दुनिया में निपट अकेले हाथी की जिंदगी में फिर से आ जायेगी बहार
आखिरकार 36 वर्षीय 4000 किलो वजनी भीमकाय हाथी पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के मरगज़र जीव उद्यान में 35 साल की नारकीय जिंदगी बिताने के बाद अब आजाद जिंदगी बिताने के लिये सोमवार 30 नवंबर को विमान से कंबोडिया पहुंच गया।
वहां उसे10,000-हेकटेयर (25,000-एकड़) में बने अभ्यारण्य में अपनी जिंदगी ख़ुद से बिताने के लिये छोड़ दिया जायेगा। जहां उसके इंतज़ार में तीन एशियाई हथिनियां विचरण कर रही हैं।
उसे 35 साल पहले श्रीलंका सरकार से उपहार के तौर पर पाकिस्तान लाया गया था। उस वक्त वह बेबी हाथी था। वह पाकिस्तान का एकमात्र एशियाई नस्ल का हाथी था।
सन् 2012 को उसकी संगिनी हथिनी का देहांत हो गया। फिर वह बिल्कुल अकेला हो गया और उदास रहने लगा। वह अपना मानसिक संतुलन भी को बैठा। परिणामस्वरूप उसे जंजीरों से जकड़ कर रखा जाने लगा। उसे कसरत करने के लिये जगह भी नहीं थी।
उसकी दर्दनाक कहानी किसी ने ट्विटर पर लिख दी जिस पर 74 वर्षीय मशहूर पॉप गायिका शेयर की नज़र पड़ी। वे पशुओं की आजादी और खुशहाली के लिये काम करती हैं।
उन्होंने इस सिलसिले में पाकिस्तान में पशु कल्याण में समर्पित लोगों से मुलाकात की। इस वर्ष जनवरी में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने उस जीव उद्यान को ख़राब व्यवस्था के कारण बन्द करने का फैसला दिया।
पॉप गायिका शेयर ने उस हाथी को दूसरी निरापद जगह प्रतिस्थापित करने के लिये काम शुरू किया। उन्होंने कावन के लिये एक गीत भी लिखा जिसके बोल थे— इस काम में पाकिस्तान के “A Dream is a Wish Your Heart Makes.”
कावन को आजादी दिलाने में शेयर की संस्था फ्री द वाइल्ड ने फ़ोर पौज़ नामक स्वयंसेवी संस्था के साथ मिलकर US$400,000 ($541,000) ख़र्च किया है। और अब वह इस मिशन पर एक डॉक्यूमेंट्री भी बना रही हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस नेक काम के लिये शेयर को धन्यवाद दिया है।
वेटिनरी डाक्टरों ने उसका वजन कम करने के लिये उसकी रोज़ाना खुराक जो 250 किलो गन्ना थी उसमें कमी की और पिछले तीन महीने के भीतर उसका वजन 450 किलो कम हो गया।
उसे रूसी मालवाहक विमान से कंबोडिया ले जाया गया। विमान में बड़ा सा पिंजरा तो था ही जिसमें बंद कर उसे रखा गया।साथ ही रास्ते में उसके खाने के लिये 200 किलो केले और तरबूज भी रखे हुए थे। खैर, इतनी जद्दोजहद के बाद उसे आजादी मिल गयी और नयी संगिनी भी मिल जायेगी।