महानदी बचाने के लिए राजेंद्र सिंह सत्याग्रह करेंगे

उड़ीसा में महानदी बचाने हेतु भारत के  प्रख्यात पर्यावरणविद रैमन मैग्सेसे पुरस्कार, स्टॉकहोम वाटर प्राइज से सम्मानित जलपुरुष राजेंद्र सिंह दो दिन तक अन्न त्याग करके सत्याग्रह कर रहे हैं .

19 मई 2022 को जलपुरुष राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में विरासत स्वराज यात्रा महानदी सोडा कलमा बैराज, भुवनेश्वर, उड़ीसा पहुंची। यहां महानदी नदी की चौड़ाई 500मीटर से भी ज्यादा होगी l लेकिन यह नदी  पूरी तरह से मर गई है, यहां एक बूंद भी पानी नहीं है। इस मरी हुई,सुखी नदी को देखकर जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि, महानदी नदी से लाखों- करोड़ों लोगों की जीविका,  जीवन और जमीर जुड़ा है। ऐसी नदी को इस तरह से मरते हुए देखकर आत्मा रो रही है। इसलिए  महानदी को प्रणाम करता हूं और महानदी के पुनर्जीवन के लिए जब तक इस यात्रा में उड़ीसा में रहूंगा, दाना नही खाऊंगा, यात्रा में सुचारू रूप से रहूंगा।

आज से दो दिन(19 – 20 मई) तक अन्न का त्याग करके उपवास ( सत्याग्रह) करूंगा। 

आगे जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि, यह मेरी आत्मिक तपस्या है। यह  सत्याग्रह किसी सरकार, देश या किसी के भी विरोध में नहीं है। 

महानदी एक राष्ट्रीय नदी है। इसका बेसिन पांच राज्यों में है और प्रवाह क्षेत्र दो राज्यों में होता है . कलमा बैराज एक तरफ  ऊपर भरा हुआ समुद्र दिखाता है और दूसरी तरफ महानदी बिलकुल सूख चुकी है।

उड़िसा सरकार ने पिछले चार वर्षों में महानदी के पर्यावरणीय प्रवाह को बनाए रखने हेतु लिखा- पढ़ी तो बहुत की है, लेकिन प्रभावी ढंग से नदी को जीवित रखने हेतु ट्रिब्यूनल और उच्चतम न्यायालय में प्रभावी कदम नही उठाए।  ट्रिब्यूनल के चार साल पूरे होने पर भी नदी के जीवन को कोई राहत नही दिला पाए,इसलिए नदी कलमा बैराज के नीचे बिलकुल मर गई और रेगिस्तान जैसी हो गई है। इस हेतु   नदी को पुर्नजीवित करने हेतु अपनी साधना की सिद्धि हेतु विरासत स्वराज यात्रा ने शेष दो दिनों तक अन्न ग्रहण नहीं करने का संकल्प लिया है।

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