क्या है सपा कार्यकर्ताओं और यूपी पुलिस के बीच झड़प और लाठीचार्ज का सच?
एक खबर के मुताबिक, इस दौरान पहले तो पुलिस वाले सपा नेताओं को समझाने बुझाने की कोशिश करते दिखे, लेकिन सपा नेताओं की जिद 'तू-तू मैं-मैं' में बदल गयी और पुलिस के साथ झड़प शुरू हो गई। मामला बढ़ता देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इससे हड़कंप मच गया। अब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
लखनऊ: जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदर्शन का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार का चन्दौली दौरा भी इससे अछूता नहीं रहा।
चंदौली खबरों की मानें तो समाजवादी पार्टी के नेता रविवार को भी मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने की तैयारी करके चहनिया से रामगढ़ के लिए निकले तो जनसभा स्थल पर पहुंचने से पहले पुलिस से सपा नेताओं की भिड़ंत हो गई, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
प्रभात खबर समाचार पत्र की एक खबर के मुताबिक, इस दौरान पहले तो पुलिस वाले सपा नेताओं को समझाने बुझाने की कोशिश करते दिखे, लेकिन सपा नेताओं की जिद ‘तू-तू मैं-मैं’ में बदल गयी और पुलिस के साथ झड़प शुरू हो गई। मामला बढ़ता देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इससे हड़कंप मच गया। अब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
हालांकि, इस मामले में उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने मीडिया को विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, फ्रन्टल संगठनों के पदाधिकारी तथा कार्यकर्तागण 5 दिसम्बर 2021 को अपनी छः सूत्रीय मांगों का ज्ञापन देने के लिए जब कार्यक्रम स्थल चहनिया पर इकट्ठा हुए थे, तभी क्षेत्राधिकारी भारी पुलिस फोर्स के साथ वहां पहुंचे और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए निहत्थे कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया, जिससे समाजवादी पार्टी के दर्जनों कार्यकर्ताओं को गम्भीर चोटें आयीं। साथ ही, पार्टी कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने साफ शब्दों में लिखा है कि 12 दिसंबर को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देशानुसार घटना की जांच एवं लाठीचार्ज में घायल लोगों से मिलने हेतु सपा का 6 सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल जनपद चन्दौली पहुंचेगा। समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमण्डल में नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा उत्तर प्रदेश राम गोविन्द चौधरी, पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह, पूर्व मंत्री सुरेन्द्र पटेल तथा विधान परिषद सदस्य, उत्तर प्रदेश आशुतोष सिन्हा, जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी, चन्दौली सत्य नरायन राजभर और समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश प्रमुख महासचिव राजनारायण बिन्द शामिल हैं।
बहरहाल, इस झड़प और लाठीचार्ज को लेकर दोनों ही दलों के लोग अलग अलग बातें रख रहे हैं। हालांकि वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि सपा कार्यकर्ता ने पुलिस के सिर पर अपने सिर से मारने की कोशिश की, हो सकता है कि इसकी वजह से पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा हो। जो भी हो, मामले की सच्चाई जांच का विषय होना चाहिए। वरना वीडियो ट्वीट करने वाले विपिन सिंह प्रभात खबर के रिपोर्टर हैं। उनकी रिपोर्ट पर शक की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। बावजूद इसके पीछे का सच जांच का विषय तो बनता ही है कि आखिर इन सब के लिए किसे जिम्मेदार कहा जाना चाहिए वरना वाकई यह सोचने का विषय बन जाएगा कि यूपी में सपा अगर सत्ता में वापसी कर ले तो वहां एक बार फिर से गुंडाराज की वापसी तो नहीं हो जायेगी!
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