बजट 2022 के लिये वित्त मंत्री को किसानों ने दिया जीरो नंबर
• बजट 2022 से गांव गरीब किसान को नहीं बल्कि कॉरपोरेट मित्रों को होगा लाभ- राकेश टिकैत
• एसईजेड से खेती योग्य जमीन पर संकट
• कृषि और उससे जुड़े हुए क्षेत्रों का कुल बजट पिछले साल के 4.26% से घटाकर इस वर्ष 3.84% कर दिया गया है- धमेंद्र मलिक
1 फरवरी 2022: आज बजट 2022 के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भाषण से स्पष्ट है कि यह बजट खेती के लिए नकारात्मक है। खेती में वित्तीय आबंटन को कम किया गया है। पिछले साल के मुकाबले कुल बजट का प्रतिशत भी कृषि के लिए आबंटन भी कम कर दिया गया है।
किसानों की आय दोगुनी करने, किसान सम्मान निधि के आबंटन में वृद्धि न करना, फसल बीमा योजना के लिए आबंटन कम करना, फसलों की खरीद हेतु प्रधानमंत्री आशा स्कीम में आबंटन घटाना, पराली न जलाने हेतु आबंटन को खत्म करना, एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड को कम करना, खेती में प्रयोग होने वाली वस्तुओं जैसे बीज, कीटनाशक, खरपतवार नाशी, ट्रैक्टर सहित कृषि यंत्रों, पशुओं व पोल्ट्री फीड आदि में जीएसटी की दरों में राहत न देने आदि से स्पष्ट है कि कृषि की बजट में इतनी उपेक्षा आजाद भारत के इतिहास में कभी नहीं हुई है। किसानों के लिए बजट रूटीन प्रकिया का हिस्सा है। इससे किसानों का कल्याण संभव नहीं है। इस बजट से यह भी स्पष्ट है कि सरकार किसानों से बदले की भावना से कार्य कर रही है।
तिलहन के उत्पादन को आप इसलिए बढ़ाना चाहते हैं कि ताड़ की खेती आप कॉरपोरेट को सौंपना चाहते हैं। यह खेती भूमिगत जल व पर्यावर्णीय दृष्टि से उचित नहीं है।
बजट में केवल अमृत महोत्सव, गतिशक्ति, ई विधा जैसे शब्दों का मायाजाल है। कृषि में पूंजी निवेश के माहौल के लिए कोई योजना नहीं है।
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किसान, सरकार की इस किसान विरोधी सोच का विरोध करते हुए देश की वित्त मंत्री महोदया को बजट के लिए 000 नंबर देता है,
जो भी कृषि का आवंटन है, उसका बड़ा हिस्सा तनख्वाह, किसान सम्मान निधि व ब्याज की सब्सिडी पर खर्च होगा। इसमें नया कुछ भी नहीं है बल्कि जो मिल रहा था, उसे भी कम कर दिया गया है।
भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने यह किसानों की ओर से ये जानकारी दी है।