सरोज खान : वे सितारों को अपनी अंगुलियों पर नचाती थीं

— पंकज प्रसून

चालीस साल से भी अधिक अवधि तक और दो हजार फिल्मी गानों की कोरियोग्राफर यानी नृत्य निर्देशक सरोज खान का 71 साल की उम्र में हृदय गति रुकने के कारण मुंबई के बांद्रा स्थित गुरु नानक अस्पताल में निधन हो गया।

जून २० को सांस लेने में तकलीफ़ होने के कारण वे अस्पताल में भर्ती हुई थीं। उनकी कोरोना जांच भी हुई और उन्हें निगेटिव पाया गया।
उनकी तबियत सुधर रही थी लेकिन कल अचानक बिगड़ गयी जो आखिरकार जानलेवा साबित हुई ।बीस नवंबर 1938 को मुंबई में जनमी निर्मला नागपाल ही सरोज खान बन गयीं।उनके माता-पिता भारत के विभाजन के बाद मुंबई आ बसे थे।छुटपन से ही वे फिल्मों से जुड़ गयी थीं। तीन बरस की उम्र में फिल्म नजराना में श्यामा के बचपन का रोल किया था।

1950 के दशक के उत्तरार्द्ध में वे फिल्मों में बैकग्राउंड डांसर के रूप में काम करने लगीं। फिर उस जमाने के मशहूर कोरियोग्राफर बी सोहन लाल से नृत्य सीखने लगीं और तेरह साल की उम्र में 43 वर्ष के सोहन लाल से शादी कर ली जो चार बच्चों के पिता थे लेकिन सरोज खान को इस बात की जानकारी नहीं थी।

शादी चार साल भी नहीं चली और दोनों में संबंध विच्छेद हो गया।
फिर सन् 1966 में सरदार रोशन खान से शादी की और धर्म परिवर्तन कर सरोज खान बन गयीं। उनके तीन बच्चे हैं- हमीद खान ,हिना खान और सुकन्या ख़ान ।

सन् 1974 में आती फिल्म गीता मेरा नाम से वे स्वतंत्र रूप से कोरियोग्राफी करने लगीं ।उसके बाद तो सिलसिला ही चल पड़ा।
फिल्म तेजाब का एक दो तीन, थानेदार का तमा तमा लोगे और बेटा का दिल धक-धक करने लगा में इतनी बेजोड़ कोरियोग्राफी की कि माधुरी दीक्षित का नाम ही धक धक गर्ल पड़ गया।

मिस्टर इंडिया में श्रीदेवी पर फिल्माया हवा हवाई को कौन भूल सकता है।
उन्हें तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। एक बार संजय लीला भंसाली की फिल्म देवदास में डोला ये डोला, फिर सन् 2007 में जब वी मेट के गाने में इश्क और तीसरी बार तमिल फिल्म श्रृंगारम के लिये।

पिछले वर्ष रिलीज हुई फिल्म कलंक में माधुरी दीक्षित पर फिल्माये गये गीत तबाह हो गये को कोरियोग्राफ किया था ।
उन्होंने डांस पर आधारित अनेकों टीवी कार्यक्रमों में जज की हैसियत से काम किया था। जैसे नच बलिये, नचले विच सरोज खान,बूगी वूगी आदि।

सन् 2012 में फिल्म्स डिवीजन ने उनके जीवन और कृतित्व पर द सरोज खान स्टोरी नामक डाक्यूमेंट्री फिल्म बनायी थी ।
उन्होंने नृत्य को इतना सरल बना दिया था कि कोई भी व्यक्ति डांसर बन सकता था। वे बड़े- बड़े नामचीन सितारों को नचाती थीं । प्यार से लोग उन्हें मास्टर जी कहते थे।

मरते वक्त भी उन्हें कोरियोग्राफर्स की चिंता थी।
वे जब कोरियोग्राफी करती थीं तो अपने काम के आगे किसी को कुछ नहीं समझती थीं । एक बार किसी फिल्म की शूटिंग के दौरान करीना कपूर ठीक से डांस नहीं कर पा रही थी तो उन्होंने डांटते हुए कहा – ऐ लड़की ठीक से कमर हिला।
अब मास्टरजी सदा के लिये खामोश हो गयी हैं।

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