केंद्र के संसद सत्र न बुलाने पर भड़कीं प्रियंका गांधी
नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 22वें दिन भी जारी है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने किसान संत बाबा राम सिंह की कथित खुदकुशी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. इसके साथ ही प्रियंका ने आरोप लगाया कि कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए संसद सत्र नहीं बुलाना सरकार के अहंकार और असंवेदनशीलता को दिखाता है. बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र इस बार कोरोना महामारी के कारण नहीं होगा.
BJP सरकार पर लगाया आरोप
प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘कोरोना काल के बीच में संसद चलाकर भाजपा सरकार ने अरबपति मित्रों के लिए बनाए गए कृषि कानूनों को पारित कर दिया लेकिन किसानों की मांग पर, 11 किसानों की शहादत व बाबा राम सिंह की आत्महत्या के बावजूद किसान कानूनों पर चर्चा के लिए संसद नहीं खुल सकती. इतना ज्यादा अहंकार और असंवेदनशीलता.’
मोदी सरकार की क्रूरता का परिणाम– कांग्रेस
उन्होंने कहा, ‘कई किसान अपने जीवन की आहुति दे चुके हैं. मोदी सरकार की क्रूरता हर हद पार कर चुकी है. ज़िद छोड़ो और तुरंत कृषि विरोधी क़ानून वापस लो.’ कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘हे राम, यह कैसा समय. ये कौन सा युग. जहां संत भी व्यथित हैं. संत राम सिंह जी सिंगड़े वाले ने किसानों की व्यथा देखकर अपने प्राणों की आहुति दे दी. ये दिल झकझोर देने वाली घटना है. प्रभु उनकी आत्मा को शांति दे.’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘संत की मृत्यु, मोदी सरकार की क्रूरता का परिणाम है.’
इस साल नहीं होगा शीतकालीन सत्र
सरकार ने पहले विपक्ष को बताया था कि महामारी के कारण इस साल संसद का शीतकालीन सत्र नहीं आयोजित किया जाएगा और जनवरी 2021 में बजट सत्र बुलाया जाएगा. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि उन्होंने विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के संसदीय दल के नेताओं से संपर्क किया था और ‘उन्होंने चल रही महामारी के बारे में अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं और शीतकालीन सत्र को रद्द करने की राय दी है.’