत्र है। आज हर बड़ी कंपनी और सरकारी संगठनों में डेटा साइंटिस्ट की मांग है। आज के हाइटडेक वर्ल्ड में असीमित मात्रा में डाटा मौजूद है जिसे इकट्ठा करना, इसमें से काम का डेटा निकालना और इस डाटा का अपने लिए किस तरह उपयोग किया जाए सबसे बड़ा सवाल है। इन्हीं सवालों के सारे जवाब एक डाटा साइंटिस्ट के पास होते हैं। यह काम थोड़ा पेचीदा माना जाता है लेकिन इसके अनुसार डेटा साइंटिस्ट को भुगतान भी किया जाता है।
जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है इसमें में डाटा के आंकलन, गणना और प्रभावों का विश्लेषण किया जाता है। इसके लिए स्किल्ड प्रफेशनल्स की जरुरत होती है। इसके लिए प्रोग्रामिंग, स्टेटिक्स, डेटा विजुलाइजेशन, डेटा रेंगलिंग, मशीन लर्निंग, लिनियर अलजेबरा और केलकलस, सॉफ्टवेयर इंजिनियरिंग आदि स्किल्स का होना जरूरी है । डाटा साइंटिस्ट बनने के लिए किसी भी व्यक्ति के पास कंप्यूटर साइंस, मैथ्स, इलैक्ट्रिकल इंजिनियरिंग, आईटी या इससे संबंधित फील्ड में बैचलर की डिग्री होना जरूरी है। इसके बाद आप काम करते हुए मास्टर्स की डिग्री के लिए आवेदन कर सकते हैं। भारत में कई यूनिवर्सिटी डाटा साइंस में एमटेक करवाती हैं जो डिस्टेंस लर्निंग में भी उपलब्ध है।
एक अच्छा डाटा साइंटिस्ट आपका अनुभव और काम बनाता है। बैचलर डिग्री हासिल करने के बाद 1-2 साल में अच्छा डेटा साइंटिस्ट बना जा सकता है। अपनी स्किल्स में सुधार के लिए आप डेटा साइंस में आगे की पढ़ाई भी कर सकते हैं
क्या डाटा साइंस मुश्किल होता है। डाटा साइंस मुश्किल काम है लेकिन असंभव नहीं है यह आपकी रूचि और स्किल पर निर्भर करता है कि आप इसे कैसे लेते हैं। इतना जान लिजिए इस प्रफेशन के लिए बेहद हार्ड वर्क और मेहनत की जरुरत है और इसके मुताबिक इस फील्ड से जुड़े लोगों को सैलरी भी मिलती है।
डाटा साइंटिस्ट कोई भी नहीं बन सकता है इसके लिए खास डिग्री और पढ़ाई की जरुरत होता है। इसके अलावा कैंडिडेट में खास स्किल्स का होना भी जरुरी है। डेटा साइंटिस्ट के पास आमतौर पर स्टेटिक्स, कंप्यूटर साइंस या इंजिनियरिंग में में पीएचडी की डिग्री होती है। दरअसल, आइओटी, डिवाइसेज, सेंसर्स, बायोमेट्रिक मॉनीटर्स और कंप्यूटर्स आदि के जरिए एकत्रित डाटा इन दिनों दुनियाभर की कंपनियों के लिए बहुत काम का हो गया है। ये डाटा जहां शोध संस्थानों और आइटी कंपनयिों के लिए बड़े काम के होते हैं, वहीं इनके जरिए कंपनियां पूर्वानुमान लगाकर अपनी सेल्स स्ट्रेटेजी को और मजबूत बना सकती हैं। अभी इस तरह के डाटा का उपयोग बहुत अधिक नहीं हो पा रहा है, क्योंकि मार्केट की जरूरत के अनुसार इस क्षेत्र में उतने ट्रेंड लोग नहीं हैं। आने वाले दिनों में इनका बहुत महत्व होगा।
ऑनलाइन और हाइब्रिड एजुकेशन कंपनी ग्रेट लर्निंग की एक ताजा स्टडी रिपोर्ट की मानें, तो इस एरिया में जितने लोग नौकरी ढूंढ़ रहे हैं, उससे दोगुनी नौकरियां मार्केट में हैं। जुलाई में आई नैसकॉम की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में विभिन्न सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) और बिग डाटा एनालिटिक्स सेगमेंट में करीब 1.4 लाख नौकरियों की जगह खाली है, जबकि कुल मांग 5.1 लाख कर्मचारियों की है। सैलरी डॉट कॉम की ओर से हाल में नए जमाने की जिन टॉप 10 नौकरियों की लिस्ट जारी की गई, उसमें डाटा साइंटिस्ट का पद भी शामिल है, जहां लोगों को शुरुआत से ही सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है। पिछले दो साल में इस क्षेत्र में नौकरियों की संख्या भी करीब दोगुनी तक बढ़ी है। आगे भी इस जॉब की बहुत डिमांड रहने वाली है, जहां कंपनियों में इन प्रोफेशनल्स की भूमिका एक डिटेक्टिव की तरह होगी, जिन्हें आइओटी, डिवाइसेज, सेंसर्स, बायोमेट्रिक मॉनीटर्स, कंप्यूटर्स और सर्वर आदि के जरिए एकत्रित डाटा की तह में जाकर कंपनियों के लिए उपयोगी सूचनाएं निकालनी होंगी।
