पश्चिमी यूपी में भड़ाना के ऐन मौके पर चुनाव न लड़ने की घोषणा राजनीतिक षड्यंत्र तो नहीं!

भड़ाना के इस कदम ने इसके पीछे किसी राजनीतिक षड्यंत्र की 'बू' आने का अंदेशा

पश्चिमी यूपी में अवतार सिंह भड़ाना के चुनाव न लड़ने की घोषणा के बाद राजनीतिक गलियारे में तरह तरह की चर्चा शुरू हो गयी है। हालांकि, भड़ाना ने इसके पीछे कोरोना संक्रमित होने को कारण बताया है, लेकिन दल बदल करते रहने वाले भड़ाना के इस कदम ने इसके पीछे किसी राजनीतिक षड्यंत्र की ‘बू’ आने का अंदेशा भी जताना शुरू कर दिया है। बहरहाल, अब यह तो वक्त ही बतायेगा कि इसके पीछे कौन है?

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के तहत होने वाले पहले चरण के मतदान से पहले सपा-रालोद गठबंधन (SP-RLD Alliance) को बड़ा झटका लगा है। गौतम बुद्ध नगर से तीन दिन पहले नामांकन दाखिल करने वाले सपा-रालोद गठबंधन में आरएलडी के प्रत्याशी अवतार सिंह भड़ाना (Avtar Singh Bhadana) नेे नामांकन वापस लेकर सभी को चौंका दिया है।

बताया जा रहा है कि अवतार सिंह भड़ाना ने कोरोना पॉजिटिव होने के चलते अपना नाम वापस ले लिया है।

बता दें कि अवतार सिंह भड़ाना सीएम योगी आदित्यनाथ के करीबी ठाकुर धीरेंद्र सिंह (Dhirendra Singh) के सामने गौतमबुद्ध नगर की जेवर विधानसभा से प्रत्याशी थे। भड़ाना के अधिवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि अब वह जेवर (Jewar Assembly Seat) से चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसी बीच अब सपा-रालोद गठबंधन की तरफ से इंद्रवीर सिंह भाटी को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के तहत पहले चरण के चुनाव के लिए सपा-रालोद गठबंधन की ओर से एक सप्ताह पहले ही 29 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की गई थी। जिसमें गौतम बुद्ध नगर की जेवर विधानसभा सीट पर अवतार सिंह भड़ाना को टिकट दिया गया था। भाजपा छोड़कर राष्ट्रीय लोक दल में शामिल हुए भड़ाना को तगड़ा दावेदार मानते हुए और गुर्जर वोट बैंक में सेंधमारी के लिए सपा रालोद गठबंधन की ओर से उन्हें चुनाव मैदान में उतारा गया था।

भड़ाना ने तीन दिन पहले ही ट्रैक्टर पर सवार होकर सूरजपुर कलेक्ट्रेट पर अपना नामांकन भरा था।

लेकिन अक्सर दल बदल करते रहने वाले अवतार सिंह भड़ाना के अचानक चुनाव न लड़ने की घोषणा के बाद यूपी के राजनीतिक गलियारे में तरह तरह की चर्चाएं शुरू हो गयी हैं। पिछले दिनों भाजपा में मची भगदड़ को देखते हुए वह भी रालोद में शामिल हो गए थे, ताकि वेस्ट यूपी से टिकट लेकर जीत हासिल कर सकें। रालोद में शामिल होने के बाद भड़ाना ने कहा था है कि पश्चिम से हवा चलकर पूरब तक जाएगी। उनके इस बयान के अब कई मायने निकाले जा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इसके पीछे कोई राजनीतिक षड्यंत्र तो नहीं, जिसका सामना जीत की ओर तेजी से भाग रही सपा को इस चुनाव में आगे भी देखने को मिलेगी?

चार बार सांसद रह चुके हैं भड़ाना

बता दें कि अवतार सिंह भड़ाना की गुर्जर मतदाताओं में काफी पकड़ है। कुछ समय पहले ही वे रालोद में शामिल हुए थे। वे चार बार सांसद रह चुके हैं। 2017 में उन्होंने मीरापुर सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी। उनके पार्टी छोड़ने को बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था। बताया जाता है कि उन्होंने पश्चिमी यूपी में बीजेपी को काफी मजबूत किया। फरीदाबाद के रहने वाले भड़ाना वहां से सांसद भी रह चुके हैं। वे मेरठ से भी लोकसभा सांसद रह चुके हैं।

जानिये, कौन है अवतार सिंह भड़ाना

हरियाणा के फरीदाबाद निवासी 64 वर्षीय अवतार सिंह भड़ाना का लंबा राजनीतिक करियर है। दल बदलने में माहिर भड़ाना कांग्रेस के टिकट पर फरीदाबाद से तीन और मेरठ से एक बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। 2017 में भाजपा ने उन्हें मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट से उतारा था, जिसमें उन्हें बहुत ही कम मार्जिन से जीत मिली थी। लेकिन, किसान आंदोलन के समर्थन में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। भड़ाना की गिनती बड़े गुर्जर नेताओं में होती है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गरमाई राजनीति

जेवर विधानसभा सीट से अवतार सिंह भड़ाना का पीछे हटना वेस्ट यूपी में सपा-आरएलडी गठबंधन के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। उनके चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। सियासी हलकों में तरह-तरह की चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।

10 फरवरी से मतदान

बता दें कि भड़ाना ने तीन दिन पहले ही ट्रैक्टर पर सवार होकर सूरजपुर कलेक्ट्रेट पर अपना नामांकन भरा था। प्रदेश में 403 विधानसभा सीटों के लिए चुनान होने वाला है। इसके लिए 14 जनवरी से नामांकन शुरु हो चुका है। चुनाव 10 फरवरी से शुरु होगा और 10 मार्च को मतगणना होगी। प्रदेश में चुनाव 7 चरणों में होगा।

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