बुल्लीबाई ऐप : उत्तराखंड से तीसरी गिरफ्तारी

बुल्लीबाई ऐप #BulliBaiApp क्या है?

मुंबई पुलिस ने बुल्लीबाई ऐप BulliBaiApp मामले में तीसरी गिरफ्तारी उत्तराखंड से की है। खास यह है कि तीनों गिरफ़्तार युवा Youngsters हैं। ‘बुल्लीबाई ऐप’ के माध्यम से ये यंगस्टर्स न केवल धर्म के खिलाफ लोगों को भड़काने का काम कर रहे थे बल्कि महिलाओं के प्रति अपराध में भी लिप्त हो रहे थे। आश्चर्य इस बात का है कि इस ऐप की ‘मास्टरमाइंड’ खुद भी एक युवती है, जिसने इस ऐप के जरिये कई तरह के अपराधों को बढ़ाने का काम किया।

मुंबई पुलिस ने बुधवार को #BulliBaiApp ‘बुल्लीबाई ऐप’ केस के तीसरे सूत्रधार 21 वर्षीय मयंक रावल को उत्तराखंड से गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले 18 साल की श्वेता सिंह को भी उत्तराखंड से ही गिरफ्तार किया गया था। माना जा रहा है कि इस ऐप की मास्टरमाइंड यही युवती है। हालांकि ‘बुल्लीबाई ऐप’ मामले में सबसे पहले 21 वर्षीय इंजीनियरिंग के छात्र विशाल कुमार झा की गिरफ्तारी हुई थी।

बता दें कि 3 जनवरी 2021 को बुल्लीबाई ऐप #BulliBaiApp से जुड़े विशाल कुमार झा को मुंबई पुलिस ने बेंगलुरु से हिरासत में लिया। अगले दिन 4 जनवरी 2021 को उसे बांद्रा स्थित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के समक्ष पेश किया गया।

मुंबई पुलिस के साइबर सेल ने इस मामले में ज्यादा जानकारी पाने के लिये कोर्ट से 10 दिनों के लिये इनकी रिमांड यह कहकर मांगी थी कि उसे यकीन है कि इस मामले में आरोपी अकेला नहीं है बल्कि इसके साथ कई और लोग भी शामिल हैं। मामले की गोपनीयता बरकरार रखने के लिये कोर्ट की यह कार्यवाही बंद कमरे में एक कैमरे के सामने पूरी की गई।

पुलिस ने तब कोर्ट से कुमार के बेंगलुरु स्थित आवास पर तलाशी व जब्ती करने की अनुमति भी मांगी। सुनवाई के बाद, मजिस्ट्रेट ने मुंबई पुलिस को मामले से संबंधित तलाशी और दस्तावेज एकत्र करने की अनुमति दे दी।

बुल्लीबाई ऐप क्या है?

अब भी लोग यह समझ नहीं पा रहे कि आखिर यह ‘बुल्लीबाई ऐप’ क्या है? तो आइए, #BulliBaiApp के बारे में जानते हैं…

‘बुल्ली बाई’ नामक ऐप में 100 से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं के बारे में जानकारियां अपलोड की गई थीं और उपयोगकर्ताओं को इनकी ‘नीलामी’ में भाग लेने के लिये कहा जा रहा था। GitHub के खुले मंच पर यह ऐप न केवल मुस्लिम समुदाय के प्रति आक्रोश दिखा रहा था बल्कि उनके प्रति दूसरे धर्म के लोगों को भड़काने का काम भी कर रहा था।

1 जनवरी 2022 को मुंबई पुलिस में उन मुस्लिम महिलाओं ने इस बारे में FIR दर्ज करवाई, जिन्हें इस ऐप ने टारगेट किया था, इसके बाद ही मुंबई पुलिस ने इस पर कार्रवाई शुरू की।

ऐप ने जिन महिलाओं को टारगेट किया था, उनमें से एक दिल्ली की पत्रकार इस्मत आरा भी हैं। उनकी शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने भी अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ धारा 153 ए (धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देना), भारतीय दंड संहिता की धारा 153बी (राष्ट्रीय-एकता को भंग करने का आरोप), 354ए (यौन उत्पीड़न) और 509 (शब्द, हावभाव या एक महिला की शील का अपमान करने का इरादा) के तहत अपराध को लेकर प्राथमिकी दर्ज की है।

ये FIR ‘बुल्ली बाई’ ऐप के डेवलपर और इससे संबंधित कुछ ट्विटर हैंडल्स के खिलाफ दर्ज की गई थीं। इन पर जो धारायें लगायी गयीं, वे इस प्रकार हैं- धारा 153ए (धर्म आदि के आधार पर शत्रुता को बढ़ावा देना), 153बी (राष्ट्रीय-एकता को भंग करने का आरोप), 295ए (धार्मिक विश्वासों का अपमान), 354डी (पीछा करना), 509 (शब्द, इशारा या कार्य, जिसका उद्देश्य किसी महिला की शील का अपमान करना है), भारतीय दंड संहिता की 500 (आपराधिक मानहानि) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करना)।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए छात्र को ट्विटर अकाउंट के उस आईपी एड्रेस के जरिए ट्रेस किया गया, जिसका इस्तेमाल तस्वीरें अपलोड करने के लिए किया गया था।

पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि श्वेता के पिता नहीं हैं इसलिये गरीबी ने उसे इस रास्ते पर चलने को मजबूर कर दिया।
सोशल मीडिया पर प्रीति गांधी के ट्वीट को लेकर खूब चर्चा हो रही है, जिसमें उन्होंने युवती की कम उम्र को लेकर उसके साथ रहम करने की बात की है।

इधर, ऐप की 18 वर्षीय मास्टरमाइंड श्वेता सिंह, जोकि उत्तराखंड के रूद्रपुर की रहने वाली है, को लेकर सोशल मीडिया पर राजनीति गरमाने लगी है। एक ओर जहां पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि श्वेता के पिता नहीं हैं इसलिये गरीबी ने उसे इस रास्ते पर चलने को मजबूर कर दिया। वहीं, दूसरी ओर सोशल मीडिया पर प्रीति गांधी के ट्वीट को लेकर खूब चर्चा हो रही है, जिसमें उन्होंने युवती की कम उम्र को लेकर उसके साथ रहम करने की बात की है।

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