गन्ना खेती में शोध कार्यों के लिए धन मिला

शोध कार्यो हेतु नही होगी बजट की कमी-संजय भूसरेड्डी

(मीडिया स्वराज़ डेस्क )

लखनऊः 29 अप्रैल.किसान हितपरक शोध कार्याे हेतु बजट की बाधा नहीं आने दी जायेगी तथा हर हाल में गन्ना किसानों की खुशहाली एवं गन्ना खेती में निरन्तर शोध हेतु बजट की व्यवस्था की जायेगी। यह  बातें प्रमुख सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास उ.प्र. तथा अध्यक्ष गवर्निंग बाडी ,उ.प्र. गन्ना शोध परिषद, श्री संजय भूसरेड्डी ने कही। श्री भूसरेड्डी ने कोरोना संक्रमण काल में भी गन्ना खेती एवं उसके शोध में लगे वैज्ञानिकों का  ध्यान रखा जिससे  गन्ना खेती से जुड़े किसान हितपरक शोध कार्य प्रभावित न हो, उन्होने वैज्ञानिकों के वेतन, पेंशन अंशदान आदि के भुगतान हेतु वर्ष 2020-21 हेतु रु.2101.11 लाख का बजट स्वीकृत किया और तत्काल खर्च कर सकने  की व्यवस्था करवाई हैं।

निदेशक डा. जे सिंह ने कहा कि गन्ना खेती के विभिन्न पहलुओं यथा गन्ना किस्मों के विकास, गन्ने में लगने वाले कीटों एवं रोगों के नियन्त्रण, खाद एवं उर्वरकों के प्रयोग आदि सम्बन्धी विभिन्न परीक्षण वैज्ञानिकों द्वारा निरन्तर किये जा रहे है। प्रदेश के किसानों हेतु गन्ना शोध परिषद द्वारा विकसित तीन नई गन्ना किस्में को.शा.13235 (अगेती), को.से.13452 (मध्य देर से पकने वाली किस्म) तथा ऊसर एवं जलप्लावित क्षेत्रों हेतु को.शा. 10239, प्रमुख सचिव द्वारा अभी हाल में ही स्वीकृत की गयी हैं. विभाग का  प्रयास है कि उन्नत किस्मों का गुणवत्तायुक्त बीज अधिकाधिक मात्रा में उपलब्ध हो सके।

उ.प्र.गन्ना गन्ना शोध परिषद के निदेशक डा. जे. सिंह ने कहा कि  समय से बजट आवंटन से जहाॅ एक तरफ शोध कार्यो में और गति आयेगी वहीं दूसरी ओर गन्ना किसानों को खेती की नवीन तकनीकी भी प्राप्त होगी।

श्री भूसरेड्डी के इस कदम से प्रेरित होकर गन्ना शोध परिषद के समस्त वैज्ञानिकों ने अपना एक दिन का वेतन कोरोना सक्रमण से बचाव हेतु मुख्यमन्त्री राहत कोष में  देने का निर्णय लिया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published.

16 − five =

Related Articles

Back to top button