पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य सनातनधर्मियों के महासंगम में हिस्सा लेने पहुंचे रामकथा पार्क

तीन दिनों का है पुरी पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य का यह अयोध्या प्रवास

आज शाम 4 बजे अयोध्या समेत अन्य सभी प्रमुख धर्मस्थलों से आए धर्माचार्यों का स्वागत व अभिनन्दन सहित ब्रह्मसागर संगठन के भविष्य के कार्ययोजना पर मंथन व विभिन्न संगठनो का परामर्श किया गया। आज शाम 6 बजे पुरीपीठाधीश्वर शङ्कराचार्य के आशीर्वचन और उपस्थित सम्मानित व्यक्तियों को आशीर्वाद तथा अंग वस्त्रम व अन्य सम्मान दिया जाना है।

मीडिया स्वराज डेस्क

पुरी पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज आज 20 नवंबर को रामकथा पार्क में होने वाले सनातन धर्मियों के महासंगम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे। ब्रह्म सागर संगठन के अध्यक्ष कैप्टन एस के द्विवेदी ने बताया कि श्री रामकथा पार्क में आज मुख्य आयोजन रखा गया था। इसके लिये सरयू तट पर स्थित रामकथा पार्क को भव्य रूप से सजाया गया। उन्होंने बताया कि आज सुबह 10 बजे कार्यक्रम के पहले चरण में ज्योतिष शोध संस्थान, सप्त सरोवर कालोनी से श्री राम कथा पार्क तक चरण-पादुका शोभा यात्रा निकाली गई। इसके बाद सुबह 11 बजे श्रीगोवर्धनमठ पुरीपीठाधीश्वर पुरीशङ्कराचार्य का माल्यार्पण, पूजन-वंदन किया गया। द्विवेदी ने बताया कि श्रीमद जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्च्छलानन्द सरस्वती महाराज के आशीर्वचन उपस्थित संगठनों के प्रमुख व्यक्तियों का उदबोधन उपस्थित जन समूह द्वारा चरणपादुका पूजन व प्रसाद वितरण किया गया।

प्रमुख धर्मस्थलों से आए धर्माचार्यों का स्वागत

आज शाम 4 बजे अयोध्या समेत अन्य सभी प्रमुख धर्मस्थलों से आए धर्माचार्यों का स्वागत व अभिनन्दन सहित ब्रह्मसागर संगठन के भविष्य के कार्ययोजना पर मंथन व विभिन्न संगठनो का परामर्श किया गया। आज शाम 6 बजे पुरीपीठाधीश्वर शङ्कराचार्य के आशीर्वचन और उपस्थित सम्मानित व्यक्तियों को आशीर्वाद तथा अंग वस्त्रम व अन्य सम्मान दिया जाना है।

शंकराचार्य महाराज शुक्रवार शाम को ही अयोध्या पहुंच गये थे। सनातन मिशन को नयी दिशा देने के उद्देश्य से शुक्रवार शाम से ही शंकराचार्य यहां तीन दिनों तक प्रवास के लिये पहुंचे हैं।

बता दें कि शंकराचार्य महाराज शुक्रवार शाम को ही अयोध्या पहुंच गये थे। सनातन मिशन को नयी दिशा देने के उद्देश्य से शुक्रवार शाम से ही शंकराचार्य यहां तीन दिनों तक प्रवास के लिये पहुंचे हैं। अयोध्या पहुंचने पर शंकराचार्य महाराज के स्वागत के लिए पूर्व आईएएस अधिकारी कैप्टन एस के द्विवेदी एवं चन्द्रिका प्रसाद तिवारी सहित श्रीब्रह्मसागर संगठन के पदाधिकारियों तथा अयोध्या के उप जिलाधिकारी व सीओ सिटी शुक्रवार शाम खुद रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। बाद में श्री संकटमोचक हनुमान मन्दिर प्रांगण में प्रश्नोत्तर माला में जिज्ञासुओं के प्रश्नों के उत्तर देते हुए शंकराचार्य जी महाराज ने कहा कि दर्शन, विज्ञान और अध्यात्म में सामंजस्य रखने वाले धर्मगुरु ही सनातन धर्म व देवसंस्कृति का कल्याण कर सकते हैं।

