Swami Prasad Maurya: स्वामी प्रसाद मौर्य के जाने से पडरौना भाजपा खेमा खुश
Swami Prasad Maurya: प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya)ने एकबार फिर पाला बदल कर सपा का दामन थाम लिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य एक अनुभवी नेता हैं। वह अपना राजनीतिक नफा- नुकसान जरूर सोचे होगें, परंतु पहले ही दिन से यह कहा जाने लगा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपना राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा दिया है। इसके पीछे जो तर्क है उसे बहरहाल नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता है।
यह सभी को मालूम है स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार तीसरी मर्तबा कुशीनगर जनपद के पडरौना विधानसभा सीट से विधायक हैं और हमेशा प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं।
2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को कुशीनगर जनपद की सभी 7 सीटों पर शिकस्त का दंश झेलना पड़ा था। आंकड़ों की भाषा में कहा जाता है कि कुशीनगर जिले की फाजिलनगर, पडरौना और खड्डा में कुशवाहा मतदाता परिणाम को प्रभावित करने की हैसियत रखते हैं। प्रदेश के अन्य हिस्सों को किनारे रखकर बात करें तो अखिलेश यादव कुशीनगर जिले की ज्यादातर सीटों को सपा की झोली में डालने की उम्मीद स्वामी प्रसाद मौर्य से जरूर करेगें। परंतु स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए यह कर पाना आसान नहीं होगा। कारण यह कि कुशवाहा मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा मानसिक स्तर भाजपा का समर्थक माना जाता है।
यही नहीं मरिचहवा नरसंहार के बाद कुशवाहा और यादव बिरादरी के बीच ऐसी लकीर खीचीं कि आज भी कुशीनगर जनपद में सामाजिक तौर पर दोनों जातियां एक दूसरे के विपरीत रहतीं हैं। इसके अलावा जो सबसे बड़ी बात यह है कि स्वामी प्रसाद के सपा में शामिल होने के बाद जिले में एक नया राजनैतिक समीकरण बनेगा। अभी तक कुशीनगर जिले में समाजवादी पार्टी की राजनीति पूर्व मंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी, पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह और पूर्व सांसद बालेश्वर यादव के ही ईर्दगिर्द घूमती रही है। स्वामी प्रसाद के सपा में शामिल होने के बाद जिले में अभी से सपाइयों में चिंतन- मंथन शुरू हो गया है। वजह यह है कि स्वामी प्रसाद एक अपना खेमा तैयार जरूर करेगें। सपा में मची इस अंदरूनी खलबली के चलते ही जिले के भाजपाई बेहद खुश हैं और वे मिठाइयां बांटकर अपनी खुशी का प्रदर्शन भी करना शुरू कर दिया है।
लेखकः अवधेश मल्ल