अमिताभ बच्चन की बीमारी पर अमेरिका में एक डाक्टर को भर्तृहरि की याद क्यों आ गयी

डा महेंद्र सिंह

डा महेंद्र सिंह

आज दो ख़बरें एक साथ आयीं- शहंशाह और उमराव जान के बंगले के गॉर्डस के कोरोना पॉजिटिव होने की।इस घटना से संस्कृत के प्रसिद्ध लेखक भर्तृहरि की सहज ही याद आ गयी जिनको अपनी युवावस्था में मैंने खूब पढ़ा था। जो नहीं जानते उनके लिए – वैसे तो भर्तृहरि ने बहुत सारा साहित्य रचा पर वे प्रमुखतया अपनी तीन पुस्तकों के लिए संस्कृत साहित्य में याद किये जाते हैं: १) नीति शतक, २) श्रृंगार शतक, ३) वैराग्य शतक। भर्तृहरि एक राजा थे, सो “नीति” यानी राजनीति के सहज ही विद्वान् थे सो राजनीति पर आधारित १०० श्लोक लिख डाले थे जो नीति शतक नाम से जाना गया, राजा थे सो उनकी एक बेहद सुन्दर रानी भी थी जिसके प्रेम में आसक्त होकर उन्होंने श्रृंगार शतक लिख डाला। पर वैराग्य शतक लिखने की उन्हें प्रेरणा कैसे मिली उसकी पृष्ठभूमि में यह कथा है:

हुआ यूं कि एक दिन एक सिद्ध योगी कहीं से राजमहल में आ पहुँचा और उसने राजा भर्तृहरि की आवभगत से प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद स्वरुप एक “अमर फल” दिया और कहा कि राजन अगर तुम उसे खा लोगे तो अमर हो जाओगे। और तुम्हे होना भी चाहिए क्योंकि तुम्हारे जैसे न्यायप्रिय राजा की पूरे पृथ्वी पर हमेशा ही आवश्यकता पड़ेगी। योगी के जाने के बाद राजा ने सोचा विचारा और वह फल अपनी सुन्दर पत्नी यानी रानी को दे दिया जिसके प्रेम में वे अंधे हो चले थे। रानी के प्रेम सम्बन्ध राज्य के सेनापति से थे और रानी ने वह अमर फल प्रेमवश सेनापति को दे दिया। सेनापति राज्य की नगरवधू (एक प्रकार की गणिका/वेश्या पर वह उन दिनों समाज में सम्मानित पद माना जाता था) से प्रेम करता था सो उसने वह फल जाकर नगर वधू को दे दिया। नगरवधू ने बहुत सोचा विचारा और जाकर दरबार में राजा भर्तृहरि से बोली कि महाराज मुझे यह “अमर फल” मिला है पर मैं यह प्रेमरहित, शांति विहीन, अनुपयोगी, और पापी जीवन जीते हुए अमर हो भी जाऊँ तो समाज का क्या भला कर पाऊँगी, पर आपके अमर होने से पूरे राज्य का कल्याण होगा इसलिए कृपा करके यह “अमर फल” स्वीकार करें।

राजा भर्तृहरि वह “अमर फल” देखकर स्वाभाविक रूप से सांसारिक जीवन से विरक्त हो गए और इस तरह वैराग्य शतक लिखा गया।

वैसे आज वाली कहानी में भी राजा यानी शहंशाह है, नगरवधू है, और नगरवधू के गॉर्डस यानी सेनापति भी है। बाकी कड़ियाँ आप खुद जोड़ लें।

लेखक ड़ा महेंद्र सिंह अमेरिका में केसर पर रिसर्च कर रहे हैं. उन्होंने यह टिप्पणी अपने फ़ेस बुक पेज पर पोस्ट की थी. यह लेखक के निजी विचार हैं. 

मीडिया स्वराज़ बच्चन परिवार के सभी लोगों के स्वास्थ्य की शुभ  कामना करता है. 

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