सपा से नाउम्मीद हुए चंद्रशेखर आजाद..कहा दलितों का वोट नहीं चाहते अखिलेश
चंद्रशेखर ने मीडिया के सामने अखिलेश के प्रति नाराजगी व्यक्त की
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के बीच गठबंधन को लेकर पिछले कुछ दिनों से बातचीत चल रही थी। माना जा रहा था कि चंद्रशेखर और अखिलेश आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में एक साथ नजर आयेंगे, हालांकि सपा से नाउम्मीद चंद्रशेखर ने आज मीडिया के सामने अखिलेश के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अखिलेश के साथ पिछड़े वर्ग के सारे नेता इसलिये इकट्ठे हुये हैं क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि वे सामाजिक न्याय करेंगे, लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि अभी अखिलेश जी सामाजिक न्याय का मतलब नहीं समझ पाये हैं।
अपनी भीम आर्मी को आजाद समाज पार्टी बनाने के बाद उसके मुखिया चंद्रशेखर ने आज लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेस आयोजित कर कहा कि महीने भर से हमारी समाजवादी पार्टी के साथ चर्चा चल रही थी। मैंने अखिलेश यादव से मुलाकात भी की थी, लेकिन अखिलेश को दलितों की जरूरत नहीं है। दो महीने बाद कल उन्होंने हमें अपमानित किया, वो दुखद है। उन्होंने कल शाम तक बताने को कहा था लेकिन अब तक जवाब नहीं आया है। चंद्रशेखर ने आरोप लगाते हुए कहा कि शायद अखिलेश सामाजिक न्याय का मतलब नहीं जानते हैं।
सपा के साथ गठबंधन में नहीं जा रहे हैं
चंद्रशेखर ने आगे बताया कि एक महीना 10 दिन से उनकी अखिलेश के साथ बात चल रही थी। उन्होंने कहा था कि आप परेशान मत हों, मैं प्रमाणित करता हूं। चंद्रशेखर ने आगे बताया कि वह सब चीजें दरकिनार कर उनके घर गये हुए थे, उन्होंने उनसे अपील की थी कि अब वो यह तय करके बैठे हैं कि उन्हें दलितों की लीडरशिप नहीं चाहिए।
प्रमोशन पर रिजर्वेशन से उन्होंने इंकार कर दिया है इसलिए हमने तय किया है कि हम सपा के साथ गठबंधन में नहीं जा रहे हैं। चंद्रशेखर रावण ने आगे कहा कि उन्हें लगा था कि अखिलेश के पास दूरदृष्टि है पर मैं यह नहीं चाहता कि जैसे कांशीराम ने नेता जी को (मुलायम सिंह यादव) मुख्यमंत्री बनाकर ठगा सा महसूस किया, वैसा मैं भी करूं।
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