रायपुर पुलिस ने ऐसे पकड़ा कि MP को भनक तक न लगी, जानिये कालीचरण की गिरफ्तारी की पूरी कहानी…
कालीचरण की गिरफ्तारी के तुरंत बाद मध्यप्रदेश में राजनीतिक हलचल शुरू हुई, जब वहां भाजपा सरकार में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गिरफ्तारी के तरीके पर ऐतराज जताते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के गृहविभाग या फिर राज्य के सक्षम व्यक्ति को इसकी जानकारी देनी चाहिए थी। इस पर सीएम भूपेश बघेल ने तीखी आपत्ति करते हुए कहा कि मिश्रा बताएं-कालीचरण की गिरफ्तारी से वे खुश हैं या दुखी? प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कालीचरण की गिरफ्तारी को नियमों के तहत करार देते हुए एमपी के गृहमंत्री की आपत्ति को सिरे से खारिज कर दिया है।
कालीचरण की गिरफ्तारी की कहानी
बिल्कुल फिल्मी अंदाज में खुद को पेश करते रहने वाले तथाकथित संत कालीचरण की गिरफ्तारी ने एक ओर जहां दो राज्यों की सरकारों के बीच आरोप प्रत्यारोप का नया मुद्दा दे दिया है, वहीं इस पूरे प्रकरण के दौरान छत्तीसगढ़ पुलिस की खासतौर से तारीफ हो रही है। यकीनन पुलिस के काम करने का अंदाज कुछ ऐसा ही होना चाहिए, जिससे कानून को खिलौना समझने वाले लोगों को गलत करने से पहले कुछ डर भी महसूस हो, ताकि देश में शांति कायम रह सके।
कुछ ऐसा ही हुआ छत्तीसगढ़ में आयोजित एक ‘धर्म संसद’ में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को ‘अपशब्द’ कहने तथा गोडसे को ‘साष्ट्रांग नमन’ करनेवाले कालीचरण को रायपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने पर भी। बता दें कि गुरुवार को कालीचरण को मध्यप्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार कर लिया है। कालीचरण को वहां किराए के मकान से पकड़ा गया और फिर पुलिस वहां से सीधे लेकर देर शाम रायपुर आ गई।
यहां मेडिकल टेस्ट के बाद कालीचरण को कोर्ट में पेश किया गया। इसके बाद उसे दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। इससे पहले, गुरुवार को उसके खिलाफ भावनाएं भड़काने के मामले में कार्रवाई करते हुए राजद्रोह का मुकदमा भी कायम कर दिया गया था।
गिरफ्तारी के तुरंत बाद मध्यप्रदेश में राजनीतिक हलचल शुरू
कालीचरण की गिरफ्तारी के तुरंत बाद मध्यप्रदेश में राजनीतिक हलचल शुरू हुई, जब वहां भाजपा सरकार में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गिरफ्तारी के तरीके पर ऐतराज जताते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के गृहविभाग या फिर राज्य के सक्षम व्यक्ति को इसकी जानकारी देनी चाहिए थी। इस पर सीएम भूपेश बघेल ने तीखी आपत्ति करते हुए कहा कि मिश्रा बताएं-कालीचरण की गिरफ्तारी से वे खुश हैं या दुखी? प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कालीचरण की गिरफ्तारी को नियमों के तहत करार देते हुए एमपी के गृहमंत्री की आपत्ति को सिरे से खारिज कर दिया है।
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महाराष्ट्र के पुणे और अकोला में भी गांधीजी को अपशब्द कहने के मामले में FIR दर्ज
कालीचरण के खिलाफ पिछले तीन दिन में महाराष्ट्र के पुणे और अकोला में भी गांधीजी को अपशब्द कहने के मामले में एफआईआर दर्ज हैं। कालीचरण ने रविवार की शाम रायपुर में हुई धर्मसंसद में अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया था। रायपुर में उसी रात कालीचरण के खिलाफ केस दर्ज किया था, लेकिन तब तक वे यहां से रवाना हो गए थे। तीन दिन से छत्तीसगढ़ पुलिस कालीचरण को सभी संभावित ठिकानों पर तलाश रही थी। आखिरकार गुरुवार को सुबह कालीचरण खजुराहो में पुलिस के घेरे में आ गया। पुलिस ने उसे जैसे ही गिरफ्तार किया, उसके कुछ देर बाद मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गिरफ्तारी के तरीके पर आपत्ति जता दी। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्य में किसी की गिरफ्तारी के पहले उस राज्य की सरकार या गृह विभाग को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए।
