कमर्शियल माइनिंग के विरोध में कोयला यूनियनों की हड़ताल शुरू
पहले दिन सात राज्यों को 319 करोड़ राजस्व का नुक़सान
(मीडिया स्वराज़ डेस्क)
आसनसोल ( प बंगाल ),आसनसोल ( प बंगाल ) कमर्शियल माइनिंग के विरोध में श्रमिक संगठनों की तीन दिवसीय हड़ताल आज शुरू हुई . हड़ताल से से कोयला खदानों में काम ठप रहा।
समझा जाता है कि देश के कोयला उद्योग में शुरू हुई तीन दिवसीय हड़ताल ने पहले दिन ही केंद्र सरकार को हिला दिया है। शाम 6 बजे करीब कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने फिर ट्वीट किया और हड़ताल खत्म करने की अपील करते हुए कर्मियों से काम पर लौटने का आग्रह किया। कोयला मंत्री ने ट्वीट में हड़ताल से सात राज्यों को होने वाले राजस्व के नुकसान का अनुमानित आंकड़ा 319 करोड़ बताया है।

कोयला मज़दूर कांग्रेस का दावा है कि कोल इंडिया की सभी कंपनियों, जिसमें WCL ( Western Coalfield Limited, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश मे स्थित MCL (महानदी कोल फिल्ड लिमिटेड), Orrisa SECL, South Eastern Coalfield Limited, छत्तीगढ़ में स्थित, मध्य प्रदेश NCL ( Northern Coalfield Limited), उत्तर प्रदेश में स्थित, मध्य प्रदेश में स्थित CCL (Central Coalfield Limited), झारखंड में स्थित BCCL (Bharat Cooking Coal Limited), झारखंड में स्थित ECL (Eastern Coalfield Limited), पश्चिम बंगाल में स्थित NEC (North East Coalfield) असम में सफल हड़ताल जारी है. श्रमिकों का भरपूर समर्थन मिल रहा है. और श्रमिकों की हाजिरी ना के बराबर देखी गई.

पश्चिम बंगाल मे TMC पार्टी के श्रमिक संगठन द्वारा हड़ताल का विरोध किया जा रहा है जिससे कई जगह संघर्ष की स्थिति भी उत्पन हुई.. झांझरा परियोजना मे कई श्रमिक नेताओं को पुलिस ने थाने मे बैठा कर रखा. श्रमिकों ने कई जगह एकत्रित हो कर नारेबाजी भी की पहले दिन की हड़ताल से बैकुंठपुर 7000 टन, चिरमिरी 6000 टन व हसदेव 6000 टन कोयला उत्पादन प्रभावित हुआ। वही कोयला परिवहन के लिए लगे ट्रकों के चक्के थमे रहे। श्रमिक संगठन पदाधिकारियों ने बताया कि यदि सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेगी तो यह तीन दिवसीय हड़ताल तो पूरा होगा ही, इसके बाद भी श्रमिक संगठन हड़ताल पर जाएंगे।
कमर्शियल माइनिंग के खिलाफ संयुक्त ट्रेड यूनियन द्वारा केंद्र सरकार का विरोध किया जा रहा था। जिसकी तैयारी को लेकर ट्रेड यूनियन के नेताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
तीन दिवसीय हड़ताल के पहले दिन बैकुंठपुर क्षेत्र के कटकोना, पांडवपारा, चरचा, बैकुंठपुर में कार्यरत 5 हजार श्रमिक हड़ताल पर रहे।

वही एसईसीएल चिरीमिरी क्षेत्र के संचालित खदानों के 5 हजार व हसदेव क्षेत्र के संचालित खदानों के 5 हजार श्रमिक हड़ताल पर रहे। कोरिया जिले के एसईसीएल क्षेत्र बैकुंठपुर ,चिरमिरी व हसदेव के संचालित खदानों में कोयला उत्पादन पूरी तरह ठप रहा। जिससे कोल इंडिया को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा।
पूर्व से उत्पादन हुये कोयले का भी परिवहन नहीं किया गया इस हड़ताल को सफल बनाने में एटक,एच्एमएस,सीटू, बीएमएस, इंटक, सिस्टा और इमोशा संगठन के साथ कमर्शियल माइनिंग के विरोध में केंद्र सरकार के सामने इस मांग को वापस लेने के लिए हड़ताल में खड़े है।