यूपी की चुनावी हलचल : 24 जनवरी 2022
कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस करके आज भाजपा पर आचारसंहिता की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया।
आय से अधिक संपत्ति मामले में शिकंजे में आ सकते हैं मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव
सुप्रीम कोर्ट के वकील विश्वनाथ चतुर्वेदी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है कि सीबीआई की फ़र्ज़ी रिपोर्ट को प्रचारित कर आय से अधिक संपत्ति मामले को बंद हो चुका बताने वाले मुलायम सिंह और अखिलेश यादव के कानून के शिकंजे में आने की संभावना बढ़ी। दिल्ली की रॉउज़ एवेन्यू कोर्ट ने #cbi और मुझे सुनने के बाद फैसला रिजर्व कर लिया. @27 जनवरी को फैसला सुनाएगी कोर्ट
भाजपा में शामिल हुए जलालपुर से सपा विधायक सुभाष राय
उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले की जलालपुर विधानसभा से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक सुभाष राय सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। भाजपा मुख्यालय में उन्होंने उत्तर प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और भाजपा मीडिया विभाग के प्रभारी अनिल बलूनी की मौजूदगी में भगवा दल की सदस्यता ग्रहण की।
सिंह ने राय का पार्टी में स्वागत करते हुए दावा किया कि उत्तर प्रदेश में आज कानून का राज है और वहां राष्ट्रवाद और विकास की बयार चल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘आज उत्तर प्रदेश में जो वातावरण तैयार हुआ है, उसे देखते हुए सुभाष राय भाजपा में शामिल हुए हैं। यह उनकी घर वापसी है। उनके आने से भाजपा अंबेडकरनगर जनपद में और मजबूत होगी।’’
उल्लेखनीय है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में जलालापुर से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर रितेश पांडेय विधायक चुने गए थे। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने उन्हें अंबेडकरनगर संसदीय सीट से अपना उम्मीदवार बना दिया। चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद जलालापुर सीट पर हुए उपचुनाव में सुभाष राय सपा के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए थे।
बता दें कि सांसद रितेश पांडेय के पिता राकेश पांडेय हाल ही में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। वह वर्ष 2002 में सपा के टिकट पर जलालपुर से विधायक भी निर्वाचित हुए थे। सपा में शामिल होने से उनका जलालपुर से टिकट लगभग तय माना जा रहा है।
अटकलों पर लगा विराम – नाहिद हसन का नामांकन मंजूर
कैराना विधानसभा से नाहिद हसन होंगे सपा और रालोद के उम्मीदवार
प्रदेश की हॉट सीट कैराना लगातार चर्चाओं में है नामांकन को लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं चल रही थी लेकिन आज सभी अटकलों पर विराम लग गया है जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार कैराना विधायक नाहिद मुनव्वर हसन का नामांकन समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में मंजूर कर लिया गया है, आपको बता दें कि नाहिद हसन की बहन इकरा हसन के चुनाव लड़ने की चर्चाएं लगातार चल रही थी लेकिन आज सभी अटकलों पर विराम लग गया है कैराना विधानसभा क्षेत्र से नाहिद हसन समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे।
सपा की चुनाव आयोग से शिकायत, अमित शाह ने कैराना में तोड़े कोरोना नियम
उत्तर प्रदेश चुनावों (Uttar Pradesh Election 2022) को लेकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने चुनाव आयोग (Election Commission) में शिकायत दर्ज की है कि अमित शाह (Amit Shah) और उनके समर्थकों ने कैराना में कोरोना नियमों (Corona Guidelines) का सरेआम उल्लंघन किया है।
अपनी शिकायत में सपा ने लिखा है कि शनिवार को घर घर चुनाव प्रचार अभियान के तहत पर्चे बांटते और जनसंपर्क करते हुये शाह और उनके समर्थकों ने सरेआम कोरोना नियमों का उल्लंघन किया है। चुनाव आयोग को उन्होंने यह भी कहा कि डोर टू डोर प्रचार के लिये केवल पांच लोगों की टोली को कैंपेन की अनुमति थी, लेकिन शनिवार शाम को ही आयोग ने यह संख्या बढ़ाकर दस कर दिया। इसके बावजूद शामली के कैराना कस्बे की तंग गलियों में अमित शाह के डोर टू डोर कैंपेन में दस से ज्यादा लोगों की भीड़ मौजूद थी। इसे देखते हुये सपा ने आयोग से सिफारिश की है कि इस पर उचित कार्रवाई की जाये।