डाटा साइंटिस्ट की आज सरकारी और प्राइवेट दोनों ही क्षेत्रों में डिमांड है। अभी इनकी मांग गूगल, लिंक्डइन, फेसबुक, ट्विटर, ई-कॉमर्स जैसी कंपनियों में है, जहां डाटा स्टोर करने का कार्य होता है। लेकिन इंटरनेट के इस दौर में जिस तेजी से डाटा बढ़ता जा रहा है और डाटा विश्लेषण की मांग बढ़ती जा रही है, उसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं है कि आने वर्षों में इनकी जरूरत हर इंडस्ट्री को होगी।
अभी के जॉब ट्रेंड की बात करें, तो करीब 92 प्रतिशत डाटा साइंटिस्ट वही प्रोफेशनल्स बन रहे हैं, जिनके पास कोई एडवांस डिग्री है और जो गणित, स्टैटिस्टिक्स में रुचि रखने के साथ-साथ रूबी, पायथन जैसी प्रोग्रामिंग स्किल भी रखते हैं। इसके अलावा, बीई/बीटेक, एकाउंटिंग या फिर कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएट युवा भी इस क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं। हाल के दिनों में आइआइटीज समेत देश की कई निजी यूनिवर्सिटीज में बीटेक डाटा साइंस और एमटेक डाटा साइंस के रूप में अलग से कोर्स शुरू किए गए हैं। इसी तरह जिग्सा, एनालिटिक्सलैब जैसे कुछ इंस्टीट्यूट भी ऑनलाइन माध्यम से बिग डाटा एनालिटिक्स में शॉर्ट टर्म कोर्स करा रहे हैं।
डाटा साइंटिस्ट मुख्य रूप से गूगल, अमेजॉन, माइक्रोसॉफ्ट, ईबे, लिंक्डइन, फेसबुक और ट्विटर आदि बड़ी कंपनियों में काम के लिए अप्लाई कर सकते है, क्योंकि डाटा साइंटिस्ट डेटाबेस एंड इन्फॉर्मेशन इंटिग्रेशन, क्लाउड कम्प्यूटिंग, नेचुरल लैंग्वेजडेटा साइंटिस्ट की जरूरत होती है। इसके अलावा डाटा साइंटिस्ट डेटाबेस एंड इन्फॉर्मेशन इंटिग्रेशन, क्लाउड कम्प्यूटिंग, नेचुर प्रोसेसिंग, सोशल एंड इन्फॉर्मेशन नेटवर्क, वेब इन्फॉर्मेशन एक्सेस, डेटा/ बिजनेस एनालिसिस फील्ड में काम कर सकते है क्योंकि, इन जगहों पर डाटा साइंटिस्ट की अत्याधिक आवश्यकता पड़ती है |
डाटा साइंटिस्ट आज की हाईपेइंग जॉब है। यहां शुरुआत में ही युवाओं को कई कंपनियां 10 से 12 लाख रुपये तक सालाना पैकेज ऑफर कर रही हैं। ताजा आंकड़े के अनुसार, बड़ी-बड़ी कंपनियों में इस क्षेत्र के अनुभवी लोग सालाना 60-65 लाख रुपये तक का पैकेज पा रहे हैं । डाटा साइंटिस्ट्स बिजनेस एनालिटिक्स, डाटा प्रोडक्ट्स एवं स़ॉफ्टवेयर प्लेटफ़ॉर्म्स बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। आज विश्व में हर दिन 2.5 क्विंटिलयन बाइट्स डाटा क्रिएट हो रहा है, जिसे मैनेज करने के लिए स्किल्ड प्रोफेशनल्स की जरूरत होगी। इनके लिए अथाह अवसर होंगे। खासकर बिग डाटा एनालिटिक्स एवं आइटी इंडस्ट्री में इनकी विशेष मांग होगी।
प्रमुख संस्थान-
1. आईएसआई, कोलकाता
2. आईआईएम, कोलकाता, लखनऊ
3. आईआईटी, खड़गपुर, मुंबई
4. एमआईसीए, अहमदाबाद
5. आईआईएससी, बेंगलुरु
6. इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट, रांची
7. स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद
__________________________________________________________________
डॉ दीपक कोहली , उपसचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग , उत्तर प्रदेश शासन, 5 /104,विपुल खंड, गोमती नगर, लखनऊ – 226010( उत्तर प्रदेश)( मोबाइल- 9454410037)( ईमेल – deepakkohli64@yahoo.in)