एसजीपीजीआई लखनऊ: नर्सिंग स्टॉफ ने उठाये पीपीई किट की गुणवत्ता पर सवाल
लखनऊ. राजधानी स्थित संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसीजीपीजीआई) के नर्सिंग स्टॉफ ने उन्हें उपलब्ध कराई जा रही पीपीई किट की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि पीपीई किट पहनने के बावजूद उनके स्टाफ के 15 लोग कोरोना संक्रमण का शिकार हो गए हैं। इतना ही नहीं कोरोना वार्ड में नर्सिंग स्टॉफ ने अपने लिए एक अलग वाशरूम की भी मांग की है, अभी उन्हें वही वाशरूम यूज़ करने की इजाज़त है जिसका प्रयोग कोरोना पेशेंट्स द्वारा किया जा रहा है।
एसजीपीजीआई नर्सिंग एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला ने बताया कि राजधानी कोविड अस्पताल में अभी तक 60 नर्स कार्यरत हैं। लेकिन पीजीआई प्रशासन उनके साथ सही बर्ताव नहीं कर रहा है। कोरोना संक्रमितों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे वाशरूम यूज़ करने पर उन्हें मजबूर किया जा रहा है। नर्सिंग स्टाफ के अलावा अन्य 30 अस्पताल कर्मी भी क्वारंटाइन हैं। हमारी एसोसिएशन ने लगातार मास्क, सैनिटाइजर, गुणवत्तापूर्ण पीपीई किट की मांग की है लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। उच्च क्वालिटी की पीपीई किट केवल डॉक्टरों को दी जा रही है जबकि नर्सिंग स्टाफ को दोयम दर्जे की किट उपलब्ध कराई जा रही है।
कोविड अस्पताल में काम करने वाली एक नर्स ने बताया कि संक्रमण के डर से हम अस्पताल के खाली बेड पर सो जाते नहीं और अपने परिवार के पास नहीं जा पा रहे है। 14 दिन की ड्यूटी के बाद जब घर जाते हैं तो अलग ही सोते हैं।
इस संबंध में पीजीआई के चिकित्सा अधीक्षक अमित अग्रवाल का कहना है कि जिस स्टाफ में कोरोना की पुष्टि हुई उनमें से ज्यादातर नॉन कोविड अस्पताल में कार्यरत थे। वहीं अगर नर्सिंग स्टाफ को समस्या है तो उसे अस्पताल प्रशासन के सामने उसे रखना चाहिए। जहां तक पीपीई किट का सवाल है, वह अच्छी क्वालिटी की हैं।