शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान, गोरखपुर
![डा दीपक कोहली](https://mediaswaraj.com/wp-content/uploads/2021/04/Dr-Deepak-Kohli.jpg)
आदिकाल से भारतीय संस्कृति में वन्य जीवों के प्रति स्नेह और आदर का भाव रहा है। वन्यजीव उन जानवरों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो पालतू और समझदार नहीं है, यह सिर्फ जंगली जानवर है और पूरी तरह से जंगल के माहौल में रहते हैं। ऐसे जानवरों का संरक्षण जरूरी है, ताकि वह विलुप्त होने के खतरे से बाहर हो सकें। इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए प्राणी उद्यानों की स्थापना की जाती है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में अभी तक मात्र 2 प्राणी उद्यान क्रमशः लखनऊ एवं कानपुर में संचालित हैं। उक्त के अतिरिक्त माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा हाल ही में शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान, गोरखपुर का उद्घाटन दिनांक 27 मार्च 2021 को किया गया । इस प्रकार यह यह उत्तर प्रदेश का तीसरा प्राणी उद्यान बन गया है।
प्रसिद्ध रामगढ़ ताल के किनारे प्राकृतिक वातावरण में लगभग 121 एकड़ में फैले इस आधुनिक प्राणी उद्यान की कुल लागत लगभग रुपए 260 करोड़ है। इस प्राणी उद्यान के लोगों में अंकित स्लोगन “वयं वन्यजीवा:- वन्यजीवा: आवाम” भारतीय संस्कृति में निहित मानव एवं वन्यजीवों के मध्य सह अस्तित्व की मूल उदास भावना का प्रकट करता है ।यह प्राणी उद्यान गोरखपुर के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल गोरखनाथ मंदिर से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है।
इस प्राणी उद्यान में वन्यजीवों की लगभग 58 प्रजातियों को संरक्षित किया जा रहा है। एक तरफ वन भूमि और दूसरी तरफ रामगढ़ ताल से गिरा यह प्राणी उद्यान वास्तुशिल्प का एक चमत्कार है। इसका आकर्षक प्रवेश द्वार प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर की प्रतिकृति है। प्राणी उद्यान के अन्य संरचनाएं बौद्ध वास्तु कला को प्रदर्शित करती हैं। इस प्राणी उद्यान में कुल 33 बड़े हैं। वन्यजीवों के बाड़ों को योजनाबद्ध रूप से संरेखित किया गया है । इस प्राणी उद्यान में पक्षियों, सरीसृपों, मछलियों, तितलियों एवं स्तनधारियों आदि वन्यजीवों को प्राकृतिक आवास से मिलते जुलते आवास में रखा गया है ,जो उनके प्रजनन एवं स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है।
इस प्राणी उद्यान के प्रमुख आकर्षणों में 7डी थिएटर, वॉक इन एवियरी, लैंडस्केप एरिया, मछली घर, बटरफ्लाई पार्क, वेटरनरी हॉस्पिटल, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम आदि हैं। इस प्राणी उद्यान में एशियाई बब्बर शेर, रॉयल बंगाल टाइगर, बारहसिंघा, रीसस बंदर, बोनेट बंदर लंगूर, भालू, चीतल, ब्लैकबक, जैकाल, जंगली बिल्ली, तेंदुआ, दरियाई घोड़ा , हिमालय काला भालू ,लोमड़ी, भारतीय गैंडा, घड़ियाल, मगरमच्छ, फिशिंग कैट, सांभर, लकड़बग्घा आदि वन्यजीवों को संरक्षित किया गया है। इस प्राणी उद्यान में आगंतुकों के लिए क्लॉक रूम, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, साफ-सुथरे प्रसाधन, दिव्यांगों के लिए विशेष व्हीलचेयर, बेबी प्रेम , बेबी फीडिंग केबिन, साइट सीइंग वाहन आदि सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके साथ ही इस प्राणी उद्यान में टॉय ट्रेन भी चलाया जाना प्रस्तावित है
इस प्राणी उद्यान की स्थापना होने से पूर्वांचल एवं सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों में वन्यजीवों के प्रति संवेदना व उनके संरक्षण के प्रति जागरूकता उत्पन्न होगी। इसके साथ ही शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान की स्थापना से पर्यटन स्थल के रूप में भी इस क्षेत्र का विकास होगा एवं राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी पहचान होगी। इसके अतिरिक्त पर्यटकों के आवागमन बढ़ने से इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।_____________________________________________________
प्रेषक: डॉ दीपक कोहली, संयुक्त सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश सचिवालय, , 5 /104, विपुल खंड, गोमती नगर, लखनऊ- 226010 ( मोबाइल – 9454410037 )