बीजेपी विधायक महेश त्रिपाठी का वीडियो वायरल, कहा- बस, गोली न मारना…
लाठी, डंडों, चप्पलों से मारो बस गोली न मारना
कानपुर: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के बीच भाजपा विधायक महेश त्रिवेदी का एक विवादित वीडियो वायरल हो रहा है। MLA इस वीडियो में विरोधी प्रत्याशी को धमकी देते हुए दिख रहे हैं।
वीडियो में महेश त्रिवेदी विवादित बयान देते हुये देखे जा सकते हैं। वीडियो में वे वहां मौजूद लोगों से अपील कर रहे हैं कि इस बार चुनाव में जो आतातायी लोग हैं, जो एकतरफा बात करने वाले लोग हैं, जो ताकत का दुरुपयोग करने वाले लोग हैं, लाठी, डंडों, चप्पलों से मारो बस गोली न मारना। बाकी तो हम सब लोग देखेंगे।
उन्होंने आगे कहा, किसी का भी दबाव अब नहीं रहना चाहिए। बिल्कुल स्वतंत्र व्यवस्था में हमलोगों का संचालन व्यवस्था होना चाहिए। और भयमुक्त समाज का निर्माण होना चाहिये।
आपने पांच साल हमारा कार्यकाल देख लिया है। कहीं कोई एक पाप बता दे तो मैं समाजसेवा से इस्तीफा दे दुंगा। और कानपुर देहात से लेकर यहां तक एक भी कोई आत्मा हमारे खिलाफ रोते हुये मिल जाय, चाहे हिंदू हों या मुस्लिम हों। एक भी आत्मा कोई हमारे खिलाफ ले आयेगा, उस दिन हम समाजसेवा से हमेशा के लिये इस्तीफा दे देंगे…।
पूरी वीडियो में बीजेपी विधायक ने यूपी चुनावों को ध्यान में रखते हुये विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेने का प्रयास किया है।
यूपी आजतक ने यह वीडियो अपने ट्वीटर हैंडल से पोस्ट किया है, जिसे बाद में समाजवादी पार्टी ने रीट्वीट किया। हालांकि, वीडियो की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है।
समाजवादी पार्टी ने अपने ट्वीटर हैंडल से वायरल वीडियो ट्वीट करते हुये लिखा है…
“बस गोली ना मारना, बाकी मैं देख लूं…”
कानपुर की किदवई नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक और BJP प्रत्याशी के ये बिगड़े बोल भाजपाइयों के लिए हैं, जिनसे वो विपक्षियों के खिलाफ हिंसा करने के लिए कह रहे हैं।
ये है BJP का चाल, चरित्र और चेहरा।
संज्ञान ले कार्रवाई करे चुनाव आयोग।
पहले भी देते रहे हैं विवादित बयान
बता दें कि महेश त्रिवेदी पहले भी कई बार अपने भाषणों की वजह से विवादों से घिर चुके हैं। पिछले साल जून 2021 में भी भाजपा विधायक महेश त्रिवेदी का एक विवादित वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे भ्रष्टाचार करने के टिप्स दे रहे थे।
तब भ्रष्टाचार पर बोलते हुए महेश त्रिवेदी ने कहा था, ‘नमक-दाल का थोड़ा बहुत सिस्टम तो सभी का रहता है। मगर ऐसा नहीं है कि पूरी दाल ही हम पी जाएं। इसमें कोई आत्मा रोए नहीं और व्यवस्था भी चलती रहे और व्यवस्था के पक्ष में हम काम करते रहें।’
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