गुरुवार सुबह 4 बजे गिरफ्तार किया
बता दें कि कालीचरण महाराज को मध्यप्रदेश में छतरपुर के खजुराहो से रायपुर पुलिस ने गुरुवार सुबह 4 बजे गिरफ्तार किया। रायपुर से भागकर कालीचरण मंगलवार रात 10 बजे 6 साथियों के साथ खजुराहो से 22 किमी दूर गढ़ा गांव के बागेश्वर धाम पहुंचा था।
यहां वह एक साधारण से कमरे में रुका था। 8 बाय 10 के इस रूम में छत भी चद्दर वाली थी। कालीचरण ने स्टे होम में राजू के नाम से एंट्री कर तीन रूम बुक करवाए थे। उसके साथ दो महिलाएं भी थीं। कालीचरण ने उस कमरे में 32 घंटे बिताए थे।
ऐसा रहा घटनाक्रम
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक कालीचरण होम स्टे में ठहरे राजेश शर्मा ने बताया कि मंगलवार रात कालीचरण 6 लोगों के साथ आए थे। बाद में दो महिलाएं भी आई थीं। कालीचरण ने मास्क लगा रखा था, इसलिए लोग उन्हें पहचान नहीं सके। साथ ही, वह खुद ही अपना सामान उठा रहे थे। उन्होंने यहां 103, 109 और 112 नंबर का कमरा लिया था। रात में एक कमरे में जाने के बाद वे बाहर नहीं आए। सुबह 11 बजे वह बागेश्वर धाम मंदिर निकल गए। रात करीब दो से ढाई बजे के बीच लौटे। तब तक उनके पीछे-पीछे पुलिस भी आ चुकी थी। हालांकि पुलिस के बारे में भी किसी को कुछ पता नहीं था। पुलिस सिविल ड्रेस में साइड वाले रूम में ही रुकी थी। रात में अलाव ताप रही थी। कालीचरण बाबा के आते ही उन्हें पुलिसवालों ने घेर लिया। करीब 4 बजे सुबह वे बाबा को लेकर रवाना हो गए।
300 रुपये प्रतिदिन के किराये वाले कमरे में रुका था कालीचरण
स्थानीय कर्मचारियों ने बताया कि यहां एक रूम में तीन लोगों को ठहराया जाता है। एक व्यक्ति का 100 रुपये चार्ज रहता है। यदि रूम बुक करते हैं, तो 300 रुपये दिन के हिसाब से किराया देना होता है। बाबा के रूम का भी किराया 300 रुपये था। बाबा जिस रूम में थे, उसमें ऊपर टिन की शीट थी। एक छोटा सा पंखा लगा था। बाबा ने होम स्टे में खाना नहीं खाया था। उनके लिए बाहर से पार्सल आया था। मिनरल वाटर के साथ ही उन्होंने बिस्किट भी मंगवाई थी। बाबा के रूम में उनके जूते और अंगवस्त्र उसी हालत में पड़े थे, जैसा वे छोड़ गए थे।
सादी वर्दी में थे पुलिस वाले
वहीं, होम स्टे में ही रुके अनूप शर्मा ने बताया कि बाबा मंगलवार रात करीब 10 बजे आए थे। वे रूम नंबर 109 में रुके थे। वे दो लोग एक ही रूम में रुके थे। किसी से भी बात नहीं कर रहे थे। पुलिस लगातार यहां राउंड लगा रही थी। रात करीब ढाई बजे बाबा मंदिर से आए थे। सुबह 4 बजे सादी ड्रेस में कुछ लोग आए और बाबा को साथ ले गए।
संचालक भागचंद शिवहरे को पुलिस ने हिरासत में लिया, तो उसने बताया कि बाबा रात में आए थे, इसलिए मैंने आईडी नहीं ली। रजिस्टर में एंट्री कर कमरा दे दिया था। सुबह वे जल्दी मंदिर निकल गए थे। रात में आए, तो पुलिस उन्हें पकड़कर ले गई। हमें तो कुछ पता ही नहीं चला कि आखिर हुआ क्या?
रायपुर पुलिस लेकर गई
SP छतरपुर सचिन शर्मा ने बताया कि कालीचरण महाराज के खिलाफ रायपुर में धारा 505 (2) और धारा 294 के तहत केस दर्ज किया गया था। इसी मामले में रायपुर पुलिस खजुराहाे के गढ़ा गांव आई थी। सुबह उन्हें पुलिस अपने साथ रायपुर लेकर रवाना हो गई। छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा इस बाबत हमें सूचना नहीं दी गई थी।
रायपुर में धर्म संसद में की थी महात्मा गांधी को लेकर टिप्पणी
रायपुर में हुई धर्म संसद के समापन के दिन शनिवार को महाराष्ट्र से आए कालीचरण ने मंच से गांधीजी के बारे में अपशब्द कहे थे। उन्होंने कहा था कि इस्लाम का मकसद राजनीति के जरिये राष्ट्र पर कब्जा करना है। सन् 1947 में हमने अपनी आंखों से देखा कि कैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश पर कब्जा किया गया। मोहनदास करमचंद गांधी ने उस वक्त देश का सत्यानाश किया। नमस्कार है नाथूराम गोडसे को, जिन्होंने उन्हें मार दिया।
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