शिक्षा :  विद्यार्थियों को उत्पादक उद्योग से शिक्षण देना सर्वश्रेष्ठ

विनोबा विचार प्रवाह अंतर्राष्ट्रीय संगीति

 लखनऊ (विनोबा भवन) 5 सितम्बर। आज की शिक्षा के कारण मनुष्य अधिक से अधिक स्वार्थी और अहंकारी बनता है।

इसमें किसी भी स्तर पर उत्पादक परिश्रम को शामिल नहीं किया गया है।

विद्यार्थियों को उत्पादक उद्योग से शिक्षण देना सर्वश्रेष्ठ शिक्षण है।

शिक्षा का उद्देश्य अहिंसक समाज रचना है।

गांधीजी और विनोबा जी की नयी तालीम का विचार जीवन को सार्थकता प्रदान करता है।

यह बात गुजरात के नयी तालीम के विशेषज्ञ श्री मनसुख भाई ने विनोबा जी की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगीति में कही।

मनसुख भाई
मनसुख भाई

श्री मनसुख भाई ने कहा कि नयी तालीम तंत्र नहीं है विचार है। तंत्र केवल साक्षरता से संतुष्ट होता है. जबकि शिक्षा का उद्देश्य जीवन जीने की कला सिखाना है।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थी और शिक्षक की बुद्धि तेजस्वी होना चाहिए।शिक्षक के जीवन से ही विद्यार्थी को शिक्षा मिलनी चाहिए।

साक्षरों का कठोर हृदय समस्या

श्री मनसुख भाई ने बताया कि गांधीजी से एक पत्रकार ने प्रश्न पूछा कि भारत की सबसे बड़ी समस्या क्या है ?

तब गांधीजी ने जवाब दिया था कि पढे लिखे युवाओं का कठोर हृदय देश की सबसे बड़ी समस्या है।

आज की शिक्षा संवेदनाहीन समाज गढ़ने काम कर रही है। विनोबा जी भूदान-ग्रामदान आंदोलन से लोगों की संवेदना जाग्रत करने का काम किया।

एक तरह से वह उनकी नयी तालीम का प्रयोग था।

शिक्षा का अर्थ गुण विकास

श्री मनसुख भाई ने कहा कि आज की शिक्षा डिग्री तो प्रदान करती है लेकिन वह गुण विकास करने में असमर्थ है।

शिक्षा में योग, उद्योग और सहयोग का तत्व दाखिल होने पर विद्यार्थी का गुण विकास होता है।

हमारी शिक्षा ही हमारे समाज को गढ़ने का काम करती है।

हमने सृष्टि के साथ अपने रागात्मक संबंध का भुला दिया है। इसका परिणाम हमें अनेक रूपों में दिखायी दे रहा है।

जीवन और शिक्षा में साम्य स्थापित करना आज के जमाने की चुनौती है। इसका सामना नयी तालीम से बखूबी किया जा सकता है।

इसके पूर्व प्रसिद्ध समाजसेवी श्री तुषार गांधी ने आज की परिस्थिति में गांधी-विनोबा विचारकों के आत्मावलोकन पर जो दिया।

उन्होंने कहा कि आज भी विनोबा जी के भूदान की जरूरत है।उनके क्रांतिकारी रूप को लोगों तक पहुंचाना जरूरी है।

महाराष्ट्र के विदर्भ के संदर्भ में उन्होंने  कहा कि वहां के भूदानधारकों के साथ सहकारी खेती का प्रयोग किया जा सकता है।

नक्सली हिंसा से अपनी समस्याओं को हल करने की कोशिश करते हैं लेकिन वे उसमें कभी कामयाब नहीं होंगे।

उन्हें अहिंसा के रास्ते से लोगों के दुःख दूर करना चाहिए।

सुषमा शर्मा
सुषमा शर्मा, नयी तालीम

नयी तालीम विद्यालय की सुश्री सुषमा शर्मा ने कहा कि आभासी शिक्षा से विद्यार्थियों की कल्पना शक्ति कमजोर हो रही है।

डिजिटल लॉबी इसका तेजी से प्रसार कर रही है।

उन्होंने बताया कि शिक्षक दिवस पर विद्यार्थियों को साथ में लेकर सेवाग्राम सड़क के किनारे लगे वृक्षों को काटने का विरोध किया गय। विद्यार्थियों ने उन वृ़क्षों के इतिहास, विज्ञान और संस्कृति को प्रत्यक्ष रूप से जाना और समझा।

नयी शिक्षा नीति के बारे में उन्होंने कहा कि इससे अमीर और गरीब के बीच की खायी और बढ़ेगी।

पी सी गांधी
पी सी गांधी

गांधी स्मारक निधि हैदराबाद के अध्यक्ष श्री पी.सी.गांधी ने कहा कि आज गांधी-विनोबा के मूल्यों को स्थापित करने की आवश्यकता है। उनके मूल्यों पर जीवन जीना कोई कठिन नहीं है।

पुष्पिता अवस्थी
पुष्पिता अवस्थी

आचार्यकुल की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.पुष्पिता अवस्थी ने विदेशों में गांधी-विनोबा विचार के प्रसार की जानकारी दी।

संचालन श्री संजय रॉय ने किया। आभार श्री रमेश भैया ने माना।

डॉ.पुष्पेंद्र दुबे

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