UP Assembly Election 2022 : चुनाव आयोग लखनऊ आएगा, टलने के आसार नहीं
इलेक्शन स्थगित करना संविधान का उल्लंघन करना होगा - कुरेशी
(मीडिया स्वराज डेस्क)
उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव की तैयारियों के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग अपने दल बल के साथ मंगलवार को लखनऊ आ रहा है। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के पहले यह सामान्य बात है। लेकिन हाईकोर्ट द्वारा कोरोना महामारी की आशंका के चलते चुनाव टलने की अटकलें लगने लगी हैं, इसलिए आयोग के इस दौरे पर लोगों की निगाहें हैं।
समझा जाता है कि दौरे से वापस दिल्ली जाकर आयोग चुनाव की तिथियों की घोषणा करेगा। पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं।
कोरोना वायरस के नए अवतार ओमीक्रोन के मामलों में बढ़त सभी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
जानकार लोगों के अनुसार फिलहाल आयोग चुनाव टाले जाने के पक्ष में नहीं है।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने का कहना है कि चुनाव आयोग सभी हालातों का जायजा लेता है, जिसमें राजनीतिक हालात, सुरक्षा व्यवस्था और मेडिकल हेल्थ भी शामिल है।
श्री कुरेशी ने कहा इलेक्शन स्थगित करना संविधान का उल्लंघन करना होगा, यह सवाल तो उठता नहीं है। इससे बेहतर होगा कि रैलियों को बैन कर दें।
खबरें हैं कि चुनाव आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण से पूछा है कि आने वाले तीन महीनों में संक्रमण कितना फैल सकता है, इस पर स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि फिलहाल यह कहा नहीं जा सकता है, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए मामले 25 फीसदी तक बढ़ सकते हैं। चुनाव आयोग के साथ स्वास्थ्य विभाग की बैठक में कहा गया है कि अभी पांच चुनावी राज्यों में कोरोना के टीके की पहली डोज की स्थिति संतोजषनक है।
इन राज्यों में 70 फीसद लोगों को कोरोना टीका की पहली खुराक लगाई जा चुकी है। उत्तर प्रदेश में 83 फीसदी और पंजाब में 77 फीसदी लोगों को कोरोना की पहली डोज लग चुकी है। इसके अलावा गोवा और उत्तराखंड में शत प्रतिशत लोगों को कोरोना के टीके की पहली डोज लग चुकी है, मणिपुर में 70 फीसदी लोगों को कोरोना का पहला टीका लगाया जा चुका है।
गोवा, पंजाब, उत्तराखंड और मणिपुर विधानसभा का कार्यकाल मार्च 2022 में अलग-अलग तारीखों पर समाप्त हो रहा है। वहीं, उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल मई में समाप्त होगा। विधान सभा कार्यकाल समाप्त होने से पहले चुनाव करना होता है।