मेरा अभिमान हिन्दी है…

हमारी शान हिंदी है,
हमारा मान हिंदी है,
मेरे भारत की भाषा है,
मेरा अभिमान हिंदी है।

मथुरा और वृंदावन में,
है ये प्यार की बोली, अवधमें जाकर देखो,
यह प्रबल विश्वास की होली।
सूर और तुलसी ने,
इसे सींचा करीने से,
मोहम्मद जायसी के,
दिल के जज्बात है हिंदी।
मेरे भारत की भाषा है,
मेरा अभिमान है हिन्दी।।

कोई लेकर नियत खोटी,
जो आए द्वार पर मेरे,
छलनी कर दे सीने को,
बहुत तैयार है हिंदी।
धागा प्यार का यह है,
विजय का भी तिलक है यह,
कहीं है मां की लोरी तो,
कहीं फौलाद है हिंदी ।
मेरे भारत की भाषा है,
मेरा अभिमान है हिन्दी।

मेरे भारत की भाषा है, हिंदी…

सीमा पर जवानों ने,
खेतों में किसानों ने,
जो मां की शान में गाए,
वहीं तो गान हिन्दी है।
कभी उत्तर से दक्षिण तक,
कभी पूरब से पश्चिम तक,
हमें माला में गूंथे जो,
वही एक तार हिन्दी है ।

हमारी शान हिंदी है,
हमारा मान हिंदी है,
मेरे भारत की भाषा है,
मेरा अभिमान है।

सरदार पटेल और भारत की एकता(Opens in a new browser tab)

उर्वशी उपाध्याय’प्रेरणा’
साहित्य सम्पादक ‘अमृत प्रभात’
हिन्दी दैनिक
प्रयागराज

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Back to top button