दीपक बन जाओ तुम

कोरोना की लडा़ई में हमारी सुरक्षा के लिए प्रथम पंक्ति में खड़े सभी योद्धाओं को समर्पित🙏🙏🙏

*दीपक बन जाओ तुम*
*******************

तुमसे कोई श्रेष्ठ नही है.
तुमसे कोई नहीं है बढ़कर।
तुमसे ही अब जग में जीवन,
सफल बनो हम हैं अब घर पर।
तुम इस विपदा के संहारक
संकट-मोचन बन जाना तुम।
विकृतियों से भरी अमावस
में दीपक बन जाना तुम।

तिमिर घना हो इस दुनिया में,
जरा नहीं घबराना तुम।
जब भी छाए दुःख की बदरी,
इन्द्र धनुष बन जाना तुम।
राह कठिन – हो साथ न कोई,
तब भी तुम मुस्कुराते रहना।
विकृतियों से भरी अमावस,
में दीपक बन जाना तुम।

राहों में हों पग पग पत्थर,
ठोकर कदम कदम लगती हो।
बागों में वृक्षों की शाखें,
पतझड़ सी सूनी रहती हों।

अपने मन की सूनी बगिया में, एक दीप जलाना तुम।
विकृतियों से भरी अमावस में
दीपक बन जाना तुम।

,,,उर्वशी उपाध्याय’प्रेरणा’
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

Leave a Reply

Your email address will not be published.

10 − 3 =

Related Articles

Back to top button