कोरोना वायरस बुजुर्गों के लिए प्राण घातक

चेस्ट और श्वसन तंत्र के विशेषज्ञ की सलाह पर ध्यान दें

 

राम दत्त त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार, लखनऊ 

विश्व में फैली कोरोना वायरस बीमारी कोविड 19 बुजुर्गों के लिए सबसे अधिक प्राण घातक है, क्योंकि साठ  वर्ष के बाद शरीर की राज प्रतिरोधक क्षमता काम हो जाती है।फेफड़े हृदय के ज़रिए शरीर को आक्सीजन देते हैं, उन्हें बीमार पड़ने से बचाना है।अस्पतालों में इतनी क्षमता और सुविधा नहीं है कि बुजुर्गों को आई सी यू में भर्ती करके लाइफ़ सपोर्ट सिस्टम यानी वेंटिलेटर पर रखा जाए। इसलिएअगले कुछ हफ़्ते  घर पर रहें, पार्क में टहलने भी न जाएँ।

किसी शायर ने लिखा है 

बेवजह घर से निकलने की ज़रूरत क्या है |

मौत से आंख मिलाने की ज़रूरत क्या है |

सबको मालूम है बाहर की हवा है क़ातिल |

यूँ ही क़ातिल से उलझने की ज़रूरत क्या है ||

ज़िन्दगी एक नियामत, इसे सम्हाल के रख |

क़ब्रगाहों को सजाने की ज़रूरत क्या है ||

दिल बहलने के लिए घर मे वजह हैँ काफ़ी |

यूँ ही गलियों मे भटकने की ज़रूरत क्या है |

सुनिए किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के चेस्ट विभाग के हेड प्रोफ़ेसर डा सूर्यकांत क्या कहते हैं। इसी के साथ कृपया मीडिया स्वराज़ वेब साइट और यू टूब चैनल को सब्सक्रिब भी कर लें, ताकि आपको उत्कृष्ट पठनीय, दृश्य और श्रव्य सामग्री आटोमटिक मिलती रहे। 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.

three × 4 =

Related Articles

Back to top button