अदालत की तौहीन क्या है: परिभाषा, आरंभकर्ता और दंड
अदालत की तौहीन (Contempt of Court) वह व्यवहार या कथन है जो न्यायपालिका की गरिमा, सत्ता या निर्णयात्मक प्रक्रियाओं का अपमान या अवरोध करता है। भारत में इसे संविधान और अधिनियम के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है:
• संवैधानिक अधिकार
• अनुच्छेद 129: सर्वोच्च न्यायालय को तौहीन दंडित करने का अधिकार
• अनुच्छेद 215: उच्च न्यायालयों को तौहीन दंडित करने का अधिकार
• कानून
• Contempt of Courts Act, 1971
प्रकार
1. सिविल तौहीन (Civil Contempt)
– कोर्ट के आदेश, न्यायनिर्णय, निर्देश या अंतरिम आदेश को जानबूझकर न मानना।
– कोर्ट को दिया गया वचन (undertaking) तोड़ना।
2. फौजदारी तौहीन (Criminal Contempt)
– न्यायपालिका की गरिमा को कलंकित या कलंकित करने का प्रयास करना।
– चल रही न्यायिक कार्यवाही में बाधा डालना या उसके निष्पक्ष संचालन में हस्तक्षेप।
– प्रशासन – न्याय में अन्य किसी भी तरह से अवरोध उत्पन्न करना।
आरंभकर्ता कौन?
आरंभकर्ता शर्तें
सुवो मोटु (Suo Motu) सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय स्वयं देख कर तौहीन की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।
फौजदारी तौहीन – सर्वोच्च न्यायालय: अभियोजना हेतु अटॉर्नी जनरल की सहमति चाहिए।
– **उच्च न्यायालय**: **एडवोकेट जनरल** की सहमति चाहिए। [oai_citation_attribution:1‡India Today](https://www.indiatoday.in/india/law-news/story/nishikant-dubey-remarks-judiciary-supreme-court-criminal-contempt-plea-hearing-2712110-2025-04-21?utm_source=chatgpt.com) |
| सिविल तौहीन | प्रभावित पक्ष (जिसे आदेश का उल्लंघन हुआ) सीधे याचिका दायर कर सकता है। |
दंड
Contempt of Courts Act, 1971 के धारा 12 के तहत:
• साधारण कारागार (Simple imprisonment) तक 6 महीने
• जुर्माना (Fine) तक ₹2,000
• या दोनों
• यदि आरोपी अपराध स्वीकार कर माफ़ी माँगता है, तो दंड माफ़ या कम किया जा सकता है।
केस स्टडी: सांसद निशिकांत दुबे
• घटना: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 2025 में टिप्पणी की कि
“Chief Justice of India Sanjiv Khanna देश में होने वाले सभी सिविल युद्धों के लिए जिम्मेदार हैं।”
• प्रक्रिया: 21 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट की पीठ (न्यायमूर्ति B R Gavai और Augustine George Masih) ने स्पष्ट किया कि
“तौहीन याचिका दाखिल करने के लिए हमारी अनुमति की जरूरत नहीं है; अभियोजना के लिए अटॉर्नी जनरल की सहमति लीजिए।”
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Media Swaraj पर चर्चा
राम दत्त त्रिपाठी और कुमार भवेश चंद्र ने Media Swaraj पर इस पूरे विषय पर विस्तृत बातचीत की है—पूरी चर्चा देखें:
सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ अपत्तिजनक बयान देने वाले सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ तौहीन प्रक्रिया