समाचार एजेंसी पीटीआई को प्रसार भारती की धमकी पर पत्रकारों में चिंता
हाल ही में भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के मातहत संस्था प्रसार भारती(Prasar Bharti) ने देश की सबसे बड़ी समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (Press Trust of India) को खुलेआम पत्र लिखकर डिश द्रोही बता दिया है और उसकी सेवाएँ बंद करने की धमकी दे डाली है।
प्रसार भारती के इस कदम की जमकर निंदा हो रही है। पत्रकार जगत में यह चर्चा है कि अभी तक सिर्फ पत्रकारों को ही देशद्रोही का तमगा दिया जाता था। अब सारी हदें पार करके पूरी की पूरी समाचार एजेंसी पर सवालिया निशान लगाते हुए उसे देशद्रोही करार दे दिया गया है। प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया का बस इतना ही कसूर था कि उसने चीन के राजूदत सुन वेईडांग के हवाले से कहा था कि आपसी सम्म्मान और समर्थन निश्चित तौर पर दोनों देशों के हित में है। इसमें चीनी सेना की कोई गलती नहीं है। मौजूदा हालातों के लिए भारतीय सेना जिम्मेदार है। इसके बाद चीनी राजदूत सुन वेईडांग ने एक ट्वीट करके यह बताया था कि उन्होंने भारतीय समाचार एजेंसी पीटीआई को एक इंटरव्यू दिया है और इसमें उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि मौजूदा हालातों के लिए भारत जिम्मेदार है और चीन की कोई गलती नहीं है। हम आपसी बातचीत के जरिये मामले को हल करना चाहते हैं। शांति चाहते हैं।
समचार संथाओं का काम है की वह किसी खबर से सम्बंधित सभी पक्षों की बात जनता तक पहुँचाएँ.
आपको बता दें कि पीटीआई को प्रसार भारती उसकी सेवाएँ लेकर रेवेन्यू देता है। लेकिन प्रसार भारती के इस रवैये से पत्रकार जगत में उसकी निंदा हो रही है।इस पूरे मामले पर न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट पब्लिश करते हुए कहा है कि यह पहला मामला नहीं है जब सरकार ने इस तरह का बर्ताव किया है। इससे पूर्व भी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पीटीआई को गुजरात के अहमदाबाद एयरपोर्ट की बाढ़ में डूबने वाली तस्वीर जारी करने पर आड़े हाथों लिया था और कहा था कि पीटीआई ने गलत तस्वीर जारी की है। इसके बाद पीटीआई को खंडन जारी करना पड़ा था। उससे पूर्व वर्ष 2017 में भी जब एजेंसी ने बीजेपी और जदयू नेताओं को मोदी और नीतीश कुमार के मास्क पहनने वाली तस्वीर जारी की थी तब भी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस पर आपत्ति जताई थी। जिसके बाद पीटीआई को माफी मांगनी पड़ी थी।
अब प्रसार भारती के पत्र में यह स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि वह अपने और पीटीआई के संबंधों की समीक्षा कर रहा है और जल्द ही इस पर निर्णय लेगा। ऐसे में प्रसार भारती के इस कदम को मीडिया जगत में दमनकारी माना जा रहा है।