भावी समय हिन्दू संस्कृति का है, सनातन संस्कृति का है

श्रीशंकराचार्य ने शुक्रवार को कहा कि श्रीरामनगरी अयोध्या इस विश्व में मानव निर्मित प्रथम राजधानी है। उन्होंने कहा कि अयोध्या पहुंचने वाले लोग बड़े सौभाग्यशाली होते हैं। हिन्दू शब्द को शास्त्रसम्मत बताया और कहा कि भावी समय हिन्दू संस्कृति का है, सनातन संस्कृति का है। जगदगुरु शंकराचार्य ने कहा कि भारतीय संस्कृति में वे सभी तत्व विद्यमान हैं जो मानव समाज के लौकिक और पारलौकिक सभी प्रकार का उत्कर्ष करने में सक्षम हैं। एक प्रश्न के उत्तर में शंकराचार्य महाराज ने कहा कि ब्रह्म सत्यं जगत मिथ्या’ कथन आद्यगुरु शंकराचार्य का वचन नहीं है, उसे उन्होंने किसी उद्बोधन के दौरान विषय पर चर्चा करते हुये उद्धृत किया था। उन्होंने महामंत्र गायत्री सम्बन्धी सवालों के उत्तर भी दिए।

अयोध्या की धरती पर आज रचेगा नया इतिहास

शंकराचार्य ने कहा कि भगवान राम की धरती अयोध्या में आज 20 नवंबर को आपसी एकता का नया इतिहास लिखा जाएगा। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्च्छलानन्द सरस्वती के मार्ग-दर्शन में यूपी सहित देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले ब्रहमण और सनातन धर्मी संगठन एक मंच पर आकर अपनी ताकत की आवाज को बुलंद करेगे। यह पहला मौका है जब शंकराचार्य की अगुवाई में ब्रहमण तथा सनातन धर्म से जुटे संगटन एकजुट हो रहे है। अभी तक इस तरह के संगठन अलग-अलग बिखरे हुये थे।

यहां तीन दिन प्रवास करके सनातन मिशन को नयी दिशा और धार देंगे

ब्रह्म सागर संगठन की ओर से आयोजित सनातन धर्मियों के महासंगम में हिस्सा लेने जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्च्छलानन्द सरस्वती शुक्रवार को अयोध्या आ चुके हैं। वह यहां तीन दिन प्रवास करके सनातन मिशन को नयी दिशा और धार देंगे। यूपी के अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, दिल्ली, महाराष्ट्र, उड़ीसा, गुजरात, पश्चिम बंगाल तथा उत्तरांचल सहित अनेक राज्यों के सनातन धर्मी संगठन के प्रतिनिधि शुक्रवार देर शाम अयोध्या पहुंचे।

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23 नवम्बर को रेलमार्ग से मुरादाबाद प्रस्थान करेंगे

बता दें कि ब्रहम सागर पूरी तरह गैर राजनीतिक संगठन है जो सभी धर्मों तथा राजनीतिक संगठनों का सम्मान करता है। संगठन का मुख्य मकसद टुकडों में बिखरी समाज की ताकत को एकजुट करके उसे सामाजिक न्याय दिलाने के साथ-साथ समाज को कमजोर वर्ग की मदद करके उसे आगे बढाना है।

दिनांक 21 नवम्बर को शंकराचार्य जी अपने निवास पर गोष्ठी और दीक्षा के आयोजन में रहेंगे। 22 नवम्बर का कार्यक्रम राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में 12 से 2 बजे तक होगा। शंकराचार्य स्वामी निश्च्छलानन्द सरस्वती 23 नवम्बर को सायं 8 बजे रेलमार्ग से मुरादाबाद प्रस्थान करेगे।

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