बाराबंकी में पुलिस बैरक, मेस, शौचालय में बदलाव की मुहिम

जनपद बाराबंकी के अत्यन्त उत्साही, कर्मठ और सामाजिक सम्बन्ध मजबूत रखने वाले थानाध्यक्षों एवं चौकी प्रभारियों द्वारा विगत कई माह में पुलिस कर्मियों के रहने की बैरक, भोजनालय और बैठकर भोजन करने की समुचित व्यवस्था, टायलेट्स विशेषकर महिला आरक्षियों के टायलेट्स में आमूल परिवर्तन का अभियान छेड़ रखा है।

बाराबंकी
अरविंद चतुर्वेदी

इसके अतिरिक्त कार्यालय, आगन्तुक कक्ष, थाना परिसर में इन्टरलाकिंग आदि की भी उत्कृष्ट व्यवस्था की जा रही है।

जनपद का सबसे बड़ा और सबसे दूरस्थ थाना मोहम्मदपुर खाला के भवनों की दशा इतनी दयनीय थी कि वहां तैनाती के साथ ही थानाध्यक्ष के रोएं गिर जाते थे।

सीमित सरकारी धन और व्यापक जनसहयोग से थानाध्यक्ष श्री मनोज कुमार शर्मा के उत्कृष्ट नेतृत्व और मजबूत सामाजिक सम्बन्धों के कारण आज मोहम्मदपुर खाला थाना जनपद के सबसे सुन्दर थानों में सम्मिलित हो गया है।

थाने का मुख्य गेट, संतरी पोस्ट, बैरियर आदि सुविधाओं से सुसज्जित अत्यन्त भव्य बनाया गया है।

थाने के सौन्दर्यीकरण के लिये जनसहयोग से चालीस हजार इन्टरलाकिंग ईंटों का इस्तेमाल किया गया है।

20×18 फिट का अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित नया आगन्तुक कक्ष भी तैयार किया गया है।

इसी प्रकार उत्साही-थानाध्यक्ष देवा श्री प्रकाश चन्द्र शर्मा द्वारा नई मेस, 8 टायलेट्स का संकुल, पुष्प वाटिका आदि बनवा कर थाने का कायाकल्प कर दिया है। दोनों थानों के कार्यों का रविवार को था।

ऐसे उद्घाटनों के अवसर पर मेरा आग्रह होता है कि क्षेत्र के 10-12 बुजुर्ग अध्यापक, कृषक, अवकाश प्राप्त पुलिस/सरकारी कर्मियों को अवश्य बुलाकर माला पहनाकर तथा उन्हें अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया जाये।

साथ ही साथ स्थानीय बच्चों (30-40) को बुलाकर थाने का भ्रमण कराया जाये और उन्हें भी यथा सम्भव कुछ भेंट दी जाये।

*बुजुर्गों और विद्यार्थियों की उपस्थिति से थाना परिसर संस्कार और संकल्प की ऊर्जा से लबरेज हो जाता है।*

मेरा दो दशकों से अधिक का पुलिस अनुभव इंगित करता है कि समाज में आयी तरह-तरह की विकृतियों को दूर करने के लिये आज आत्ममंथन की आवश्यकता है।

समाज का हर व्यक्ति अपनी संकल्प शक्ति को मजबूत करे, सनातन संस्कारों में गहरी आस्था रखे तथा बुजुर्ग और बच्चों के बीच संवाद का सेतु स्थापित हो तो समाज और व्यवस्था में आमूल परिवर्तन लाया जा सकता है।

मैं उपस्थित बच्चों और जनसमूह के साथ राष्ट्रकवि श्री सोहन लाल द्विवेदी की सुप्रसिद्ध कविता ’’खड़ा हिमालय बता रहा है, डरो न आंधी पानी से, डटे रहो तुम अपने पथ पर, कठिनाई तूफानों में’’ का सामूहिक लयबद्ध गान करता हूं।

बच्चों का आह्वान करता हूं कि कविता में उल्लिखित हिमालय पर्वत जैसा संकल्प उन्हें अपने मन में ठानना चाहिए, जिससे दुनिया का कोई भी लक्ष्य उनके लिये अभेद्य न रह जाये।

कल दिनांक-30-9-2020 को थाना देवा, बाराबंकी में आयोजित कार्यक्रम में कविता गायन के दौरान बच्चों की भीड़ से कक्षा-7 में पढ़ने वाली कशिश वर्मा स्वप्रेरित होकर डायस पर आयी और उसने पुलिस के जनता के प्रति समर्पण को रेखांकित करते हुये ऐसे समाज का आह्वान किया, जहां अपराध हों ही न।

उसके भाव और पहल का सम्मान करते हुये मैने उसे *थाना देवा का पुलिस ब्राण्ड एम्बेसडर* घोषित किया है।

कार्यक्रम में उपस्थित 82 वर्षीय अवकाश प्राप्त अध्यापक श्री रामखेलावन तिवारी ने हमारे इस गायन को खुले स्वर से दोहराया।

उन्हें गाता देखकर मुझे अपने गोलोकवासी पिता प्रो. शैलनाथ चतुर्वेदी का स्मरण हो आया, जो आज 87 वर्ष के होते।

मेरे पिता सच्चे अर्थों में मेरे फ्रेण्ड-फिलासफर-गाइड रहे।

आज होते तो इन संस्कारों को पल्लवित होते देखकर सच में बहुत प्रसन्न होते।

उनकी समृद्ध स्मृतियों को नमन।

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