क्या राफेल से चीन डर जायेगा ?
पंकज प्रसून
भारतीय वायुसेना में आजादी से लेकर आज तक कई लड़ाकू विमान खरीदे हैं, जिसमें सर्वाधिक योगदान रुस का रहा है.जिसकी सूची काफ़ी लंबी है . जैसे सुखोई-30, मिराज-2000, मिग-29, मिग-27, मिग-21, जगुआर, c-17 ग्लोबमास्टर, सी-130 जे हरकुलिस, इल्यूजिन-IL78 और भारत निर्मित तेजस.
जब भी ये लड़ाकू विमान भारत की धरती पर उतरे हैं कभी इतना राजनीति करण और मीडिया ट्रायल नहीं हुआ . इस बार राफेल विमान को लेकर भाजपा और कुछ मीडिया बेकार की बकबक कर रही है.
उपर जितने भी फाइटर प्लेन का जिक्र किया है वे किसी भी मायने में कम नहीं है, जिन्हें पूर्व के गैर भाजपाई सरकार ने खरीदा है .
भारतीय वायुसेना में 68 एयरबेस हैं जिसमें 6 एयरबेस ट्रेनिंग और दो एयरबेस मेंटेनेंस के लिये हैं .56 एवरबेस किसी भी प्रकार के युद्ध के लिए तैयार हैं और ये सभी पूर्ववर्ती गैर भाजपाई सरकार ने बनवाये हैं .
उसमें अंबाला एयर फोर्स सेंटर भी है जहां राफेल उतरा. भारतीय सेना को लड़ाकू विमानों की आवश्यकता थी . पूर्व की सरकार ने ही राफेल का मसौदा तैयार किया था जिसे आज की सरकार ने धरातल पर उतारा है . इसमें भाजपा अपनी पीठ क्यों थपथपा रही है और कुछ मीडिया वाले भी क्यों उछल उछल कर चीख
रहे हैं यह समझ से परे है .राष्ट्र सुरक्षा को ताक पर रखकर राफेल के बारे में खूब प्रचार किया जा रहा है . उसकी एक-एक तकनीकी बातें बतायी जा रही हैं . यह राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के खिलाफ है.
इससे पूर्व कभी भी लड़ाकू विमान आने का इतना राजनीतिकरण नहीं हुआ था.
जहां तक राफेल की बात है तो कतर के पास 36और मिश्र के पास 21राफेल हैं . लेकिन सिर्फ पांच राफेल खरीद कर विजयोन्माद भारत में ही फैलाया जा रहा है.
दिलचस्प बात यह है कि फ्रांस से भारत की दूरी 6421 किलोमीटर है और राफेल की गति 1912 किलोमीटर प्रति घंटा है. इस गणित से उसे फ्रांस से भारत सिर्फ चार घंटे में पहुंच जाना चाहिये था. लेकिन वह पहुंचा तीन दिनों में. तो क्या वह ब्रिटेन और जर्मनी की सैर करते हुए आया ? या कि फ्रांस ने हाईटेक बैलगाड़ी भेज दी है .
जहां तक चीन के डर जाने की बात है, तो चीन और पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों के साथ तुलना भी कर लें.
चीन के पास 50 J20 विमान हैं, जिनकी गति 2223 किलोमीटर प्रति घंटा है. पाकिस्तान के पास F-16 है,जिसकी गति 2414किलोमीटर प्रति घंटा है.
अतः राफेल के आ जाने से चीन डर गया, यह वैसी ही बात है कि भारत ने कोरोना को काबू में कर लिया है.
अंग्रेजी में एक कहावत है फूल्स पैरिडाइज. यानी मूर्खता के स्वर्ग में रहना. यह ठीक वैसी ही बात है.
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गैर भाजपाई सरकारों ने भारत देश को इतना सशक्त बना दिया था कि वह चीन-पाकितान को भी बच्चा बना देता पर भाजपा की सत्ता आते ही भारत को बैलगाडी़ छाप डिफेन्स में ला दिया ।
अब किया क्या जाय पंकज भाई बता दें तो भारत पर सोनिया माता की कृपा से बडी़ कृपा हो जाती । आशा है कि अगले अंक में पंकज जी हम सब को बैलगाडी़ मार्का लोगों से छुटकारे का रास्ता दिखा पायेंगे । वैसे कांग्रेस को लेकर भारत का अनुभव नरसिम्हाराव के बाद बहुत बुरा रहा है । हरदनहल्ली, गुजराल, भारत-माता सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली मनमोहनसिंह सरकार की तरह की कांग्रेस सरकार को सोचकर ही लगता है कि बैलगाडी़ मार्का वाले ही ठीक हैं ।