हालांकि सपा के इस आरोप पर पलटवार करते हुये बीजेपी सरकार के मंत्री मोहिसिन रजा ने कहा कि पहले सपा उस नोटिस का जवाब दे जिसमें सपा कार्यालय के अंदर और बाहर हजारों की संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे। सपा की होने वाली हार के मद्देनजर बहुत जल्द वे ईवीएम पर भी अपनी हार का ठीकरा फोड़ते नजर आयेंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता पर सवाल उठाने वाले पहले अपनी गिरेबान में झांकें।
सपा ने अलग अलग चैनलों पर चलाये जाने वाले ओपिनियन पोल को लेकर भी बीजेपी पर आरोप लगाये हैं कि इन ओपिनियन पोल्स के जरिये बीजेपी चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस ने भाजपा पर आचारसंहिता की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया
कांग्रेस पार्टी में नसीमुद्दीन सिद्दीकी की प्रेसवार्ता
कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस करके आज भाजपा पर आचारसंहिता की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया।
कांग्रेस पार्टी की ओर से नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, कैराना में अमित शाह के रोड शो में हजारों लोग शामिल थे, लेकिन यह सब देखकर भी जिम्मेदार अधिकारी गण आंख मूँदकर बैठे रहे। प्रदेश में ”सैंया भये कोतवाल तो अब डर काहे का” जैसी स्थिति बनी हुई है। हालांकि, नसीमुद्दीन सिद्दिकी ने कहा कि हमें मीडिया पर भरोसा है कि वो सच्चाई सामने लाएगी। बावजूद इसके ऐसे माहौल में यह सवाल उठता है कि क्या चुनाव आयोग भी भाजपा के दबाव में काम कर रहा है?
कांग्रेस पार्टी ने नई दिल्ली में इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति के पास बीजेपी द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगाने पर कहा किदिल्ली में जहां पर सन 1971 से अमर जवान ज्योति जल रही थी, उसे बन्द कर वहां नेताजी की मूर्ति लगाई गई। हम भी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के अनुयायी हैं, लेकिन हमें माल्यार्पण करने से रोका गया।
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव: वीडियो वैन के इस्तेमाल पर निर्वाचन आयोग ने दिशा-निर्देश किया जारी
निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में प्रचार के लिए वीडियो वैन के इस्तेमाल से जुड़े दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत वीडियो वैन के किसी भी स्थल पर 30 मिनट से ज्यादा समय तक रुकने पर पाबंदी लगाई गई है।
कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए निर्वाचन आयोग ने रैलियों के आयोजन पर लगा प्रतिबंध 31 जनवरी तक बढ़ा दिया था। हालांकि, आयोग ने शनिवार को खुली जगहों पर कोविड प्रोटोकॉल के पालन के साथ अधिकतम 500 दर्शकों की मौजूदगी में वीडियो वैन के जरिये प्रचार करने की इजाजत दी थी।
आयोग ने सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को एक पत्र जारी कर राजनीतिक दलों द्वारा वीडियो वैन के इस्तेमाल से जुड़े दिशा-निर्देश भी जारी किए थे। पत्र में कहा गया है, ‘राजनीतिक दलों द्वारा वीडियो वैन का इस्तेमाल उनकी योजनाओं और घोषणाओं के प्रचार के लिए किया जा सकता है। इनके जरिये किसी प्रत्याशी विशेष के लिए वोट या समर्थन नहीं मांगा जा सकेगा।’
पत्र में स्पष्ट किया गया है कि अगर वीडियो वैन का प्रयोग किसी उम्मीदवार के प्रचार के लिए किया जाता है तो उसका खर्च संबंधित उम्मीदवार के खाते में दर्ज किया जाएगा। चुनाव पर्यवेक्षकों को ऐसे खर्चों पर करीबी नजर रखने का निर्देश दिया गया है।
निर्वाचन आयोग ने कहा है कि वीडियो वैन से सुबह आठ से रात आठ बजे के बीच ही प्रचार किया जा सकेगा। रैलियों और रोड शो के आयोजन में इन वाहनों के इस्तेमाल की अनुमति नहीं होगी। आयोग के मुताबिक, राजनीतिक दलों के बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में वीडियो वैन के जरिये अपनी प्रचार सामग्री का प्रदर्शन करने पर भी रोक रहेगी।
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि वीडियो वैन किसी भी प्रचार स्थल पर 30 मिनट से अधिक समय तक नहीं रुके, यह सुनिश्चित करना संबंधित राजनीतिक दल की जिम्मेदारी होगी।
बता दें कि फरवरी-मार्च में पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव आयोग के ये दिशा निर्देश इन्हीं पांच राज्यों में होने वाले चुनावों को ध्यान में रखते हुये दिये गये हैं।