नहीं हटेंगी रेल पटरी के किनारे की 48 हजार झुग्गियाँ

केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने 14 सितंबर को सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया कि फिलहाल दिल्ली में रेलवे पटरी के किनारे  बसी 48 हजार झुग्गियाँ को नहीं हटायी जायेंगी।

दरअसल राजधानी दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे बसी झुग्गी बस्तियों को हटाने का मामला विवादों में घिरता जा रहा है।

दिल्ली में 140 किलोमीटर रेलवे लाइन के किनारे कोई 48 हजार झुग्गियाँ हैं। वहां सैकड़ों परिवार पच्चीस- तीस वर्षों से रह रहे हैं।

कई महिलाओं ने कहा अगर अधिकारी उनकी झुग्गी तोड़ने के लिए बुलडोजर लेकर आयेंगे तो वे उसके नीचे लेट जायेंगी या रेलवे लाइन पर सो जायेंगी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वे 48 हजार झुग्गियाँ नहीं हटाने देंगे और किसी झुग्गी वासी को विस्थापित नहीं होने देंगे। उनके पुनर्वास का प्रबंध करेंगे।

कांग्रेस नेता अजय माकन और 11 झुग्गी वासियों ने सर्वोच्च न्यायालय से गुहार लगायी थी कि 2.4 लाख झुग्गी वासियों को तब तक बेदखल नहीं किया जाये जब तक कि उनके लिए सरकार कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर देती।

इसी याचिका पर केंद्र सरकार की ओर से श्री मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि इस संबंध में केंद्र और दिल्ली सरकारें जब तक संयुक्त रूप से कोई निर्णय नहीं लेतीं तब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होगी।

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