चुनाव आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रही BJP : आराधना मिश्रा मोना
चुनाव आयोग की चुप्पी उसे संदेह के घेरे में ला रही है।
पांच बार प्रतापगढ़ के रामपुर खास से विधायक चुने जाने वाले और राज्यसभा सदस्य रह चुके प्रमोद तिवारी की बेटी और कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा मोना ने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी पर कई आरोप लगाये हैं। उन्होंने कहा है कि बीजेपी आचार संहिता का लगातार उल्लंघन कर रही है, जनता के टैक्स के पैसे से किये गये कार्यों को चुनावी माहौल में अपना बता रही है। बगैर इजाजत पार्टी के बैनर सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के घर पर चस्पा कर रही है। इसके बावजूद चुनाव आयोग की चुप्पी उसे संदेह के घेरे में ला रही है।
- सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के घरों पर चिपकाए जा रहे भाजपा के स्टीकर
- हार के डर से बौखलाई है भारतीय जनता पार्टी
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी द्वारा सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के दरवाजे पर अपने चुनाव चिन्ह का स्टीकर लगाना साबित करता है कि बीजेपी को चुनाव आचार संहिता एवं चुनाव आयोग की कोई परवाह नहीं है। भाजपा अन्य एजेंसियों की तरह चुनाव आयोग को भी अपना एक फ्रंटल संगठन समझने की भूल कर रही है।
उक्त बयान देते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि भाजपा का यह कृत्य निश्चित रूप से लोकतंत्र की हत्या व आचार संहिता का खुला उल्लंघन है। चुनाव आयोग को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने कहा, प्रयागराज में भाजपा सदस्यों द्वारा घर-घर जाकर केंद्र एवं प्रदेश सरकार की योजनाओं के लाभान्वित लोगों के घरों पर बिना उनकी सहमति के स्टीकर लगाये जा रहे हैं, जो खुले तौर पर नियमों का उल्लंघन है।
आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि चुनाव आयोग इतने गंभीर प्रकरण पर यदि कार्यवाही नहीं करता है, तो माना जाए कि परोक्ष रूप से चुनाव आयोग भाजपा की मदद कर रहा है। उसकी निष्पक्षता संदेह के घेरे में है। कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि प्रदेश और केंद्र सरकार द्वारा गरीबों में बांटी गई मदद पर फोटो लगाई गई हो। यहां तो वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट पर भी पीएम की फोटो लगाकर प्रचार किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार जो भी चीजें जनता को मुहैया कराती है, वह जनता पर एहसान नहीं होता बल्कि सरकारें अपना कर्तव्य पूरा करती हैं। चुनी हुई सरकार का कर्तव्य होता है कि जनता द्वारा दिए गए टैक्स का सदुपयोग हो और सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे।
आराधना मिश्रा मोना ने आगे कहा कि यदि भाजपा सरकार यह कह रही है कि जनता को सुविधा मुहैया कराकर हमने उपलब्धि हासिल की है, तो इस बात की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि साढे़ तेरह करोड़ लोग इस सरकार में गरीबी रेखा के नीचे आ गये। नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 37.79 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। बीते 45 साल के आंकड़े बताते हैं कि बेरोजगारी आज अपने उच्चतम स्तर पर है। वहीं, अपराध और महिला अपराध भी भाजपा सरकार के शासनकाल में खूब हुये हैं।
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