साल्वाडोर के कवि राफाएल
अनुवादक—पंकज प्रसून
राफाएल मेंदिओत्सा दक्षिण अमेरिका के देश एल साल्वाडोर के मशहूर कवि ।यह कविता किसी भी देश के लिये प्रासंगिक है। उनका जन्म 22 दिसंबर 1945 को हुआ था। 20 अक्टूबर 2017 को उनकी मृत्यु हुई।
उनकी यह कविता ” एल साल्वाडोर: पोयम्स औफ रिबेलियन ” नामक संकलन की पहली कविता है। इस संकलन को लंदन स्थित एवं साल्वाडोर सौलिडेरिटी कैंपेन ने प्रकाशित किया है।
राफाएल मेदिओत्सा की कविता
सिर्फ मैं उसे देख सकता हूं
बताओ,बताओ,बताओ
राष्ट्रपति के हाल के दौरे की बात
…कि देश के स्थायित्व पर कितना
बढ़िया भाषण दिया था उन्होंने
…कि चौबीस घंटे वे और उनके साथी
करते रहते बस काम और काम
…कि पहले वाली से उनकी सरकार किस तरह अलग है
… एक चिड़िया बगल से उड़ जाती है
सिर्फ मैं उसे देख सकता हूं
और उसके साथ उड़ सकता हूं…
…कि पिछले रविवार को किसने खेला था बेहतरीन फुटबॉल
चुनाव-सभा में कितनी पिचें बनवाने का उनका वादा था
अभी से अच्छे नये स्टेडियम के बारे में
पेले की समस्या के बारे में,
दूसरे सितारों के बारे में…
एक पत्ता गिरता है
… मैं अकेला उसे देख सकता हूं
और उठा सकता हूं उसे…
बताओ,बताओ, और बताओ
मिस कौफी के बारे में
अगस्त पर्व की रानी के बारे में
मिस यूनिवर्स की अटकलों के बारे में
आर्क स्ट्रीट और दूसरी जगहों की रंडियों के बारे में
उस औरत के बारे में
जिसने भोजन के अभाव में
गला घोंट कर मार दिया था अपने बच्चों को करुणावश!
… एक तितली गुज़र जाती है फड़फड़ाती
सिर्फ मैं उसे देख सकता हूं
उसे बुला सकता हूं
और फूलों को बांट सकता हूं उसके साथ.…
बताओ,बताओ, दिन भर तो वे बतियाते ही रहते हैं
…मांस के बारे में
जिसे वे अमरीका को बेच रहे हैं
कौफी की फलियों की कीमत के बारे में
नयी पनबिजली परियोजना के लिये अंतरराष्ट्रीय कर्ज के बारे में
राष्ट्रीय लौटरी और उसे जीतने के बारे में
नये बनते होटलों के बारे में
पुलिस को मिली नयी बाइक के बारे में
उन शहरों के बारे में
जिन्हें सर्दियों में नदी बहा कर ले जायेगी
अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के बारे में
दस्त होते-होते एक बच्चा गुज़र जाता है
कोई टेपवर्म से
कोई भूख से
कोई अपने भाई के साथ उसकी बांहों में
कोई भीख मांगता
कोई अपने मां-बाप को खोजता
कोई जो मर गया है
हर कोई उन्हें गुज़रते देख सकता है
सिर्फ़ मैं उन्हें पुकारता हूं
फिर धूल फांकते हैं हम सब साथ।