अमेरिका में सत्ता की जंग

अमेरिका में सत्ता संघर्ष में जो कुछ भी हुआ वो अप्रत्याशित नही है। बहुत दिनों से इस तरह की मानसिकता ट्रम्प के बयानों से झलक रही थी। दुनिया को लोकतंत्र की दुहाई देने वाले अमेरिका को जाते जाते ट्रम्प ने कलंकित कर दिया। अमेरिका के साथ साथ पूरी दुनिया की प्रजातांत्रिक प्रणाली के लिए ये एक अशुभ संकेत है। लोकतंत्र में हार और जीत तो लगी रहती है पर हार को स्वीकार करने के बजाय लोकतंत्र की हत्या कर येन केन प्रकारेण पद पर बने रहने की लालसा ने अमेरिका की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमेशा के लिए एक दाग लगा दिया। अमेरिका में 20 जनवरी के बाद सत्ता तो परिवर्तित होगी लेकिन लोकतंत्र के सीने में लगे ये काले धब्बे कभी नही मिटेंगे।

अमेरिका को भारतीय संस्कृति से सीखना चाहिए...

ऐसे में अमेरिका भारतीय संस्कृति से सीखे जिसमे भगवान राम ने सत्ता को ठोकर मारकर 14 सालों का कठोर बनवास झेला था और दुनियां के लिए एक आदर्श प्रस्तुत किया था। ऐसे में भारतीय लोकतंत्र का वो सुनहरा दृश्य भी याद आ रहा है जब स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार एक वोट से गिर गयी थी, उस समय अटल बिहारी बाजपाई ने संसद में बड़े ही स्वाभिमान पूर्वक कहा था कि हमारे पास बहुमत नही है, इसलिए मैं इस्तीफा देने जा रहा हूँ। इसी प्रकार से उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह ने बाबरी विध्वंश के बाद सत्ता को किस तरह से लात मारी थी ये सभी को याद होगा।

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लोकतंत्र में जन आकांछाओं औऱ बहुमत के विपरीत सत्ता से चिपके रहना और लोकतातन्त्रिक मूल्यों पर कुठाराघात करना भारतीय परंपरा नही रही। भरतीय लोकतंत्र के इतिहास में जन आकांक्षाओं के विपरीत कांग्रेस पार्टी की इंदिरा गांधी ने भी ऐसी ही हिमाकत करते हुए एक बार भारत मे आपातकाल लगाकर लोक तांत्रिक मूल्यों को छिन्न भिन्न करने की कोशिश की थी, उस कांग्रेस का हश्र भी क्या हुआ ये सभी को मालूम है। कांग्रेस देश से खत्म होती जा रही है।

ऐसे में ट्रम्प को चाहिए कि यू एस कैपिटल हिंसा की जिम्मेदारी लेकर खुद ही इस्तीफा दे दें और दुनिया को एक संदेश दे कि गैर कानूनी सत्ता हस्तांतरण के लिए अमेरिकी लोक तंत्र में कोई जगह नही है। ऐसा करके वे अभी भी अमेरिका को शर्मसार होने से बचा सकते है, और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा कर सकते है। अमेरिका के ऊपर लगे बदनुमा दाग को धो सकते हैं।
अमेरिका में कैपिटल हिंसा को लेकर दुनिया भर के बड़े नेता ट्रम्प की आलोचना कर रहे हैं।

अमेरिका की इस दुःखद घटनाक्रम पर भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि – “The democratic process can not be allowed to be subverted through unlawful protests…”

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि – ” Moment of great dishonour and shame for the USA.”

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 राकेश भदौरिया,संवाददाता,एबीपी न्यूज़,एटा/कासगंज

राकेश प्रताप सिंह भदौरिया
राकेश प्रताप सिंह भदौरिया,एटा/कासगंज…

पिछले 30 सालों से विभिन्न समाचार पत्र पत्रिकाओं और अब एबीपी न्यूज़ के लिए रिपोर्टिंग

शिक्षा- एम ए- अंग्रेजी, एम ए -हिंदी, एम ए- अर्थशास्त्र, एम कॉम,बी एड

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