नीतीश और लालू की बयानबाजी की गोलियों से दहल उठा बिहार
नीतीश और लालू फिर आमने सामने
नीतीश और लालू की बयानबाजी : बिहार विधानसभा की दो सीटों पर नवंबर में उप चुनाव होने हैं. खास यह है कि चुनाव प्रचार से करीब तीन साल दूर रहने के बाद आज राजद सुप्रीमो लालू यादव ने इस प्रचार के जरिये राजनीति में एक बार फिर अपनी एंट्री की है. हालांकि, इस बीच नीतीश और लालू की बयानबाजी चलती रही. लंबे समय तक झारखंड की जेल में सजायाफ्ता रहे लालू प्रसाद यादव बुधवार को तारापुर में एक चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे. सभा में उन्होंने नीतीश के बयान पर पटलवार करते हुए कहा, ‘हम काहे गोली मारेंगे, तुम अपने मर जाओगे’.
सुषमाश्री
तकरीबन तीन साल बाद किसी चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे आज राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव. शरीर से कुछ कमजोर दिख रहे लालू के रौबीले स्वभाव में कहीं कोई कमजोरी नहीं दिखी, जबकि लंबे समय से वे झारखंड की जेल में सजा काट रहे थे. लालू के चुटीले अंदाज और उनके भाषणों के मुरीद आज भी कम नहीं. यह उनकी चुनावी रैली में साफ दिख रहा था.
नीतीश और लालू की बयानबाजी : लालू ने अपने चिर परिचित अंदाज में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार, दोनों को आड़े हाथों लिया. लालू के प्रदेश में एंट्री के बाद से ही विपक्षी खेमे में तनाव है. शायद इसका एक कारण यह भी है कि लालू ने बिहार की मिट्टी में कदम रखते ही जो बयान दिया, उसके बाद से ही नीतीश और लालू के बीच तीखे नोंकझोंक भरे तीर चलने शुरू हो गए.
नीतीश कुमार पर पलटवार करते हुए राजद अध्यक्ष ने कहा, ‘हम काहे गोली मारेंगे, तुम अपने मर जाओगे’. बता दें कि एक दिन पहले ही नीतीश कुमार ने कहा था कि लालू जी चाहें तो हमें गोली मरवा दें. लालू ने उसी का जवाब आज की रैली में दिया. हालांकि, नीतीश कुमार लालू यादव के विसर्जन वाले बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें राजद अध्यक्ष ने प्रदेश में कदम रखने के बाद कहा था कि उसका (नीतीश) विसर्जन करने आए हैं.
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रैली में मौजूद भीड़ से वोट करने की अपील करते हुए लालू यादव ने कहा, गोली चले या गोला, जीतेगा हमारा भोला, मतलब राजद का उम्मीदवार अरुण साह’. उन्होंने कहा, “हमने नीतीश को मुख्यमंत्री बनाया था, लेकिन वो बीजेपी की गोद में जाकर बैठ गया. कहता था, जो भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देगा, उसके साथ जाएंगे, तो क्यों नहीं दिलवाता विशेष दर्जा.”
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए लालू यादव ने कहा कि मोदी सरकार देश में सबकुछ बेच रही है. रेल, जहाज सबकुछ बेच दिया. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में प्लेटफॉर्म पर चढ़ने के लिए भी पांच हजार रुपया अडाणी लेगा. उन्होंने कहा कि उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए एक रुपया भी किराया नहीं बढ़ाया, लेकिन मोदी सरकार में रोज किराया बढ़ रहा है. ट्रेन में तो न बेडशीट मिल रहा है न पानी. उन्होंने कहा कि रेलवे जर्सी गाय थी, लेकिन इन लोगों ने उसको भी बेच दिया. राजद अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने रेलवे को 50 हजार करोड़ का सरप्लस आय दिलवाया था.
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लालू यादव ने जातिगत जनगणना का भी मुद्दा उठाया और कहा कि इस पर लंबी लड़ाई छेड़नी है. उन्होंने पूछा कि जब जानवरों की गिनती करवा सकते हो तो इंसानों की गिनती क्यों नहीं? पिछड़ी जाति के लोगों की गिनती कराने में क्या दिक्कत है?