गंगा घाटों पर पोस्टर्स लगाने वाले विहिप और बजरंग दल पदाधिकारियों की गिरफ्तारी
विहिप और बजरंग दल पदाधिकारियों की गिरफ्तारी
वाराणसी: गंगा घाटों पर पोस्टर्स (Posters on Ganga Ghats) लगाने वाले विहिप और बजरंग दल (Bajrang Dal) पदाधिकारियों की शनिवार को कमिश्नरेट पुलिस ने गिरफ्तारी की फिर बाद में निजी मुचलके पर उन्हें रिहा कर दिया गया।ये पोस्टर आपत्तिजनक और भड़काऊ थे।
कमिश्नरेट पुलिस ने शनिवार को बजरंग दल के उन दो पदाधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया जिन्होंने गंगा घाट पर वैसे पोस्टर्स (Posters on Ganga Ghats) लगाये थे, जिनमें लिखा था कि केवल हिंदू ही गंगा और उसके तट पर जा सकते हैं। हालांकि, बाद में पांच-पांच लाख रुपये के निजी मुचलके पर उन्हें रिहा कर दिया गया।
पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने कहा कि जो दो लोग गंगा घाट पर ऐसे पोस्टर्स लहरा रहे थे, उनके नाम राजन गुप्ता और निखिल त्रिपाठी हैं। उन्हें सीआपीसी की धारा 107/16 के तहत शुक्रवार को शांति भंग करने पर नोटिस जारी किया गया था। इन दोनों को पुलिस लाइन स्थित एसीपी कोर्ट ले जाया गया, जहां उन्होंने पांच-पांच लाख रुपये के निजी मुचलका भरा और फिर उन्हें रिहा कर दिया गया।
शुरुआती जांच में विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारियों को गुप्ता और त्रिपाठी की स्थिति स्पष्ट करने के लिये कहा गया, जिन्होंने पोस्टर्स में खुद को क्रमश: विहिप के शहर इकाई का सेक्रेटरी और बजरंग दल का नगर संयोजक बताया था। मौके पर पुलिस के पहुंचते ही बड़ी संख्या में केशरिया दलों के समर्थक पुलिस लाइन में जुटने लगे। इसे देखते हुये बड़ी संख्या में पुलिस दल को भी वहां शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिये तैनात किया गया।
बता दें कि बीते 6 जनवरी को विहिप और बजरंग दल के समर्थकों ने गंगा घाट की दीवारों और आसपास के इलाकों में भी पोस्टर लगाकर यह चेतावनी दी थी कि गंगा नदी और उसके घाटों के आसपास हिंदू सनातन धर्म को मानने वालों के अलावा दूसरे धर्म के मानने वाले न आयें।
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गंगा घाट की दीवारों पर ऐसे कई पोस्टर लगाये गये थे, जिनमें लिखा था कि जो लोग गंगा तट को पिकनिक स्पॉट समझते हैं, वे समझ लें कि यह कोई पिकनिक स्पॉट नहीं है, बल्कि ऐसे लोग मां गंगा और गंगा घाटों से दूर रहें, क्योंकि ये हमारी सनातन हिंदू परंपरा की पहचान है। उन्होंने पोस्टर्स में यह भी लिखा था कि यह अनुरोध नहीं बल्कि चेतावनी है। उन्होंने कहा कि गंगा घाट पर उन सभी लोगों का स्वागत है, जो सनातन धर्म के प्रति अपनी आस्था रखते हों या दिखायेंगे।
बाद में इन पोस्टर्स को लेकर कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई। साथ ही इसे अपनी सांझी संस्कृति को तोड़ने वाला बताया।